यह अहमदाबाद सिविल अस्पताल के गुजरात कैंसर एंड रिसर्च इंस्टिट्यूट का मामला है. अस्पताल की ओर से बाद में कहा गया कि कहा गया है कि मरीज़ जीवित नहीं है. जिस कर्मचारी ने परिजनों से संपर्क किया था वह मरीज़ की अपडेटेड स्थिति से वाक़िफ़ नहीं था.
इससे पहले कोरोना वायरस को लेकर हाईकोर्ट ने अपने एक आदेश में कहा था कि सरकार द्वारा संचालित अहमदाबाद सिविल अस्पताल की हालत दयनीय और कालकोठरी से भी बदतर है. बदलाव के बाद पीठ ने नाराज़गी ज़ाहिर की कि महामारी से निपटने को लेकर सरकार के बारे में की गईं अदालत की हालिया टिप्पणियों का ग़लत मंशा से दुरुपयोग किया गया.
लखनऊ की किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी के कुछ डॉक्टरों का कहना है कि इस तरह का आदेश दिखाता है कि जिन डॉक्टरों को कोरोना वॉरियर्स कहा जा रहा है, उन पर प्रशासन वास्तव में विश्वास ही नहीं करता.
जेएनयू के पूर्व प्रोफेसर और वर्तमान में इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइसेंस के चेयरमैन प्रोफेसर अरुण कुमार का कहना है कि कोरोना वायरस के मद्देनजर लॉकडाउन से उत्पन्न प्रवासी मजदूरों की समस्या सरकार की गलत नीतियों और असंतुलित विकास का नतीजा है.
रेलवे अधिकारियों को 68 साल की एक महिला अकेले मुंबई के बांद्रा टर्मिनस रेलवे स्टेशन के बाहर बैठी हुई मिली थीं. उन्होंने बताया कि चार महीने पहले बीमार बेटे की देखभाल के लिए दिल्ली से आई थीं और अब बेटे ने सामान समेत उन्हें घर से निकाल दिया है.
पटना हाईकोर्ट ने शराबबंदी से संबंधित कई जमानत याचिकाओं की सुनवाई करते हुए बरामद की गई शराब की राशि के बराबर पैसा पीएम केयर्स फंड में जमा कराने के बाद जमानत दिए जाने का आदेश दिया.
ग़ैर कंटेनमेंट ज़ोन में आठ जून से रेस्तरां, शॉपिंग मॉल और धार्मिक स्थान खुलेंगे. स्वास्थ्य मंत्रालय इसके लिए दिशानिर्देश जारी करेगा. सरकार ने लॉकडाउन 5.0 को ‘अनलॉक-1’ का नाम दिया है.
यह घटना मेरठ मेडिकल कॉलेज की है. बंदरों ने स्वास्थ्यकर्मियों से ये सैंपल छीन लिए थे. मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल ने स्पष्टीकरण देते हुए कहा है कि बंदरों के एक समूह ने जो सैंपल छीना था, वह कोरोना की जांच के लिए नहीं था.
कर्नाटक प्रदेश कांग्रेस समिति के कार्यकारी अध्यक्ष सलीम अहमद का कहना है कि कुछ मंत्रियों पर अपने निकट सहयोगियों की कंपनियों के लिए पीपीई किट और अन्य मेडिकल उपकरणों की सप्लाई के कॉन्ट्रैक्ट लेने के आरोप हैं.
सरकार द्वारा जारी आंकड़ों के अनुसार, बीते वित्त वर्ष 2019-20 में जीडीपी की वृद्धि दर घटकर 11 साल के निचले स्तर 4.2 फीसदी पर पहुंच गई है.
कोरोना महामारी को लेकर अस्पतालों की दयनीय हालत और राज्य की स्वास्थ्य अव्यस्थताओं पर गुजरात सरकार को फटकार लगाने वाली हाईकोर्ट की पीठ में अचानक बदलाव किए जाने से एक बार फिर 'मास्टर ऑफ रोस्टर' की भूमिका सवालों के घेरे में है.
गुजरात हाईकोर्ट के जस्टिस जेबी पर्दीवाला और इलेश जे. वोरा की पीठ ने बीते दिनों कोरोना महामारी को लेकर राज्य सरकार को सही ढंग और जिम्मेदार होकर कार्य करने के लिए कई महत्वपूर्ण निर्देश दिए थे.
सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से ऐसे अस्पतालों की पहचान करने को कहा है, जहां कोविड-19 मरीजों का इलाज नि:शुल्क या बेहद कम लागत में किया जा सकता है. अदालत ने केंद्र सरकार से एक सप्ताह के भीतर जवाब देने को कहा है.
श्रीनगर में एक वरिष्ठ हृदयरोग विशेषज्ञ का आरोप है कि वे 23 मई को अस्पताल जा रहे थे कि अचानक रास्ते में उन्हें पुलिस ने रोक लिया. डंडे से उनकी पिटाई की गई और पूरा दिन उन्हें पुलिस थाने में रखा गया. उनके खिलाफ पुलिस से दुर्व्यवहार करने के आरोप में केस दर्ज किया गया है.
कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से पूछा है कि अगर सरकार के अनुसार दूसरे राज्यों से 25 लाख मज़दूर वापस आए, जिनमें महाराष्ट्र से लौटे हुए 75 फीसदी, दिल्ली से लौटे हुए 50 और अन्य प्रदेशों से लौटे 25 फीसदी लोग कोरोना संक्रमित हैं, तो सरकार द्वारा बताई गई संक्रमण की संख्या 6,228 का आधार क्या है.