कर्नाटक: हिजाब प्रतिबंध का असर, मुस्लिम छात्राएं बोलीं- अकेले कॉलेज जाने में डर लगता है

पीपुल्स यूनियन फॉर सिविल लिबर्टीज़ ने कर्नाटक में मुस्लिम छात्राओं के हिजाब प्रतिबंध के निर्णय के प्रभावों पर अध्ययन किया है, जिसमें कई छात्राओं ने बताया है कि उन्हें कॉलेज बदलकर मुस्लिम संस्थानों में दाखिला लेना पड़ा, अन्य समुदाय के छात्रों के साथ बातचीत सीमित हो गई और उन्होंने अलगाव व अवसाद महसूस किया.

कर्नाटक: नागरिकों ने सीएम को पत्र लिख कहा- अल्पसंख्यकों पर हमले से राज्य की बहुलता को ख़तरा

सेवानिवृत्त नौकरशाह, कलाकार और शिक्षाविदों के एक समूह ने कर्नाटक के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को लिखे पत्र में कहा है कि हाल में मुस्लिम, ईसाई और दलित समुदायों पर विभिन्न प्रकार के हमलों ने राज्य के समावेशी स्वभाव पर गर्व करने वालों को झकझोर कर रख दिया है. समूह ने कहा कि इससे प्रगति में बाधा उत्पन्न होगी, उद्यमियों और निवेशकों का विश्वास कम होगा तथा नागरिकों में असुरक्षा, संदेह, भय और आक्रोश बढ़ेगा.

हमारा संविधान: अनुच्छेद 29 और 30; अल्पसंख्यकों का सांस्कृतिक और शैक्षणिक अधिकार

वीडियो: भारत का संविधान बनाते समय यहां के अल्पसंख्यकों के अधिकारों के संबंध में क्या निर्णय लिए गए थे? संविधान के अनुच्छेद 29 और अनुच्छेद 30 के तहत अल्पसंख्यकों के क्या अधिकार हैं, हमारा संविधान की इस कड़ी में बता रही हैं अधिवक्ता अवनि बंसल.

कर्नाटक के एक कॉलेज में हिजाब पहने छात्रा को भगवा ग़ुंडों ने क्यों घेरा?

वीडियो: हिजाब को लेकर कर्नाटक के कई कॉलेजों में पिछले एक महीने से विवाद चल रहा है. यह विवाद तब शुरू हुआ जब उडुपी ज़िले एक सरकारी कॉलेज में छह छात्राओं को हिजाब पहनने की वजह से कॉलेज में प्रवेश करने नहीं दिया गया. द वायर की आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.

अगर सरस्वती पूजा महज़ धर्म नहीं संस्कृति है, तो हिजाब केवल धार्मिक प्रतीक क्यों

सरस्वती को विद्या की देवी कहकर हिंदुओं तक सीमित न रखने की अपील की जाती है. धर्म को संस्कृति का चोला ओढ़ाकर दूसरे धर्मावलंबियों को उसे मानने को बाध्य किया जाता है. ऐसे ही आशय से प्रेमचंद ने लिखा था कि सांप्रदायिकता को अपने असली रूप में निकलने में शर्म आती है, इसलिए वह संस्कृति की खाल ओढ़कर बाहर निकलती है.

कर्नाटक हिजाब विवादः विपक्षी दलों ने कहा- लड़कियों के अधिकारों की रक्षा करें

कांग्रेस, टीएमसी, वामपंथी दलों, राजद, एनसीपी और बसपा ने तर्क दिया कि संविधान नागरिकों को उनके धर्म का पालन करने के मौलिक अधिकार की गारंटी देता है. राज्यसभा सांसद मनोज कुमार झा ने कहा कि बाधा हिजाब नहीं है बल्कि इसका विरोध कर रहे लोगों की मानसिकता है.

कर्नाटक: उडुपी के दो अन्य कॉलेजों में हिजाब पहनकर गईं मुस्लिम छात्राओं को रोका गया

बीते जनवरी माह में कर्नाटक में उडुपी ज़िले के एक कॉलेज में मुस्लिम छात्राओं के हिजाब पहनने का विरोध करने का मामला सामने आने के बाद ऐसी ही दो घटनाएं इसी ज़िले के कुंडापुर में हुई हैं. इन दोनों कॉलेजों में भी हिजाब पहनकर आने वाली छात्राओं को प्रवेश नहीं करने दिया गया है. इस बीच राज्य के गृहमंत्री ने कहा है कि किसी को भी अपने धर्म का पालन करने के लिए विद्यालय नहीं आना चाहिए.

कर्नाटक हिजाब विवाद: छह में से एक छात्रा ने कर्नाटक हाईकोर्ट का दरवाज़ा खटखटाया

याचिका में यह घोषणा करने की मांग की गई है कि हिजाब पहनना भारत के संविधान के अनुच्छेद 14 और 25 के तहत एक मौलिक अधिकार है और यह इस्लाम की एक अनिवार्य प्रथा है. कर्नाटक के उडुपी स्थित गवर्नमेंट गर्ल्स प्री-यूनिवर्सिटी कॉलेज में हिजाब पहनने की वजह से 28 दिसंबर 2021 से छह मुस्लिम छात्राओं को कक्षाओं में बैठने नहीं दिया जा रहा है.

यति नरसिंहानंद के ख़िलाफ़ चलेगा सुप्रीम कोर्ट की अवमानना का मुक़दमा

यति नरसिंहानंद ने एक इंटरव्यू में कहा था, '... सुप्रीम कोर्ट, इस संविधान में हमें कोई भरोसा नहीं है. ये संविधान इस देश के सौ करोड़ हिंदुओं को खा जाएगा. ... जो इस सिस्टम, नेताओं, इस पुलिस, फौज और सुप्रीम कोर्ट में भरोसा कर रहे हैं, वो सारे कुत्ते की मौत मरने वाले हैं.'

भारत में क़त्ल-ए-आम के संकेतों को नज़रअंदाज़ करना हो सकता है ख़तरनाक

वीडियो: अल्पसंख्यकों के​ ख़िलाफ़ नफ़रत भरे भाषण, लक्षित हमलों और डिजिटल मीडिया प्लेटफॉर्म पर उनके उत्पीड़न के बढ़ते मामलों पर आरफा खानम शेरवानी मुसलमानों के अधिकारों, समुदाय में असुरक्षा और अन्य मुद्दों पर चर्चा कर रही हैं.

‘ग़ैरक़ानूनी’ फतवा: एनसीपीसीआर ने यूपी सरकार से दारुल उलूम देवबंद पोर्टल की जांच करने को कहा

राष्ट्रीय बाल अधिकार संरक्षण आयोग ने उत्तर प्रदेश सरकार से कथित रूप से ‘ग़ैरक़ानूनी और भ्रमित करने वाले’ फतवों को लेकर यह भी कहा कि जब तक इस तरह की सामग्री हटा नहीं ली जाती है, तब तक इस तक पहुंच को प्रतिबंधित कर दिया जाए. आयोग ने क़ानून के कथित उल्लंघन करने के लिए भी संस्थान के ख़िलाफ़ आवश्यक कार्रवाई करने के लिए कहा है.

बच्चे को जन्म देने का चुनाव व्यक्तिगत स्वतंत्रता का एक आयाम है: दिल्ली हाईकोर्ट

दिल्ली हाईकोर्ट ने एक गर्भवती महिला को भ्रूण में अधिक विकृति रहने के चलते मेडिकल गर्भपात कराने की अनुमति दी है. याचिकाकर्ता ने गर्भपात की अनुमति के लिए याचिका दायर कर दावा किया था कि भ्रूण दिल की असामान्यताओं से पीड़ित है और उसके जीवित रहने की संभावना सीमित है.

राम-कृष्ण के बिना भारत की संस्कृति अधूरी, उनके सम्मान के लिए क़ानून बने: इलाहाबाद हाईकोर्ट

भगवान राम और कृष्ण के ख़िलाफ़ अश्लील टिप्पणी करने के आरोपी एक को ज़मानत देते हुए जज जस्टिस शेखर कुमार यादव ने ये बात कही. उन्होंने कहा कि राम इस देश के हर नागरिक के दिल में बसते हैं, वह भारत की आत्मा हैं. बीते सितंबर महीने में एक अन्य मामले की सुनवाई करते हुए जस्टिस यादव ने कहा था कि संसद को गाय को ‘राष्ट्रीय पशु’ घोषित करने वाला क़ानून बनाना चाहिए और गायों को मौलिक अधिकारों के दायरे

संपत्ति पर बुज़ुर्गों का असली हक़, बच्चे इसके सिर्फ़ ‘लाइसेंसधारक’ होते हैंः कलकत्ता हाईकोर्ट

कलकत्ता हाईकोर्ट ने कहा कि एक वरिष्ठ नागरिक के अपने घर में रहने के अधिकार को विशेष रूप से भारत के संविधान के अनुच्छेद 21 के चश्मे से देखा जाना चाहिए. अब यह अच्छी तरह से तय हो चुका है कि वरिष्ठ नागरिक के घर में रहने वाले बच्चे और उनके जीवनसाथी ज़्यादा से ज़्यादा ‘लाइसेंसधारक’ होते हैं. यदि वरिष्ठ नागरिक अपने बच्चों और परिवार के साथ खुश नहीं हैं, तो इस लाइसेंस को समाप्त भी किया जा सकता है.