कोरोना महामारी के बढ़ते प्रकोप की वजह से राजधानी दिल्ली समेत देश विभिन्न शहरों में ऑक्सीजन, वेटिंलेटर और अस्पतालों में बिस्तरों की कमी की ख़बरें आ रही हैं. दिल्ली हाईकोर्ट पीठ ने केंद्र सरकार से यह जानकारी देने को कहा कि कोविड-19 के मरीज़ों के लिए ऑक्सीजन की पर्याप्त आपूर्ति के लिए क्या-क्या किया जा सकता है?
कोरोना महामारी की दूसरी लहर के बीच मध्य प्रदेश हाईकोर्ट ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा एवं देशव्यापी समस्या होने के कारण केंद्र सरकार को औद्योगिक उपयोग की ऑक्सीजन को मेडिकल ऑक्सीजन के लिए उपयोग करने की व्यवस्था पर विचार करना चाहिए और यदि फ़िर भी यह ऑक्सीजन पर्याप्त नहीं होती है तो इसका आयात करना चाहिए.
ट्विटर पर दिल्ली में कोविड-19 महामारी के बढ़ते मामलों के बीच अस्पतालों में बिस्तरों की कमी को लेकर कई लोगों ने पोस्ट किए हैं. हालांकि मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि अस्पतालों में बिस्तरों की कमी नहीं है और कोविड मरीज़ों के लिए अब भी 5,000 बेड उपलब्ध हैं. उन्होंने आश्वासन दिया कि बड़े पैमाने पर बिस्तर उपलब्ध कराने के लिए प्रयास जारी हैं.
मामला गुजरात के भरूच ज़िले का है. दो कोरोना संक्रमित मरीज़ों के शव का दाह संस्कार करने के दौरान दो शवदाहगृहों के पास रहने वाले लोगों ने विरोध किया. लोगों का कहना था कि धुएं से संक्रमण फैलने का ख़तरा है.
समिति ने दिल्ली के किसी भी अस्पताल में कोरोना वायरस आइसोलेशन बेड का शुल्क 8,000 रुपये से 10,000 रुपये तथा वेंटिलेटर वाले आईसीयू बेड का शुल्क 15,000 रुपये से 18,000 रुपये प्रतिदिन तय करने की सिफ़ारिश की है.
सुप्रीम कोर्ट में दायर याचिका में संक्रमित लोगों के लिए निजी क्वारंटीन सेंटर की सुविधा एवं अस्पतालों की संख्या बढ़ाने की भी मांग की गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से ऐसे अस्पतालों की पहचान करने को कहा है, जहां कोविड-19 मरीजों का इलाज नि:शुल्क या बेहद कम लागत में किया जा सकता है. अदालत ने केंद्र सरकार से एक सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है.
मृतक के रिश्तेदारों ने अंतिम संस्कार में देरी की वजह से जिला प्रशासन और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों पर आरोप लगाए हैं. वहीं अस्पताल प्रशासन ने कहा कि मृतक के रिश्तेदार ने शव को छूने तक से मना कर दिया गया था.
देश में कोरोना वायरस से जुड़े आंकड़े सरकार की दो संस्थाएं- इंडियन काउंसिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और नेशनल कोऑपरेटिव डेवलपमेंट कॉरपोरेशन जुटा रही हैं. दोनों एजेंसियों ने द्वारा जारी किए गए संक्रमण के आंकड़ों में एक हज़ार से अधिक का अंतर है.
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने शुक्रवार को आदेश जारी कर लॉकडाउन के दौरान नगर निगम क्षेत्र से बाहर आवासीय और मार्केट कॉम्प्लेक्स स्थित सभी दुकानों तथा ग़ैर-कंटेनमेंट ज़ोन में नगर निगम के दायरे में स्थित आवासीय परिसरों में दुकानों को खोलने को मंज़ूरी दी है.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक, कोरोना वायरस से मरने वालों में 42.2 फीसदी की उम्र 75 आयुवर्ग से अधिक है. 33.1 फीसदी लोग 60-75 आयुवर्ग के, 10.3 फीसदी लोग 45-60 आयुवर्ग और 14.4 फीसदी लोग 45 साल से कम उम्र के थे.