यूपी: मंत्री के बाद भाजपा सांसद ने कोविड की स्थिति पर जताई चिंता, पंचायत चुनाव टालने की मांग

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को कोरोना वायरस से सर्वाधिक प्रभावित ज़िलों में लॉकडाउन लगाने की संभावना तलाशने का निर्देश दिया है. इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन कोरोना संक्रमित पाए गए हैं.

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उत्तर प्रदेश से भाजपा सांसद कोशल किशोर. (फोटो: फेसबुक)

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने उत्तर प्रदेश सरकार को कोरोना वायरस से सर्वाधिक प्रभावित ज़िलों में लॉकडाउन लगाने की संभावना तलाशने का निर्देश दिया है. इस दौरान उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन कोरोना संक्रमित पाए गए हैं.

उत्तर प्रदेश से भाजपा सांसद कोशल किशोर. (फोटो: फेसबुक)
उत्तर प्रदेश से भाजपा सांसद कौशल किशोर. (फोटो: फेसबुक)

लखनऊ/इलाहाबाद: देश में कोविड-19 की दूसरी लहर के साथ ही उत्तर प्रदेश में हालात बिगड़ते ही जा रहे हैं और यही कारण है कि एक के बाद एक भाजपा नेता अपनी ही सरकार पर सवाल उठाने लगे हैं.

उत्तर प्रदेश में आगामी 15 अप्रैल से होने जा रहे पंचायत चुनाव से दो दिन पहले मंगलवार को लखनऊ की मोहनलालगंज लोकसभा सीट से सांसद कौशल किशोर ने अपील की है कि लखनऊ में पंचायत चुनाव को एक महीने के लिए आगे बढ़ा दिया जाए.

उन्होंने ट्वीट कर लिखा है, ‘निर्वाचन आयोग से मेरी अपील है लखनऊ में कोविड नियंत्रण से बाहर है, लखनऊ में कई हजार परिवार करोना की चपेट में बुरी तरह बर्बाद हो रहे हैं, श्मशान घाटों पर लाशों के ढेर लगे हुए हैं. चुनाव जरूरी नहीं है लेकिन लोगों की जान बचाना जरूरी है, इसलिए निर्वाचन आयोग को तत्काल संज्ञान में लेकर पंचायत के चुनाव को लखनऊ में निर्धारित मतदान की तिथि से एक महीना आगे बढ़ा देना चाहिए, जान बचाना जरूरी है चुनाव कराना जरूरी नहीं है.’

कौशल किशोर ने एक वीडियो भी जारी किया है. इस वीडियो में उन्होंने कहा, ‘लखनऊ के अंदर कोरोना नरसंहार कर रहा है. बड़े पैमाने पर कोरोना दिन दोगुना, रात चौगुना बढ़ता जा रहा है. जिसकी वजह से कई हजार लोग कोरोना की चपेट में रोज आ रहे हैं, ऐसे में लखनऊ में पंचायत चुनाव की तिथि को एक महीने आगे बढ़ाना जरूरी है.’

उन्होंने कहा, ‘अगर ऐसा नहीं किया जाएगा, तो रोज कोरोना के मरीजों की तादाद बढ़ती जाएगी और जान की हानि बहुत बड़े पैमाने पर हो सकती है. क्योंकि श्मशान घाटों पर लाशों के ढेर लग गए हैं. हर आदमी की जान खतरे में है.’

सांसद ने आगे कहा कि मजबूरी में लोगों को चुनाव प्रचार के लिए जाना पड़ रहा है, इसलिए मेरी चुनाव आयोग से अपील है कि  लखनऊ के पंचायत चुनाव की तिथि को एक माह के लिए बढ़ा दिया जाए, ताकि लोगों की जान बचाई जा सके. लोगों की जान बचाना जरूरी है, चुनाव कराना जरूरी नहीं.

बता दें कि उत्तर प्रदेश में पंचायत चुनाव चार चरणों में होने हैं. पहला चरण 15 अप्रैल, दूसरा चरण 19 अप्रैल, तीसरा चरण 26 अप्रैल और चौथा चरण 29 अप्रैल को होगा. पहले चरण में 18 जिलों में वोटिंग होगी. दूसरे में 20, तीसरे में 20 और चौथे में 17 जिलों में वोटिंग होगी. नतीजे 2 मई को जारी होंगे.

इससे पहले उत्तर प्रदेश सरकार में न्याय, विधायी एवं ग्रामीण अभियंत्रण सेवा मंत्री ब्रजेश पाठक ने कथित तौर पर राज्य के अपर मुख्य सचिव तथा प्रमुख सचिव स्वास्थ्य को पत्र लिखकर लखनऊ में कोविड-19 की स्थिति पर चिंता जताई थी.

कोर्ट का निर्देश, कोरोना से सर्वाधिक प्रभावित जिलों में लॉकडाउन की संभावना तलाशें

इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मंगलवार को उत्तर प्रदेश सरकार को उन जिलों में कम से कम दो से तीन सप्ताह के लिए पूर्ण लॉकडाउन लगाने और लोगों की भीड़ 50 तक सीमित करने की संभावना तलाशने का निर्देश दिया, जहां कोरोना वायरस का संक्रमण खतरनाक ढंग से बढ़ रहा है.

जस्टिस सिद्धार्थ वर्मा और जस्टिस अजित कुमार की पीठ ने उत्तर प्रदेश में कोरोना वायरस के मरीजों के इलाज और आइसोलेशन केंद्रों की स्थिति को लेकर दायर एक जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए यह आदेश पारित किया.

अदालत ने केंद्र और राज्य सरकार को दवा कंपनियों को कच्चा माल उपलब्ध कराके रेमडेसिविर दवा का पर्याप्त उत्पादन सुनिश्चित करने का भी निर्देश दिया, जिससे इस दवा की खुले बाजार में आपूर्ति सुनिश्चित हो सके. अदालत ने इस दवा की जमाखोरी और कालाबाजारी करने वाले लोगों के खिलाफ सख्त कार्रवाई करने को भी कहा.

पीठ ने कहा, ‘कोरोना वायरस संक्रमण के तेजी से बढ़ने से जनजीवन अस्त-व्यस्त हो गया है और चिकित्सा प्रणाली पूर्ण संतृप्ति की स्थिति में पहुंच गई है. हमें बताया गया है कि कोविड-19 अस्पताल मरीजों से भरे पड़े हैं और अस्पतालों में कर्मचारियों और सुविधाओं की कमी है. स्थिति इतनी भयावह है कि यदि इससे सावधानीपूर्वक नहीं निपटा गया तो सार्वजनिक स्वास्थ्य प्रणाली पूरी तरह से बैठने की स्थिति में पहुंच सकती है.’

पीठ ने निर्देश दिया, ‘हम सरकार को सबसे अधिक प्रभावित जिलों में अस्थायी एल-1 अस्पताल (मामूली रूप से संक्रमित लोगों के लिए बना अस्पताल) खोलने के लिए शहरी क्षेत्र में खुली जगहों का अधिग्रहण करने का निर्देश देते हैं.’

पीठ ने आगे कहा, ‘एल-1 अस्पतालों में भर्ती मरीजों की सेवा के लिए सरकार तत्काल अनुबंध आधार पर कर्मचारियों की व्यवस्था करे. साथ ही इलाहाबाद, लखनऊ, वाराणसी, कानपुर, गोरखपुर जैसे जिलों के एल-2 और एल-3 अस्पतालों (गंभीर रूप से संक्रमित लोगों के लिए बना अस्पताल) एवं सभी जिला अस्पतालों के लिए एंबुलेंस में बाइपैप मशीन और हाईफ्लो कैनुला मास्क की आपूर्ति के लिए तत्काल इनकी खरीद करें.’

पीठ ने कहा, ‘हमें बताया गया है कि नई कोविड जांच मशीनें (कोबास) जांच किट के अभाव में काम नहीं कर रही हैं. हम राज्य सरकार को 24 घंटे के भीतर मोतीलाल नेहरू मेडिकल कालेज, इलाहाबाद में कोबास मशीनों के लिए जांच किट उपलब्ध कराने का निर्देश देते हैं.’

अदालत ने राज्य सरकार को राज्य में टीकाकरण कार्यक्रम को तेजी से आगे बढ़ाने का निर्देश दिया.

गैर-कोविड मरीजों की चिकित्सा जरूरतों पर पीठ ने कहा, ‘हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि लोग अन्य बीमारियों से भी पीड़ित हैं और उन्हें न केवल त्वरित चिकित्सा सहायता की जरूरत है, बल्कि आईसीयू में भर्ती होने की भी जरूरत पड़ती है.’

पीठ ने राज्य सरकार को अस्पतालों के लिए और अधिक संख्या में आईसीयू बेड खरीदने का निर्देश दिया.

पीठ ने इस मामले की अगली सुनवाई की तारीख 19 अप्रैल तय करते हुए कहा, ‘हमें चुनाव से अधिक सार्वजनिक स्वास्थ्य को प्राथमिकता देनी होगी और सरकार से मौजूदा स्थिति को देखते हुए सार्वजनिक स्वास्थ्य के हर विभाग को दुरुस्त करने की उम्मीद की जाती है.’

सुनवाई के दौरान कुछ वकीलों ने शिकायत की कि स्वास्थ्य अधिकारी कोरोना के कम मरीज दिखाने के लिए उचित तरीके से कोरोना की जांच नहीं कर रहे हैं और जांच के नमूने 12 घंटे से अधिक समय तक प्रतीक्षारत रखे जा रहे हैं.

अदालत ने अगली सुनवाई के दौरान इलाहाबाद के जिलाधिकारी और सीएमओ को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिये उपस्थित रहने का निर्देश दिया.

संक्रमण के 18,021 नए मामले, और 85 मरीजों की मौत

उत्तर प्रदेश में मंगलवार को कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों में जबर्दस्त उछाल आया और 18,021 नए मामले सामने आए जबकि संक्रमण से और 85 मरीजों की मौत हो गई.

अपर मुख्य सचिव (स्वास्थ्य) अमित मोहन प्रसाद ने मंगलवार को पत्रकारों को बताया कि प्रदेश में अब तक संक्रमण से 9,309 लोगों की मौत हुई है.

प्रसाद के मुताबिक राज्य में अब तक कुल 723,582 लोग कोरोना वायरस से संक्रमित हुए हैं और फिलहाल उपचाराधीन मरीजों की संख्या 95,980 है. उन्होंने बताया कि पिछले 24 घंटे में प्रदेश में 3,474 मरीजों को छुट्टी दे दी गई. अब तक उपचार के बाद 6,18,293 संक्रमित स्वस्थ होकर घर जा चुके हैं.

राज्य में इससे पहले 11 अप्रैल को एक दिन में कोविड-19 संक्रमण के सर्वाधिक 15,353 मामले दर्ज किए गए थे, जबकि 12 अप्रैल को एक दिन में सर्वाधिक 72 संक्रमितों की मौत की सूचना थी.

मुख्यमंत्री आदित्यनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी हुए कोरोना संक्रमित

योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव. (फोटो: पीटीआई)
योगी आदित्यनाथ और अखिलेश यादव. (फोटो: पीटीआई)

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव भी कोविड-19 से संक्रमित हो गए हैं. दोनों ही नेताओं ने बुधवार को ट्वीट कर इसकी जानकारी दी.

मुख्यमंत्री ने ट्वीट में कहा, ‘शुरुआती लक्षण दिखने पर मैंने कोविड जांच कराई और मेरी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. मैं सेल्फ आइसोलेशन में हूं और चिकित्सकों के परामर्श का पूर्णतः पालन कर रहा हूं. सभी कार्य वर्चुअली संपादित कर रहा हूं.’

योगी ने एक अन्य ट्वीट में कहा, ‘प्रदेश सरकार की सभी गतिविधियां सामान्य रूप से संचालित हो रही हैं. इस बीच जो लोग भी मेरे संपर्क में आएं हैं, वह अपनी जांच अवश्य करा लें और एहतियात बरतें.’

गौरतलब है कि योगी ने मुख्यमंत्री कार्यालय में कार्यरत कुछ अधिकारियों के कोविड-19 संक्रमित होने के बाद मंगलवार को खुद को आइसोलेशन में कर लिया था.

इस बीच उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री ने कोरोना वायरस संक्रमण के बढ़ते मामलों के मद्देनजर गुजरात से रेमडेसिविर के 25,000 इंजेक्शन मंगवाने का निर्देश दिया. इसके लिए अधिकारियों को बुधवार को ही रवाना किया जा रहा है.

योगी आदित्यनाथ के अलावा सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव ने ट्वीट कर कहा, ‘अभी-अभी मेरी कोरोना वायरस की जांच रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. मैंने अपने आपको सबसे अलग कर लिया है और घर पर ही उपचार शुरू हो गया है.’

उन्होंने इसी ट्वीट में कहा, ‘पिछले कुछ दिनों में जो लोग मेरे संपर्क में आए हैं, उन सबसे विनम्र आग्रह है कि वे भी जांच करा लें. उन सभी से कुछ दिनों तक पृथकवास में रहने की विनती भी है.’

गौरतलब है कि अखिलेश ने हाल में हरिद्वार का दौरा किया था, जहां उन्होंने अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत नरेंद्र गिरि समेत अनेक धार्मिक नेताओं से मुलाकात की थी. गिरि भी कोविड-19 संक्रमित हो चुके हैं. हरिद्वार से लौटने के बाद अखिलेश ने मंगलवार को अपना कोरोना टेस्ट कराया था.

इसके साथ ही उत्तर प्रदेश के नगर विकास मंत्री आशुतोष टंडन भी कोविड-19 संक्रमण की जद में आ गए हैं.

टंडन ने बुधवार को ट्वीट कर खुद इसकी जानकारी दी. उन्होंने ट्वीट में कहा, ‘कोविड के प्रारंभिक लक्षण दिखने पर मैंने अपनी जांच कराई, जिसकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई है. डॉक्टरों की सलाह पर मैंने स्वयं को घर पर ही पृथकवास में रख लिया है.’

टंडन ने अपील की ‘विगत दिनों मेरे संपर्क में आए हुए लोगों से अनुरोध है कि अपनी जांच करवा लें.’

(समाचार एजेंसी भाषा से इनपुट के साथ)

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