सिटीज़न फॉर जस्टिस एंड पीस की संस्थापक तीस्ता सीतलवाड़ का कहना है कि उनका संगठन आपराधिक न्याय प्रणाली में सुधार के साथ कानूनी संसाधन प्लेटफॉर्म के रूप में भी काम करेगा.
केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट में कहा, 'दिल्ली सबकी है, न कि सिर्फ़ उनकी जो यहां रहते हैं. एलजी के लिए दिल्ली सरकार की सलाह और परामर्श बाध्यकारी नहीं है.
कोर्ट ने कहा, पुलिस और सार्वजनिक व्यवस्था केंद्र के दायरे में आती है और दिल्ली विधानसभा इन विषयों के बारे में कानून नहीं बना सकती है.
शीर्ष अदालत ने कहा कि इस तरह की याचिका ने न्यायाधीशों की ईमानदारी पर अनावश्यक संदेह पैदा किया है.
पूर्व क़ानून मंत्री शांति भूषण बता रहे हैं कि 10 नवंबर को मुख्य न्यायाधीश की अदालत में जो हुआ, वह सर्वोच्च न्यायालय और भारत की न्यायपालिका के भविष्य पर गंभीर सवाल खड़े करता है.
मामले में कैंपेन फॉर ज्यूडिशियल अकाउंटेबिलिटी एनजीओ की ओर से पेश वकील प्रशांत भूषण कोर्ट से यह कहते हुए निकल गए कि उन्हें बोलने की अनुमति नहीं दी जा रही है.
सर्वोच्च न्यायालय ने कहा, वह जो भी हों, कितने भी शक्तिशाली हों, कानून से नहीं बच सकते हैं और न्याय होगा.
उच्चतम न्यायालय ने कहा, मुख्यमंत्री और उनके मंत्रिपरिषद की सहायता और परामर्श शब्द शून्य में नहीं हैं, उन्हें कुछ मायने तो देना ही होगा.
कोर्ट ने कहा, अगर दिल्ली सरकार एक नीतिगत फ़ैसला करती है तो वह एलजी को जानकारी देने के लिए बाध्य है, परंतु एलजी का सहमत होना ज़रूरी नहीं है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार पिछले तीन वर्षो के दौरान 1200 पुराने और अप्रचलित क़ानूनों को समाप्त कर चुकी है.
पीठ ने सुनवाई के दौरान कहा अनुच्छेद 239 एए दिल्ली के संबंध में विशिष्ट है और पहली नजर में ऐसा लगता है कि दूसरे केंद्र शासित प्रदेशों से दिल्ली के उपराज्यपाल को ज्यादा अधिकार दिए गए हैं.
दिल्ली भाजपा नेता और अधिवक्ता अश्विनी कुमार उपाध्याय ने अपनी याचिका में कहा है कि इन राज्यों में अल्पसंख्यक होने के बावजूद हिंदुओं को उनके अधिकारों से वंचित किया जा रहा है.
याचिका में दी गई दलील, संविधान के अनुच्छेद 21 के तहत जीने के अधिकार में यह भी शामिल है कि क़ैदी की सज़ा पर सम्मानजनक अमल हो ताकि मृत्यु कम पीड़ादायक हो.
व्यक्ति कुछ मौलिक अधिकारों से संपन्न है. संविधान इन अधिकारों की निशानदेही कर राज्य को बताता है कि वह व्यक्ति के जीवन में कहां हस्तक्षेप नहीं कर सकता.
साझी विरासत बचाओ सम्मेलन में आठ ग़ैर भाजपाई दलों ने साधा नरेंद्र मोदी सरकार पर निशाना.