बीते 26 नवंबर को गुजरात के राजकोट में कोविड-19 अस्पताल के आईसीयू में आग लगने से पांच मरीजों की मौत हो गई थी और छह अन्य घायल हो गए थे. 27 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने इस पर स्वत: संज्ञान लेते हुए गुजरात सरकार से रिपोर्ट मांगी थी.
इससे पहले अगस्त महीने में अहमदाबाद के एक निजी कोविड-19 अस्पताल के आईसीयू वार्ड में आग लगने के बाद आठ कोरोना मरीज़ों की मौत हो गई थी.
मामला मुंबई के सेवरी के टीबी अस्पताल का है, जहां टीबी पीड़ित 27 साल का एक कोरोना संक्रमित मरीज़ चौदह दिनों से लापता था. बीएमसी ने मामले में उच्चस्तरीय जांच के आदेश देते हुए वॉर्ड में काम कर रहे अस्पताल के 40 कर्मचारियों को नोटिस जारी किया है.
इंदौर में शवों के रखरखाव में लापरवाही बरतने का यह पहला मामला नहीं है. पिछले हफ़्ते यहां के सरकारी महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय एक लावारिस लाश के सड़कर तक़रीबन कंकाल में बदल जाने का मामला सामने आया था. इसी अस्पताल में पांच महीने के बच्चे के शव को छह दिन तक गत्ते के बॉक्स में बंद कर रखे जाने का भी खुलासा हुआ था.
कर्नाटक के चिकित्सा शिक्षा मंत्री ने कहा है कि निजी अस्पतालों के लिए यह अनिवार्य है कि वे संक्रमित मरीज़ों के इलाज के लिए 50 प्रतिशत बिस्तर आवंटित करें. कानून का उल्लंघन करने वाले अस्पतालों के ख़िलाफ़ सख़्त कार्रवाई की जाएगी.
भारत में रविवार को कोरोना के 52,972 मामले सामने आने के बाद संक्रमण के कुल मामले 18 लाख के पार पहुंच गए है. यह आंकड़ा एक दिन पहले ही सत्रह लाख हुआ था. दुनिया भर में कोरोना संक्रमितों की कुल संख्या 1.82 करोड़ से अधिक हो चुकी है.
देश में कोविड-19 के एक दिन में 54,735 मामले सामने आने के बाद रविवार को कोरोना वायरस संक्रमण के कुल मामले 17 लाख के पार पहुंच चुके हैं. बीते चौबीस घंटों में देश में 853 लोगों ने इस संक्रमण से जान गंवाई है.
भारत में शुक्रवार को एक दिन में कोरोना वायरस के 57,118 नए मामले दर्ज हुए हैं, जो अब तक का सर्वाधिक आकंड़ा है. यह लगातार तीसरा दिन था, जब एक दिन में कोरोना के पचास हज़ार से अधिक मामले दर्ज हुए हैं.
मामला नोएडा के एक निजी अस्पताल के आइसोलेशन वॉर्ड का है. आरोपी पेशे से डॉक्टर है और कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद उसे यहां भर्ती कराया गया था.
बृहत बेंगलुरु महानगरपालिका ने बताया कि इन लोगों ने कोरोना टेस्ट के लिए सैंपल देते समय ग़लत मोबाइल नंबर और पता दर्ज कराया था. लापता संक्रमितों की संख्या शहर में अब तक कोरोना के कुल मामलों का लगभग सात फ़ीसदी है.
पटना के हाजीपुर सदर अस्पताल का मामला. आरोप हैं कि अस्पताल प्रशासन ने 12 घंटे पहले आई डॉक्टर की कोरोना पॉजिटिव रिपोर्ट को उन्हीं से छिपाए रखा. इस दौरान संक्रमित डॉक्टर ने चार नर्सों के साथ मिलकर आठ घंटे में 12 नवजात बच्चों का इलाज किया.
झारखंड कैबिनेट ने संक्रामक रोग अध्यादेश 2020 को मंज़ूरी दी है, जिसके तहत सार्वजनिक स्थानों पर कोविड सुरक्षा नियमों का उल्लंघन करने पर एक लाख रुपये का जुर्माना और दो साल तक की जेल हो सकती है.
दक्षिण दिल्ली के कोविड केयर सेंटर में 15 जुलाई को यह घटना हुई. आरोप है कि एक आरोपी ने शौचालय में नाबालिग लड़की का यौन उत्पीड़न किया, जबकि एक अन्य शख़्स ने इस घटना का वीडियो बनाया था.
मामला सांबा ज़िले के सरकारी अस्पताल का है. 1 जुलाई को एक सॉफ्ट ड्रिंक प्लांट के मज़दूर के कोरोना संक्रमित पाए जाने के बाद यहां के क़रीब 15 मजदूरों की जांच हुई थी, लेकिन दूसरे दौर के टेस्ट की रिपोर्ट आने से पहले ही उन्हें डिस्चार्ज कर दिया गया, जिसके बाद कई अपने गृह-नगरों के लिए निकल गए.
घटना सूरत के एसएमआईएमईआर अस्पताल का है. परिवार का आरोप है कि अस्पताल ने महिला को इलाज के दौरान ही डिस्चार्ज कर दिया. वहीं अस्पताल का कहना है कि इस घटना में उनकी कोई ग़लती नहीं है.