स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया द्वारा संचालित राउरकेला के इस प्लांट में यह हादसा बुधवार को हुआ, जिसके बाद दो अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है. अधिकारियों में बताया कि शुरुआती जांच के हिसाब से श्रमिकों की मौत इकाई में कार्बन मोनोक्साइड के रिसाव की वजह से हुई.
बीते 14 सितंबर को शुरू हुई संसद की कार्यवाही के दौरान लोकसभा में कुल 10 सांसदों ने प्रवासी श्रमिकों की मौत से जुड़े सवाल पूछे थे, लेकिन सरकार ने ये जानकारी सार्वजनिक करने से इनकार कर दिया. श्रम एवं रोज़गार मंत्रालय में राज्य मंत्री संतोष गंगवार ने कहा था कि ऐसा कोई आंकड़ा नहीं रखा जाता है.
वीडियो: द वायर द्वारा भारतीय रेल के 18 ज़ोन में दायर आरटीआई आवेदनों के तहत पता चला है कि श्रमिक ट्रेनों से यात्रा करने वाले कम से कम 80 प्रवासी श्रमिकों की मौत हुई है. केंद्र सरकार के रिकॉर्ड में ये जानकारी उपलब्ध होने के बावजूद उसने संसद में इसे सार्वजनिक करने से मना कर दिया.
वीडियो: द वायर द्वारा दायर आरटीआई आवेदनों से पता चला है कि श्रमिक ट्रेनों से यात्रा करने वाले करीब 80 प्रवासी मज़दूरों की मौत हुई है. केंद्र के पास ये जानकारी होने के बावजूद संसद में इसे सार्वजनिक करने से मना कर दिया गया. वहीं, सरकार का कहना है कि जम्मू कश्मीर में आतंकवाद की घटनाएं कम हुई हैं. इस मुद्दे पर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
एक अन्य घटना में उत्तर प्रदेश के चित्रकूट ज़िले में दिल्ली से गांव लौटे एक प्रवासी मज़दूर की घर से कुछ दूरी पर मौत हो गई. गुजरात के राजकोट शहर में घर जाने के लिए बस का इंतज़ार कर रहे एक कृषि मज़दूर की मौत वाहन की चपेट में आ जाने से हो गई.
पुलिस ने बताया कि 35 वर्षीय मज़दूर छह माह पहले गुजरात के सूरत में मज़दूरी करने चले गए थे. 20 मई को वापस आने पर उन्हें उनके गांव में बने सरकारी क्वारंटीन सेंटर में ठहराया गया था.
इस समूह में चल रहे एक श्रमिक ने बताया कि करीब 12 लोगों ने दो दिन पहले लुधियाना से पैदल ही यात्रा शुरू की थी क्योंकि वे रेलवे की विशेष ट्रेन के लिए पंजीकरण नहीं करा पाए थे.
इस बीच रेलवे ने दूसरे राज्यों में फंसे मज़दूरों को उनके घरों तक पहुंचाने के लिए ट्रेनों को पूरी क्षमता के साथ चलाने को कहा है. हर ट्रेन में 24 कोच होंगे और हर कोच में 72 सीट पर 72 यात्री होंगे. वर्तमान में एक कोच में सामाजिक दूरी के नियमों के तहत हर कोच में 54 लोगों को बैठाया जा रहा था.
चार दिन पहले सात मजदूर दिल्ली से बिहार जाने के लिए साइकिल से निकले थे. उसमें से एक मजदूर की तबीयत बिगड़ने के बाद उत्तर प्रदेश के शाहजहांपुर में मौत हो गई. बाकी छह मजदूरों को जिला प्रशासन ने क्वारंटीन कर दिया है और उनके सैंपल जांच के लिए भेजे गए हैं.