साल 2019 में महिलाओं और दलितों के ख़िलाफ़ अपराध के सबसे अधिक केस उत्तर प्रदेश में दर्ज

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के आंकड़ों के मुताबिक, साल 2019 में भारत में महिलाओं एवं दलितों के खिलाफ अपराध में सात फीसदी से अधिक की वृद्धि हुई है. इस दौरान बलात्कार के प्रतिदिन कम से कम 87 मामले सामने आए हैं. उत्तर प्रदेश में साल दर साल महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध के मामले बढ़ते ही जा रहे हैं.

यूपी: लखीमपुर खीरी में तीन साल की बच्ची से बलात्कार के बाद हत्या, 20 दिन में तीसरा मामला

बीते बीस दिनों में लखीमपुर खीरी ज़िले में बलात्कार के बाद हत्या का यह तीसरा मामला है. बच्ची बुधवार से लापता थी और अगले दिन उसका शव खेत में मिला. मामले में अब तक कोई गिरफ़्तारी नहीं हुई है.

उत्तर प्रदेश: बलात्कार के बाद किशोरी की हत्या, आरोपी गिरफ़्तार

मामला लखीमपुर खीरी ज़िले का है. बीते दस दिनों में जनपद में बलात्कार और हत्या का यह दूसरा मामला है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने आरोपी पर रासुका के तहत कार्रवाई का आदेश दिया है.

उत्तर प्रदेश: 13 वर्षीय किशोरी की बलात्कार के बाद गला घोंटकर हत्या

मामला लखीमपुर खीरी ज़िले का है. पीड़िता के पिता का आरोप है कि उनकी बेटी की आंखें निकाल दी गईं और ज़बान भी काट दी गई, पर पुलिस ने इससे इनकार किया है. मामले में दो लोगों को गिरफ़्तारी हुई है.

महाराष्ट्रः नाबालिग ने सामूहिक बलात्कार के बाद कुएं में कूदकर जान दी

मामला चंद्रपुर के नागभीड का है. आरोप है कि 16 साल की नाबालिग का उसी के गांव के दो लोगों द्वारा अपहरण कर बलात्कार किया गया, जिसके बाद उसने खेत के कुएं में कूदकर आत्महत्या कर ली.

यूपी: चित्रकूट में नाबालिग बच्चियों के यौन शोषण पर राष्ट्रीय बाल आयोग ने रिपोर्ट मांगी

एक मीडिया रिपोर्ट में आरोप लगाया गया था कि चित्रकूट में ग़रीब आदिवासी परिवारों की 12 से 14 साल की बच्चियों से अवैध खदानों में मज़दूरी के एवज़ में जिस्मफ़रोशी कराई जा रही है. जिला प्रशासन ने इन आरोपों को ख़ारिज किया है.

उत्तर प्रदेश: बांदा और चित्रकूट में बच्चियों के साथ बलात्कार, दोनों आरोपी मामा गिरफ़्तार

उत्तर प्रदेश में बांदा ज़िले के तिंदवारी थाना क्षेत्र में एक घटना 27 जून की रात की है, जबकि चित्रकूट ज़िले के भरतकूप क्षेत्र में हुई दूसरी घटना 20 जून की ​है, इस मामले में 27 जून को केस दर्ज कराया गया.

हर साल एक अरब बच्चे हिंसा का शिकार होते हैं, देश उन्हें संरक्षित करने में विफल: संयुक्त राष्ट्र

संयुक्त राष्ट्र की रिपोर्ट में कहा गया है कि कोरोना वायरस के चलते विभिन्न देशों में लगाए गए लॉकडाउन की वजह से ढेर सारे बच्चों को अपने साथ दुर्व्यवहार करने वालों के साथ लगातार रहने पर मजबूर होना पड़ रहा है.

झारखंडः 13 साल की बच्ची को जबरन पिलाया था एसिड, छह महीने बाद भी कोई गिरफ़्तारी नहीं

यह मामला पिछले साल 19 दिसंबर का है. इसके दो महीने बाद बच्ची अपने साथ घटे हादसे की जानकारी दे पाई थी. आरोप है कि आठवीं कक्षा में पढ़ने वाली बच्ची को स्कूल से घर लौटते समय आरोपी ने जबरन एसिड पिला दिया था.

मध्य प्रदेश: यौन शोषण के बाद चार साल की बच्ची की हत्या

मामला मध्य प्रदेश के छतरपुर जिले का है. पुलिस ने बताया कि बच्ची का शव गांववालों को 29 मई को कुएं में मिला था. पुलिस अधीक्षक ने कहा कि लापरवाही के आरोप में संबंधित थाना प्रभारी को निलंबित कर दिया गया है.

राजस्थान के थानों में दर्ज मामलों की संख्या बढ़ी, महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध भी बढ़े: पुलिस

राजस्थान में अपराधों का सालाना आंकड़ा पेश करते हुए पुलिस महानिदेशक ने कहा कि बीते साल दर्ज मामलों की संख्या इसलिए बढ़ी क्योंकि पुलिस ने हर मामला दर्ज किया.

केरलः 12 साल की बच्ची से दो साल तक 30 लोगों ने बलात्कार किया, पिता समेत तीन गिरफ़्तार

मामला मलप्पुरम ज़िले का है, जहां स्कूल में काउंसिलिंग के दौरान सातवीं कक्षा की छात्रा ने इस बारे में बताया. बच्ची का पिता बेरोज़गार है और ऐसा बताया जा रहा है कि पहले उसने बच्ची की मां को वेश्यावृत्ति के लिए मजबूर किया था.

महिलाओं-बच्चों के प्रति होने वाले अपराध की जानकारी देने से क्यों कतरा रही है राजस्थान सरकार

राजस्थान विधानसभा में भाजपा के तीन और कांग्रेस के एक विधायक ने महिलाओं और बच्चों के ख़िलाफ़ होने वाले अपराधों से जुड़े सवाल पूछे थे. गृह विभाग ने इन सवालों के जवाब देने में असमर्थता जता दी है.

झारखंड: तीन साल की बच्ची से बलात्कार, गला काटा, प्लास्टिक बैग में मिला शव

मामला झारखंड के जमशेदपुर का है. 26 जुलाई को टाटानगर स्टेशन से बच्ची का अपहरण किया गया था. बच्ची के गायब होने के पांचवें दिन मंगलवार रात 9 बजे रामधीन बगान से उसकी सिर कटी नग्न लाश बरामद की गई. बच्ची का सिर अभी नहीं मिला है.

ऐसी कोई जगह नहीं, जहां बच्चों का लैंगिक शोषण न होता हो

महिला एवं बाल विकास मंत्रालय के अध्ययन ‘चाइल्ड एब्यूज़ इन इंडिया’ के मुताबिक भारत में 53.22 प्रतिशत बच्चों के साथ एक या एक से ज़्यादा तरह का यौन दुर्व्यवहार और उत्पीड़न हुआ है. ऐसे में कौन कह सकता है कि मेरे घर में बच्चों का लैंगिक शोषण नहीं हुआ?