दिल्ली सरकार के आदेश में कहा गया है कि सभी निजी अस्पतालों के लिए आइसोलेशन बेड की नई दर आठ से 10 हज़ार रुपये तय की गई है. बिना वेंटिलेटर के आईसीयू के बेड का शुल्क 13 से 15 हज़ार रुपये और वेंटिलेटर के साथ आईसीयू में बेड का शुल्क 15 से 18 हज़ार रुपये तय किया गया है.
दिल्ली के रहने वाले संदीप गर्ग को सांस लेने में तकलीफ के चलते जीटीबी अस्पताल में भर्ती कराया गया था. उनकी बेटी का आरोप है कि अस्पताल के स्टाफ का व्यवहार काफ़ी ख़राब था. उन्होंने तमाम औपचारिकताएं और पेपर वर्क पूरा करने का हवाला देकर मेरे पिता को भर्ती करने में बहुत देर कर दी.
जम्मू में बीते 18 जून को कोरोना वायरस से संक्रमित एक व्यक्ति के अंतिम संस्कार में शामिल होने के दौरान उनके दो रिश्तेदारों की मौत हो गई थी. परिजनों को आरोप है कि दोनों की मौत प्रशासन की लापरवाही का नतीजा है. भीषण गर्मी के बावजूद उन्हें पीपीई किट पहनाकर एक श्मशान भूमि से दूसरे श्मशान भूमि घुमाया गया. पानी की कमी से उनकी मौत हो गई.
घटना फरीदाबाद के बीके अस्पताल की है, जहां एक विवाद में मारे गए युवक का शव अस्पताल की मोर्चरी से गायब हो गया था. परिजनों द्वारा पूछताछ के बाद सामने आया कि अस्पताल प्रशासन ने इसे कोरोना संक्रमित लावारिस शव समझकर अंतिम संस्कार कर दिया. मामले में एफआईआर दर्ज की गई है.
सुप्रीम कोर्ट ने यह टिप्पणी तय समय पर आरोप-पत्र दायर नहीं किए जाने पर एक आरोपी को ज़मानत देने से इनकार करने के मद्रास हाईकोर्ट के आदेश को पलटते हुए की.
आईसीएमआर की ओर से कहा गया है कि राज्य परीक्षण क्षमता बढ़ाने के लिए आवश्यक क़दम उठाएं, ताकि लक्षण वाले हर व्यक्ति की जांच संभव हो पाए. इससे संक्रमण का जल्द पता लगाने और इसे रोकने में मदद मिलेगी और लोगों की ज़िंदगी बच पाएगी.
डब्ल्यूएचओ प्रमुख टेड्रोस एडेहनम ग्रेब्रेयेसस ने कहा कि विषाणु अब भी तेजी से फैल रहा है और भौतिक दूरी, मास्क लगाने तथा हाथ धोने जैसे कदम आज भी महत्वपूर्ण हैं.
उन लोगों के लिए ये राहत भरा क़दम हो सकता है जो उचित पारदर्शिता और जवाबदेही नहीं होने के कारण पीएमएनआरएफ और पीएम केयर्स फंड में अनुदान देने को लेकर संशय की स्थिति में थे.
आरबीआई के पूर्व गवर्नर उर्जित पटेल को देश के महत्वपूर्ण आर्थिक थिंक-टैंक राष्ट्रीय लोक वित्त एवं नीति संस्थान का चेयरमैन नियुक्त किया गया है. यह एक स्वायत्त संस्था है जिसका गठन वित्त मंत्रालय, पूर्ववर्ती योजना आयोग और कई राज्य सरकारों ने मिलकर संयुक्त रूप से किया था.
उत्तर प्रदेश में बांदा ज़िले में आत्महत्या करने वाले किसान कथित तौर पर परिवार का भरण पोषण न कर पाने के कारण परेशान थे, वहीं लड़की द्वारा आत्महत्या करने की वजह पता नहीं चल सकी है.
संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस के चलते विभिन्न देशों में लगाए गए लॉकडाउन की वजह से ढेर सारे बच्चों को अपने साथ दुर्व्यवहार करने वालों के साथ लगातार रहने पर मजबूर होना पड़ रहा है.
करीब 15 साल पहले पारित किए गए आपदा प्रबंधन अधिनियम में ये प्रावधान दिया गया है कि आम जनता या संस्थान नेशनल डिज़ास्टर रिस्पॉन्स फंड (एनडीआरएफ) में अनुदान दे सकते हैं, लेकिन इसे लेकर अब तक कोई अकाउंट नहीं बनाया गया है. पीएम केयर्स के विपरीत इस फंड पर आरटीआई एक्ट लागू है और इसकी ऑडिटिंग कैग करता है.
उत्तर प्रदेश के बांदा ज़िले के अतर्रा और बिसंडा थाना क्षेत्र की घटना. एक मज़दूर दो महीने से काम न मिलने के कारण कथित तौर पर परेशान थे, जबकि एक अन्य मज़दूर गुजरात के वापी शहर से लौटे थे.
प्रवासी मज़दूरों की समस्याओं पर लिए गए स्वत: संज्ञान पर सुप्रीम कोर्ट ने एक बार फिर स्पष्ट किया कि घर भेजने के दौरान इन श्रमिकों से कोई किराया नहीं लिया जाएगा, केंद्र या राज्य सरकारें इसका भुगतान करेंगी.
घटना गुरुवार को उस समय हुई, जब एक 65 वर्षीय कोरोना संक्रमित व्यक्ति के दाह संस्कार के लिए उनके बेटे के साथ परिवार के दो लोग जा रहे थे. बताया गया कि तीनों ने पीपीई किट पहन रखी थी और बेहद गर्मी के चलते वे बेहोश हो गए. इनमें से दो की मौत हो गई, एक अस्पताल में भर्ती है.