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भ्रामक विज्ञापनों के लिए सीसीपीए ने सेंसोडाइन पर 10 लाख रुपये का जुर्माना लगाया

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने सेंसोडाइन के ‘दुनियाभर में दंत चिकित्सकों द्वारा रेकमेंडेड’ और ‘दुनिया का नंबर एक सेंसेटिविटी टूथपेस्ट’ का दावा करने वाले विज्ञापन को सात दिन के अंदर हटाने के लिए कहा है.

उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने नियमों के उल्लंघन को लेकर सेंसोडाइन के विज्ञापन पर रोक लगाई

केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने ग्लैक्सोस्मिथक्लाइन कंज्यूमर हेल्थकेयर लिमिटेड से इसके उत्पाद सेंसोडाइन और नापतोल ऑनलाइन शॉपिंग लिमिटेड के ख़िलाफ़ अपने उत्पादों के प्रचार-प्रसार में भ्रामक विज्ञापनों और अनुचित व्यापार गतिविधियों के इस्तेमाल को लेकर रिपोर्ट तलब की है.

प्याज़ का भाव 165 रुपये किलो तक पहुंचा, आयातित प्याज़ 20 जनवरी तक आने की संभावना

देश के अधिकांश शहरों में प्याज़ के भाव 100 रुपये किलो के पार पहुंचे. प्याज के प्रमुख उत्पादक केंद्र महाराष्ट्र के नासिक में शुक्रवार को इसकी दर 75 रुपये किलो थी.

**EDS: WITH PTI STORY** New Delhi: Lebourers sort onions at Azadpur Mandi, a major market of the Agriculture Produce Marketing Committee (APMC), in New Delhi, Sunday, Sept. 22, 2019. Onion prices are spiralling reportedly due to shortage of supply, and also amid reports of crop damage and delay in arrivals of new crop. (PTI Photo/Shahbaz Khan) (PTI9_22_2019_000022B)

देशभर में प्याज़ की ऊंची कीमत से राहत नहीं, पणजी में भाव 110 रुपये किलो पहुंचा

उपभोक्ता मामलों के मंत्रालय के आंकड़ों के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में प्याज़ की कीमत 76 रुपये किलो, मुंबई में 92 रुपये किलो, कोलकाता में 100 रुपये किलो और चेन्नई में 80 रुपये किलो रही. बढ़ती कीमतों के बीच कई जगहों पर प्याज़ चोरी होने की घटनाएं भी सामने आई हैं.

A worker operates a hydraulic press machine at a workshop manufacturing flanges for automobiles in Mumbai, India, May 29, 2017. REUTERS/Shailesh Andrade/File Photo

17 महीने के निचले स्तर पर पहुंचा औद्योगिक विकास

विनिर्माण क्षेत्र की धीमी रफ़्तार के कारण औद्योगिक विकास नवंबर महीने में सिर्फ़ 0.5 प्रतिशत दर्ज की गई. इससे पहले जून 2017 में यह 0.3 प्रतिशत पर पहुंच गया था.

फोटो: रॉयटर्स

जीएसटी: ‘नई आज़ादी’ के आधी रात के जश्न में गुम न हो जाएं ये सवाल

जीएसटी को लागू किए जाने से पहले सरकार ने छोटे कारोबारियों की चिंताओं को नज़रअंदाज़ किया. किसी को जीएसटी के जटिल प्रारूप के कारण छोटे व्यापारियों पर पड़नेवाले प्रभावों का आकलन करने की फुर्सत नहीं है, जिन पर वकील और सीए अभी से ही शिकारी बाज़ की तरह झपट पड़े हैं.