केंद्रीय जलशक्ति मंत्रालय ने राज्यसभा को बताया कि गंगा नदी में फेंके गए संभावित कोविड-19 शवों की संख्या के बारे में कोई जानकारी उपलब्ध नहीं है. जलशक्ति राज्यमंत्री ने कहा कि राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन और उनके मंत्रालय ने इस मामले पर राज्य सरकारों से रिपोर्ट मांगी है.
राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन के महानिदेशक राजीव रंजन मिश्रा द्वारा लिखी गई एक किताब में गंगा पर पड़े महामारी के भयावह प्रभाव की व्याख्या की गई है. उन्होंने कहा कि ऐसा प्रतीत होता है कि नदी को बचाने के लिए पिछले पांच सालों में जो कार्य किए गए थे, उन्हें नष्ट किया जा रहा है. कोविड-19 की दूसरी लहर के दौरान शव मिलने की ख़बर पर यूपी सरकार की ओर से कहा गया था कि राज्य के कुछ क्षेत्रों में
एक एनजीओ ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर कर कोरोना मृतकों के अधिकारों की रक्षा के लिए नीति बनाने, दाह संस्कार, कोविड प्रभावित शवों को दफनाने और एंबुलेंस सेवाओं के लिए अधिक शुल्क को नियंत्रित करने के लिए निर्देश देने की मांग की थी.
क्या पैसे, शोहरत और सुरक्षा की परवाह किए बगैर चुपचाप समाज के सबसे वंचित तबके की मदद करने वाले डॉ. प्रदीप बिजलवान के अस्पताल और ऑक्सीजन की जद्दोजहद के बीच गुज़र जाने के कोई मायने हैं? क्या वे भी उस सरकारी रिकॉर्ड में मौत का महज़ एक आंकड़ा बनकर रह जाएंगे, जिसमें आज की तारीख़ में लगभग दो लाख मौतें दर्ज हैं?
तक़रीबन एक दशक से और कोरोना महामारी के दौरान भी दिल्ली के बेघर लोगों के लिए काम करने वाले 60 वर्षीय डॉ. प्रदीप बिजलवान का शुक्रवार को निधन हो गया. वे कोरोना संक्रमित थे और अस्पताल में जगह न मिलने के बाद अपने घर पर ही इलाज करवा रहे थे.
वीडियो: पूरे देश में कोरोना महामारी की भयावह स्थिति बनी हुई है. दिल्ली समेत पूरे देश में श्मशान घाटों पर लंबी कतारें देखी जा सकती हैं. द वायर की टीम ने दिल्ली के निगमबोध श्मशान घाट जाकर हालात का जायज़ा लिया.