साल 2022 में यूएपीए के तहत 1,005 मामले दर्ज हुए: एनसीआरबी डेटा

ग़ैरक़ानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत साल 2022 में सर्वाधिक 371 मामले जम्मू कश्मीर में दर्ज हुए. इसके बाद इसके तहत मणिपुर में 167, असम में 133 और उत्तर प्रदेश में 101 मामले दर्ज हुए.

देश में 2016 से 2020 के बीच सांप्रदायिक दंगों के 3,400 मामले दर्ज हुए: केंद्र

केंद्रीय गृह राज्यमंत्री नित्यानंद राय ने लोकसभा में एनसीआरबी डेटा के हवाले से बताया कि 2020 में सांप्रदायिक दंगों के 857 मामले दर्ज किए गए. एक अन्य सवाल के जवाब में केंद्र ने बताया कि 2018 से 2020 के बीच देश में एससी-एसटी अत्याचार निवारण अधिनियम के तहत 1,61,117 मामले दर्ज किए गए.

देश में 2020 में सांप्रदायिक और धार्मिक दंगों के मामले लगभग दोगुने हुए: एनसीआरबी

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो के अनुसार, देश में 2020 में सांप्रदायिक और धार्मिक दंगों के 857 मामले दर्ज किए गए. वर्ष 2019 में ऐसे मामलों की संख्या 438 थी, जबकि 2018 में ऐसे 512 मामले दर्ज किए गए थे.

कोरोना महामारी से प्रभावित वर्ष 2020 में अपराध के मामले 28 प्रतिशत बढ़े: एनसीआरबी

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) द्वारा जारी आंकड़ों अनुसार, साल 2020 में कोविड नियमों का उल्लंघन करना प्रमुख अपराधों की श्रेणी में रहा. कुल 66,01,285 संज्ञेय अपराध दर्ज किए गए, जिसमें आईपीसी के तहत 42,54,356 मामले और विशेष एवं स्थानीय क़ानून के तहत 23,46,929 मामले दर्ज किए गए.

महानगरों में 2020 में बलात्कार-हत्या के सबसे अधिक मामले दिल्ली से आए: एनसीआरबी

राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के आंकड़ों के अनुसार, भारत में साल 2020 में रोज़ाना औसतन 80 हत्याएं और 77 बलात्कार के मामले दर्ज किए गए हैं. प्रतिदिन औसतन 80 हत्याओं के साथ कुल 29,193 लोगों की हत्या की सूचनाएं दर्ज की गईं, जिसमें उत्तर प्रदेश सबसे ऊपर है. इस वर्ष बलात्कार की 28,046 घटनाएं हुईं, जिसमें राजस्थान में सर्वाधिक मामले सामने आए हैं.