रक्षा मंत्रालय के अधीन कार्यरत राष्ट्रीय पर्वतारोहण एवं साहसिक खेल संस्थान की एक टीम ने अरुणाचल प्रदेश की एक 20,942 फीट की अनाम चोटी पर सफलतापूर्वक चढ़ाई करके इसका नाम छठे दलाई लामा त्सांगयांग ग्यात्सो के नाम पर रख दिया, जबकि चीन अरुणाचल प्रदेश को अपना भूभाग मानता रहा है.
अरुणाचल प्रदेश के तवांग में चीन की सीमा से सटे क़रीब 350 साल पुराने बौद्धमठ के प्रमुख ग्यांगबुंग रिनपोचे ने कहा कि चीन की सरकार धर्म में विश्वास ही नहीं करती है. जो किसी धर्म में विश्वास नहीं करते, वे अगला दलाई लामा कैसे तय कर सकते हैं. उत्तराधिकार राजनीति नहीं, धर्म और आस्था का मामला है. केवल वर्तमान दलाई लामा और उनके अनुयायियों को ही इस पर फ़ैसला करने का हक़ है.
भारतीय नेतृत्व के साथ बैठकों से पहले नागरिक संस्थाओं के साथ अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन के सार्वजनिक कार्यक्रम में किसानों के प्रदर्शन, प्रेस की स्वतंत्रता, सीएए, अल्पसंख्यकों के अधिकार और चीन की आक्रमकता को लेकर चिंता व्यक्त की और अफगानिस्तान की स्थिति जैसे मुद्दे उठाए गए.
पेगासस प्रोजेक्ट: लीक हुए डेटाबेस से पता चला है कि कई तिब्बती अधिकारी, कार्यकर्ता और धर्मगुरु के फोन नंबर 2017 के अंत से 2019 की शुरुआत तक पेगासस स्पायवेयर के ज़रिये निगरानी के लिए चिह्नित किए गए थे.
बीबीसी से एक साक्षात्कार में महिला उत्तराधिकारी के सवाल पर दलाई लामा ने कहा था कि अगर मेरे बाद कोई महिला दलाई लामा बनती है तो उस महिला को आकर्षक होना चाहिए.
बीबीसी से एक साक्षात्कार में महिला उत्तराधिकारी के सवाल पर दलाई लामा ने कहा कि अगर कोई महिला लामा आती हैं और वो खुश दिखती हैं तो लोग भी उन्हें देखकर खुश होंगे और अगर कोई महिला लामा दुखी दिखती हैं तो लोग उन्हें देखना पसंद नहीं करेंगे.
आध्यात्मिक नेता ने कहा, हमें लोगों को इस आधार पर लामबंद नहीं करना चाहिए कि हम बौद्ध हैं, हम हिंदू हैं, हम मुसलमान है. यह अच्छा नहीं है.
परमाणु आपूर्तिकर्ता समूह में भारत की सदस्यता या मसूद अज़हर के मामले में चीन के रवैये को लेकर नाराजगी जताने के और भी तरीके हैं.