उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव में ड्यूटी पर रहे कर्मचारियों की कोरोना संक्रमण से मौत की ख़बरों पर संज्ञान लेते हुए इलाहाबाद हाईकोर्ट ने राज्य चुनाव आयोग की आलोचना की और पूछा कि महामारी संबंधी नियमों का पालन करवाने में विफल होने पर क्यों उसके ख़िलाफ़ कार्रवाई नहीं की जानी चाहिए.
पंचायत चुनाव में ड्यूटी के बाद बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित हो रहे शिक्षकों की स्थिति के मद्देनज़र उत्तर प्रदेश प्राथमिक शिक्षक संघ की गोरखपुर इकाई ने ज़िला प्रशासन से मांग की है कि मतगणना में जिन प्राथमिक शिक्षकों की ड्यूटी लगी है, उनकी आरटी-पीसीआर जांच हो और उन्हें पीपीई किट दिए जाएं.
उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव के तीन चरण बीतने के बाद चुनावी ड्यूटी करने वाले कर्मचारी बड़ी संख्या में कोरोना संक्रमित हुए हैं. ख़बरों के अनुसार, चुनाव में ड्यूटी कर चुके 135 शिक्षक, शिक्षा मित्र और अनुदेशक कोविड संक्रमण के चलते जान गंवा चुके हैं, वहीं अन्य कई विभागों के कर्मचारी भी इस संक्रमण से जूझ रहे हैं.
उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ के मोहनलालगंज से भाजपा सांसद कौशल किशोर ने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को लिखे गए एक पत्र में किंग जॉर्ज अस्पताल मेडिकल यूनिवर्सिटी के कई विभागाध्यक्षों ने वार्डों में कभी ड्यूटी ही नहीं की और मीडिया में अपनी छवि चमकाने में व्यस्त रहे. इससे पहले कानून मंत्री बृजेश पाठक ने ख़राब होती स्वास्थ्य व्यवस्था की ओर ध्यान दिलाया था.
इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को कोरोना वायरस से सर्वाधिक प्रभावित ज़िलों में लॉकडाउन लगाने की संभावना तलाशने का निर्देश दिया है. इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन कोरोना संक्रमित पाए गए हैं.
उत्तर प्रदेश सरकार में मंत्री ब्रजेश पाठक ने अपर मुख्य सचिव तथा प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को लिखे एक कथित पत्र में कहा है कि पद्मश्री से सम्मानित प्रसिद्ध इतिहासकार योगेश प्रवीन को दो घंटे तक एंबुलेंस न मिलना बेहद ही कष्टदायक है. मुख्यमंत्री कार्यालय से अनुरोध करने पर भी एंबुलेंस नहीं मिली. समय से इलाज न मिलने पर उनकी मौत हो गई.
सभी मान्यता प्राप्त राजनीतिक दलों के नेताओं को लिखे पत्र में चुनाव आयोग ने स्टार प्रचारकों और पार्टी नेताओं, उम्मीदवारों के मास्क आदि न लगाने जैसे कोविड-19 प्रोटोकॉल की अवज्ञा के बारे में कहा है. आयोग ने कहा है कि ऐसा करके वे ख़ुद को और सभाओं में शामिल हो रहे लोगों को भी ख़तरे में डाल रहे हैं.’
दिल्ली हाईकोर्ट में दायर एक याचिका में ऐसे प्रचारकों व प्रत्याशियों को चुनाव प्रचार से रोकने का अनुरोध किया है जो कोविड-19 के मद्देनज़र चुनाव आयोग द्वारा जारी दिशानिर्देशों का उल्लंघन कर रहे हैं. याचिका में कहा गया है कि आम जनता से कोविड-19 नियमों के उल्लंघन पर जुर्माना वसूला जाता है लेकिन नेताओं के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की जाती.
दिल्ली हाईकोर्ट ने वकीलों की उन चार याचिकाओं को ख़ारिज करते हुए ये टिप्पणी की, जिनमें अकेले निजी वाहन चलाते हुए मास्क न पहनने के लिए चालान काटने को चुनौती दी गई थी. अदालत ने चालान काटने के दिल्ली सरकार के फैसले में हस्तक्षेप से इनकार करते हुए कहा कि अगर किसी वाहन में केवल एक व्यक्ति है तो उसे भी सार्वजनिक स्थान माना जाएगा.
उत्तर प्रदेश सरकार ने कोविड-19 के बढ़ते मामलों, होली सहित अन्य पर्वों तथा पंचायत चुनाव के मद्देनज़र सभी ज़िलों को अत्यधिक सतर्कता बरतने का निर्देश जारी किया है. किसी भी प्रकार का जुलूस प्रशासन की अनुमति के बाद ही निकाला जा सकेगा. सुरक्षित दूरी का पालन कराने और सार्वजनिक स्थान पर मास्क लगाने जैसे दिशा निर्देशों का पालन कराने का निर्देश दिया है.
गुजरात हाईकोर्ट ने दो दिसंबर को मास्क नहीं पहनने वालों को कोविड-19 केयर सेंटर पर अनिवार्य सामुदायिक सेवा का आदेश देते हुए इस संबंध में राज्य सरकार को एक अधिसूचना जारी करने के लिए निर्देश दिया था.
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि मास्क पहनने और सोशल डिस्टेंसिंग के नियमों का पालन करने संबंधी दिशानिर्देशों का लगभग सभी राज्यों में पालन नहीं किया जा रहा. राजनीतिक, धार्मिक सहित समारोहों में बड़ी संख्या में लोग इकट्ठा होते हैं. नियमों का पालन सुनिश्चित करने के लिए उचित तंत्र नहीं है.