2016 में सुप्रीम कोर्ट द्वारा गठित जस्टिस लोढ़ा समिति की सिफ़ारिशों को लागू किया गया था, जिनके तहत एक पदाधिकारी के 3 साल के कार्यकाल के बाद 3 साल का ब्रेक लेने का प्रावधान था. 2018 में इसे संशोधित कर छह साल के बाद ब्रेक लेने की बात कही गई. अब कहा गया है कि एक पदाधिकारी राज्य संघ और बीसीसीआई में कुल 12 साल बिता सकता है.