राज्यसभा सदस्य और एमडीएमके के संस्थापक वाइको ने अपनी याचिका में कहा कि फारूक अब्दुल्ला पर कार्रवाई पूरी तरह से अवैध और मनमानी है. ये उनके संवैधानिक अधिकारों का हनन है.
कश्मीर में मानवाधिकार स्थिति को लेकर अमेरिका के दो सांसदों ने चिंता जाहिर करते हुए विदेश मंत्री माइक पोम्पिओ से अपील की है कि वह कश्मीर में संचार माध्यमों को तत्काल बहाल करने और हिरासत में लिए गए सभी लोगों को छोड़ने के लिए भारत सरकार पर दबाव डालें.
अमेरिकी विदेश मंत्रालय के इस बयान पर भारत ने आधिकारिक तौर पर कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है.
यह मामला मध्य प्रदेश के ग्वालियर का है. माकपा नेता शेख अब्दुल गनी 'धारा 370- सेतु या सुरंग' नाम की किताब को बेच रहे थे, जिसके लेखक मध्य प्रदेश की माकपा इकाई के प्रमुख जसविंदर सिंह हैं.
अनुच्छेद 370 हटने के बाद श्रीनगर के सौरा में हुए एक विरोध प्रदर्शन में शामिल हुआ यह युवक पैलेट लगने से घायल हो गया था. हालांकि सेना का कहना है कि युवक की मौत पैलेट से लगी चोट से नहीं बल्कि पथराव से हुई है.
हॉन्ग कॉन्ग और कश्मीर दोनों ही इस समय इतिहास के एक जैसे दौर से गुजर रहे हैं; दोनों की स्वायत्तता के नाम पर की गई संधि खतरे में है और उनसे संधि करने वाले देशों की सरकार इन संधियों से मुकर रही हैं.
कश्मीर हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष नजीर अहमद रोंगा को जम्मू कश्मीर का विशेष राज्य का दर्जा ख़त्म करने से एक दिन पहले 4 अगस्त को पीएसए के तहत गिरफ़्तार किया गया था. आरोप है कि वे इस निर्णय को लेकर लोगों को प्रभावित कर सकते थे.
श्रीनगर से ग्राउंड रिपोर्ट: मुख्यधारा के मीडिया में आ रही कश्मीर की ख़बरों में से 90 प्रतिशत झूठी हैं. कश्मीर के हालात मामूली प्रदर्शनों तक सीमित नहीं हैं और न ही यहां कोई सड़कों पर साथ मिलकर बिरयानी खा रहा है.
पाकिस्तान ने सात पन्नों के इस पत्र में हरियाणा के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के कश्मीरी लड़कियों के साथ विवाह से जुड़े कथित बयान का ज़िक्र किया है. पाकिस्तान के पत्र में कांग्रेस नेता राहुल गांधी का भी नाम था, जिसके बाद भाजपा ने उनके खिलाफ मोर्चा खोल दिया था.
जम्मू कश्मीर में इंटरनेट और फोन सेवाएं बंद करने पर राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि आतंकवादियों और पाकिस्तान के लिए यह ज़्यादा उपयोगी है. इसका इस्तेमाल झूठ फैलाने और बरगलाने के लिए किया जाता है.
बीते पांच अगस्त को केंद्र की मोदी सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर को विशेष दर्जा देने वाले अनुच्छेद 370 और अनुच्छेद 35ए को हटाने और राज्य को दो केंद्रशासित प्रदेशों में बांटने के निर्णय लिया गया था.
सूचना के इस युग में किसी सरकार का इतनी आसानी से एक पूरी आबादी को बाकी दुनिया से काट देना दिखाता है कि हम किस ओर बढ़ रहे हैं.
मीडिया बोल की इस कड़ी में उर्मिलेश जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को हटाने को पाकिस्तान द्वारा संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में ले जाने पर वरिष्ठ पत्रकार मनोज जोशी, पूर्व भारतीय राजदूत मीरा शंकर और हिंदुस्तान टाइम्स के पॉलिटिकल एडिटर विनोद शर्मा से चर्चा कर रहे हैं.
चीन और पाकिस्तान के अनुरोध पर शुक्रवार को जम्मू कश्मीर मामले पर संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की बंद कमरे में बैठक हुई. भारत ने कहा कि सुरक्षा परिषद बैठक समाप्त होने के बाद हमने पहली बार देखा कि दोनों देश (चीन और पाकिस्तान) अपने देश की राय को अंतरराष्ट्रीय समुदाय की राय बताने की कोशिश कर रहे थे.
250 से अधिक शिक्षाविदों, कलाकारों और कार्यकर्ताओं ने बयान जारी कर कहा कि जम्मू कश्मीर में भारत सरकार के फैसले दिखाते हैं कि उनके मन में संविधान, धर्मनिरपेक्षता और लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति कोई सम्मान नहीं है.