क्या नरेंद्र मोदी यह कहना चाह रहे हैं कि मुस्लिमों को जिस भय की राजनीति का सामना करना पड़ रहा है, वे उसे ख़त्म करने की कोशिश करेंगे? अगर उन्हें गंभीरता के साथ इस ओर काम करना है तो इसकी शुरुआत संघ परिवार से नहीं होनी चाहिए.
पुलिस ने दलित दंपति पर हमला करने को लेकर 11 लोगों के ख़िलाफ़ नामज़द एफआईआर दर्ज की है. इसके अलावा दलित युवक के ख़िलाफ़ विभिन्न समुदायों के बीच दुश्मनी बढ़ाने के लिए भी मामला दर्ज किया है.
सड़क से संसद: जहानाबाद लोकसभा सीट के तहत अरवल ज़िले में लक्ष्मणपुर बाथे गांव आता है, जहां पर साल 1997 में कथित तौर पर रणवीर सेना ने दलित समुदाय के 58 लोगों को मौत के घाट उतार दिया था.
यह मामला गुजरात के साबरकांठा के प्रांतिज तहसील का है. आरोप है कि ऊंची जाति के लोगों ने दलितों की बारात को रोकने के लिए सड़कों पर यज्ञ और हवन किए. हिंसा भड़कने के बाद पुलिस को लाठीचार्ज करना पड़ा. यह राज्य में दलितों पर हमले की चौथी घटना है.
गुजरात के मेहसाणा ज़िले का मामला. पुलिस ने पांच लोगों के ख़िलाफ़ अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति अत्याचार रोकथाम अधिनियम की संबंधित धाराओं के तहत केस दर्ज किया है.
मृतक युवक की बहन ने बताया कि हम जिस शादी में गए थे, वहां मेरे भाई ने उस काउंटर से खाना लिया, जहां सवर्ण जाति के लोग खाना खा रहे थे. वह उनके सामने ही कुर्सी पर बैठकर खाना खाने लगा, जिस पर सवर्ण जाति के लोगों ने कहा कि यह नीच जाति का हमारे साथ खाना नहीं खा सकता. खाएगा तो मरेगा.
पश्चिमी उत्तर प्रदेश में ब्राह्मणों व क्षत्रियों को टिकट देने से पहरेज करने वाली बसपा ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में दिल खोलकर ब्राह्मणों को टिकट दिया है. पार्टी के एक वरिष्ठ नेता कहते हैं कि जातीय समीकरणों को देखते हुए पार्टी प्रमुख मायावती ने ख़ुद ऐसा करने का निर्देश दिया था.
मामला हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले का है. कुल्लू के उपायुक्त यूनुस ने कहा कि हम सही सूचना हासिल करने की कोशिश कर रहे हैं. मनाली के एसडीएम और डीसीपी से इस मामले को देखने के लिए कहा गया है.
ग्राउंड रिपोर्ट: मध्य प्रदेश के ग्वालियर में पिछले साल 2 अप्रैल को ‘भारत बंद’ के दौरान हुए उपद्रव में राकेश टमोटिया और दीपक जाटव की गोली लगने से मौत हो गई थी.
पाटन की चाणस्मा तालुका का मामला. पीड़ित की मां का आरोप, पढ़ाई-लिखाई छोड़कर मजदूरी करने को कह रहे थे आरोपी.
पूर्वी उत्तर प्रदेश में अस्मिता की राजनीति सबसे अधिक तीखी है. पटेल, कुर्मी, राजभर, चौहान, निषाद, कुर्मी-कुशवाहा आदि जातियों की अपनी पार्टियां बन चुकी हैं और उनकी अपनी जातियों पर पकड़ बेहद मज़बूत है. कांग्रेस को इन सबके बीच अपने लिए कम से कम 20 फीसदी से अधिक वोटों को जुगाड़ करना होगा तभी वह यूपी में सम्मानजनक स्थान पा सकती है.
भाजपा ने आम चुनाव में राष्ट्रवाद और पाकिस्तान से ख़तरे को मुद्दा बनाने का मंच सजा दिया है. वो चाहती है कि विपक्ष उनके उग्रता के जाल में फंसे, क्योंकि विपक्षी दल उसकी उग्रता को मात नहीं दे सकते. विपक्ष को यह समझना होगा कि जनता में रोजगार, कृषि संकट, दलित-आदिवासी और अल्पसंख्यकों पर बढ़ते अत्याचार जैसे मुद्दों को लेकर काफी बेचैनी है और वे इनका हल चाहते हैं.
मानवाधिकार संगठन एमनेस्टी इंडिया के अनुसार, सितंबर 2015 से अब तक कथित रूप से हुए घृणा-आधारित अपराधों के कुल 721 मामले सामने आए हैं, जिनमें से एक बड़ी संख्या दलितों और मुसलमानों के ख़िलाफ़ हुए अपराधों की है.
मथुरा के नौहझील थाना क्षेत्र का मामला. दुल्हन के परिजनों का आरोप है कि रविवार को वाल्मीकि समुदाय की एक लड़की की शादी थी, जहां गांव के दबंग ब्राह्मणों ने बारात को आने से रोका. पुलिस का कहना है कि ब्राह्मणों के माफ़ी मांगने के बाद दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया है.
पुणे की एक अदालत ने कुछ शर्तों के साथ मिलिंद एकबोटे को राहत दी है. हिंसा के संबंध में एक दलित महिला द्वारा शिकायत के बाद एससी/एसटी एक्ट के तहत गिरफ़्तार किया गया था.