‘भारत में मृत्युदंड: वार्षिक सांख्यिकी रिपोर्ट’ में कहा गया है कि वर्ष 2023 में देश भर में निचली अदालतों द्वारा 120 मौत की सज़ाएं सुनाई गईं, जिनमें सबसे अधिक संख्या उत्तर प्रदेश में 33 रही. 2023 में निचली अदालतों में सबसे अधिक मौत की सज़ा यौन अपराधों से जुड़े हत्या के मामलों में दी गई, जो 120 मौत की सज़ाओं में से 64 है.
देशभर की विभिन्न जेलों में ऐसे हज़ारों क़ैदी बंद हैं, जिन्हें मृत्युदंड मिला है. हाल ही में आई डेथ पेनल्टी इंडिया नाम की रिपोर्ट से पता चलता है कि सज़ा-ए-मौत पाए बंदियों में से अधिकतर समाज के हाशिये पर रहने वाले वर्गों से आते हैं.