वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने सोमवार को कोविड- 19 की दूसरी लहर से प्रभावित अर्थव्यवस्था में स्वास्थ्य, एमएसएमई, पर्यटन, निर्यात क्षेत्र सहित विभिन्न क्षेत्रों को सहारा देने के लिए कुल मिलाकर 6,28,993 करोड़ रुपये के प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की थी. विपक्ष ने इसे लेकर सवाल उठाए हैं.
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने अर्थव्यवस्था को बढ़ावा देने के लिए एक नए आर्थिक प्रोत्साहन पैकेज की घोषणा की है. कोविड-19 के टीके पर शोध के लिए 900 करोड़ रुपये और 65,000 करोड़ रुपये की उर्वरक सब्सिडी का ऐलान. आवास के लिए 18,000 करोड़ रुपये का प्रावधान.
केंद्र सरकार का आत्मनिर्भर भारत पैकेज जीडीपी का करीब 10 फीसदी है लेकिन इससे सरकारी खजाने पर पड़ने वाला भार जीडीपी का करीब एक फीसदी ही है. यानी कि केंद्र इतनी ही राशि खर्च करेगा. सरकार ने अधिकतर राहत कर्ज या कर्ज के ब्याज में कटौती के रूप में दी है.
केंद्र सरकार का आत्मनिर्भर भारत पैकेज जीडीपी का करीब 10 फीसदी है लेकिन इससे सरकारी खजाने पर पड़ने वाला भार जीडीपी का करीब एक फीसदी ही है. सरकार ने अधिकतर राहत कर्ज या कर्ज के ब्याज में कटौती के रूप में दी है.
सरकार ने राहत पैकेज का 90 फीसदी से ज्यादा हिस्सा कर्ज, ब्याज पर छूट देने इत्यादि के लिए घोषित किया है, जिसका फायदा बड़े बिजनेस वाले ही अभी उठा रहे हैं. यदि ज्यादा लोगों के हाथ में पैसा दिया जाता तो वे इसे खर्च करते और इससे खपत में बढ़ोतरी होती, जिससे अर्थव्यवस्था को पुनर्जीवित करने में काफी मदद मिलती.