कोडरमा ज़िले के मुख्य चिकित्सा अधिकारी और जिला स्वास्थ्य समिति की मुख्य कार्यपालक पदाधिकारी और जिला प्रतिरक्षण अधिकारी एवं एसीएमओ के 16 जनवरी के एक आदेश में सरकारी कर्मचारियों के टीका न लगवाने पर उनका वेतन रोकने की बात कही गई थी, जिसका काफ़ी विरोध हुआ.
कोविड-19 टीकाकरण अभियान के पहले दिन देशभर में जिन स्वास्थ्यकर्मियों को कोरोना वायरस का टीका लगाया गया उनमें से 75 से अधिक लोगों में टीकाकरण के बाद प्रतिकूल प्रभाव के मामले सामने आए. दिल्ली में एक गंभीर और 51 मामूली, जबकि महाराष्ट्र में ऐसे 14 मामले सामने आए.
कोवैक्सीन का केवल पहले और दूसरे चरण का ट्रायल पूरा हुआ है, जबकि तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल का अध्ययन अभी किया जा रहा है. दिल्ली के आरएमएल अस्पताल के रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन ने कहा कि उन्हें इसे लेकर कुछ संदेह है और उनमें से अधिकतर टीकाकरण अभियान में हिस्सा नहीं लेंगे.
बीते दिसंबर को केंद्रीय गृह सचिव अजय भल्ला ने मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा को पत्र लिखकर आग्रह किया था कि आयोग बूथ स्तर पर 50 वर्ष से अधिक उम्र के लोगों की पहचान करने में मदद करे. हालांकि चुनाव आयोग चाहता है कि टीकाकरण अभियान समाप्त होने के बाद स्वास्थ्य अधिकारी ये डेटा मिटा दें.
बीते दिनों भारत के औषध महानियंत्रक यानी डीसीजीआई ने सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया द्वारा निर्मित ऑक्सफोर्ड के कोविड-19 टीके कोविशील्ड और भारत बायोटेक के स्वदेश में विकसित टीके कोवैक्सीन के देश में सीमित आपात इस्तेमाल को मंज़ूरी दी है. हालांकि इनको लेकर उठे सवाल अब भी अनुत्तरित हैं.
वीडियो: वॉट्सऐप ने अपनी सेवा शर्तों और प्राइवेसी नीति में बदलाव किया है. वह अपने यूज़र्स के डेटा/कंटेंट का ज़्यादा व्यापक इस्तेमाल चाहता है. दूसरी तरफ न्यूज़ चैनलों पर वैक्सीन-वैक्सीन के शोर के बीच किसान आंदोलन को नज़रअंदाज़ कर दिया गया है. मीडिया बोल की इस कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार प्रकाश के रे और टीवी पत्रकार व लेखक डॉ. मुकेश कुमार से उर्मिलेश की बातचीत.
कोविड-19 टीकाकरण की शुरुआत में स्वास्थ्यकर्मियों और फ्रंटलाइन वर्कर्स को प्राथमिकता दी जाएगी, जिनकी संख्या क़रीब तीन करोड़ है. इसके बाद 50 साल की उम्र से अधिक और 50 साल से कम उम्र के वे समूह, जिनकी कोई कोमॉर्बिड अवस्था है, को प्राथमिकता दी जाएगी, जिनकी संख्या क़रीब 27 करोड़ है.
केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रक संगठन के भारत बायोटेक के कोविड-19 टीके के आपात इस्तेमाल को मंज़ूरी देने के बाद से इसे लेकर कुछ सवाल उठ रहे हैं. लेकिन सरकार और उसके समर्थक जवाब न देने की अपनी पुरानी परंपरा के मुताबिक़ सवाल पूछने वालों पर राजनीति करने की तोहमत लगा रहे हैं.
दुनिया की सबसे बड़ी टीका निर्माता कंपनी सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया ने ‘कोविशील्ड’ के उत्पादन के लिए एस्ट्राजेनेका के साथ साझेदारी की है. भारत बायोटेक ने भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद के साथ मिलकर ‘कोवैक्सीन’ का विकास किया है. केंद्रीय औषध मानक नियंत्रण संगठन की कोविड-19 संबंधी विषय विशेषज्ञ समिति की अनुशंसा के आधार पर भारत के औषध महानियंत्रक ने यह मंज़ूरी दी है.
भारत बायोटेक ने कोवैक्सीन के फेज़-3 ट्रायल को लेकर जानकारियां साझा करते हुए जारी किए एक दस्तावेज़ में वॉलेंटियर्स को लुभाने के लिए कहा है कि सरकार द्वारा टीका लगाने में अभी देर होगी, इसलिए लोग ट्रायल में शामिल होकर ख़ुद को सुरक्षित कर लें. विशेषज्ञों के अनुसार इस तरह का दावा करना अनुचित है.
अंतरराष्ट्रीय दवा निर्माता कंपनी फाइज़र के बाद सीरम इंस्टिट्यूट ऑफ इंडिया और भारत बायोटेक ने देश में कोरोना वायरस से संबंधित टीके के इस्तेमाल की मंज़ूरी मांगी थी. केंद्रीय औषधि मानक नियंत्रण संगठन के विशेषज्ञों की एक समिति ने इन कंपनियों से संभावित टीके के परीक्षण से संबंधित और अधिक जानकारी मांगी है.
जिस तरह कोरोना संक्रमण को काबू करने के लिए लगाए गए लॉकडाउन पर मोदी सरकार ने कोई तैयारी नहीं की थी, उसी तरह टीकाकरण पर भी उसके पास कोई मुकम्मल रोडमैप नहीं है.
अमेरिकी दवा कंपनी फाइज़र और जर्मन कंपनी बायोएनटेक ने साथ मिलकर कोरोना वायरस के ख़िलाफ़ फाइज़र-बायोएनटेक टीके को विकसित किया है. वायरस की रोकथाम में इसके 95 फीसदी तक कारगर होने का दावा किया गया है. अगले सप्ताह से समूचे ब्रिटेन में टीका उपलब्ध कराया जाएगा.
कोरोना वायरस को लेकर पूरी आबादी के टीकाकरण से जुड़े एक सवाल के जवाब में केंद्रीय स्वास्थ्य सचिव राजेश भूषण ने कहा कि महत्वपूर्ण ये है कि इस संबंध में तथ्यात्मक जानकारी ली जाए. आईसीएमआर के महानिदेशक ने कहा कि यह सवाल वैक्सीन की प्रभावशीलता पर निर्भर करेगा. अभी हमारा उद्देश्य संक्रमण के प्रसार की शृंखला को तोड़ना है.
वीडियो: बिहार चुनाव के लिए भाजपा ने घोषणा-पत्र जारी कर दिया, जिसमें तीन लाख शिक्षकों की नियुक्ति करने, शिक्षा, चिकित्सा एवं अन्य क्षेत्रों में 19 लाख नए रोज़गार देने, कोरोना वायरस का नि:शुल्क टीका लगाने सहित 11 संकल्प व्यक्त किए गए हैं. इस मुद्दे पर द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी की पटना में लोगों से बातचीत.