भाजपा नेता अजय श्याम ने हिमाचल प्रदेश के शिमला ज़िले के कुमारसैन थाने में पिछले साल विनोद दुआ के ख़िलाफ़ राजद्रोह समेत विभिन्न धाराओं में केस दर्ज कराया था. उन्होंने आरोप लगाया था कि विनोद दुआ ने अपने यूट्यूब कार्यक्रम में प्रधानमंत्री पर आरोप लगाए थे कि उन्होंने वोट लेने के लिए ‘मौतों एवं आतंकी हमलों’ का इस्तेमाल किया है. सुप्रीम कोर्ट ने हाल ही में कहा है कि मीडिया के संदर्भ में राजद्रोह क़ानून की सीमाएं तय करने की
ट्विटर ने दिल्ली पुलिस के ‘टूलकिट’ जांच मामले में उसके दफ़्तरों में आने को ‘डराने-धमकाने की चाल’ बताया था. इसे लेकर मोदी सरकार ने कहा है कि ट्विटर दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र पर अपनी शर्तें थोपने का प्रयास कर रहा है. वहीं दिल्ली पुलिस ने कंपनी के बयान को सच्चाई से परे बताया है.
दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल की दो टीमें राष्ट्रीय राजधानी के बाहरी इलाके दिल्ली के लाडो सराय और गुड़गांव में स्थित ट्विटर इंडिया कार्यालयों में गई थीं. स्पेशल सेल के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि हम जानना चाहते हैं कि ट्विटर के पास टूलकिट के बारे में क्या जानकारी है और उसने कांग्रेस के कथित टूलकिट से संबंधित भाजपा के मुख्य प्रवक्ता संबित पात्रा के एक ट्वीट को ‘मैनिपुलेटेड मीडिया’ की श्रेणी का टैग देना क्यों चुना.
बीते चार मई को उत्तरी दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में हुए विवाद में 23 साल के पहलवान सागर राणा और उनके दो दोस्तों की कथित तौर पर कुछ अन्य पहलवानों ने बुरी तरह पिटाई की थी, जिसमें सागर की मौत हो गई थी. पीड़ितों का आरोप है कि झगड़े के समय ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार भी वहां मौजूद थे. दिल्ली की एक अदालत ने आरोपों को गंभीर बताते हुए सुशील को अग्रिम ज़मानत देने से इनकार कर दिया
किसान आंदोलन को लेकर सोशल मीडिया पर जारी एक टूलकिट में संलिप्तता के आरोप में बीते 13 फरवरी को पर्यावरण कार्यकर्ता दिशा रवि को गिरफ़्तार किया गया था. अदालत ने बीते 17 मार्च को दिशा रवि की याचिका पर जवाब दाख़िल करने के लिए केंद्र सरकार को आख़िरी मौका दिया था. आरोप है कि किसान आंदोलन का पूरा घटनाक्रम टूलकिट में बताई गई कथित योजना से मिलता-जुलता है.
भाजपा सांसद गौतम गंभीर और भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बी. वी. समेत कई नेताओं पर कोविड-19 दवाओं और अन्य राहत सामग्रियों की जमाखोरी के आरोप लगे थे. दिल्ली पुलिस ने उन्हें क्लीनचिट दे दिया था. हाईकोर्ट ने कहा है कि महामारी के दौरान नेताओं को दवाएं ख़रीदने और अपनी छवि बनाने के लिए जमाखोरी करने की कोई ज़रूरत नहीं थी.
दिल्ली पुलिस ने कोरोना वायरस महामारी के बीच ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर की कथित जमाखोरी और कालाबाज़ारी के आरोपों का सामना कर रहे कारोबारी नवनीत कालरा को गिरफ़्तार किया है. बीते दिनों दिल्ली में उनके तीन रेस्तरां से 500 से अधिक ऑक्सीजन कॉन्सेंट्रेटर ज़ब्त किए गए थे.
दिल्ली पुलिस ने कोविड-19 टीकाकरण अभियान के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की कथित तौर पर आलोचना वाले पोस्टर लगाने के मामले में 25 लोगों को गिरफ़्तार किया गया है, जिनमें पोस्टर-बैनर लगाने वाले, प्रिंटिंग प्रेस चलाने वाले शामिल हैं. इस क़दम की आम आदमी पार्टी समेत कांग्रेस के विभिन्न नेताओं ने निंदा की है.
बीते चार मई को उत्तरी दिल्ली के छत्रसाल स्टेडियम में हुए विवाद में 23 साल के पहलवान सागर राणा और उनके दो दोस्तों की कथित तौर पर कुछ अन्य पहलवानों ने बुरी तरह पिटाई की थी, जिसमें सागर की मौत हो गई थी. वह जूनियर नेशनल चैंपियन थे और सीनियर नेशनल कैंप का हिस्सा थे. पीड़ितों का आरोप है कि झगड़े के समय ओलंपिक पदक विजेता पहलवान सुशील कुमार भी वहां मौजूद थे.
दिल्ली पुलिस ने कहा कि कोविड-19 रोधी टीकाकरण अभियान के संबंध में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की आलोचना करने वाले ये पोस्टर शहर के कई हिस्सों में लगाए गए. इनमें लिखा था कि मोदी जी, हमारे बच्चों की वैक्सीन विदेश क्यों भेज दी?
दिल्ली पुलिस की ने कोविड-19 महामारी के दौरान लोगों को ज़रूरी दवा और ऑक्सीजन सिलेंडर मुहैया कराने के लिए भारतीय युवा कांग्रेस के अध्यक्ष श्रीनिवास बी.वी. से शुक्रवार को पूछताछ की. कांग्रेस ने इस पूछताछ को राजनीतिक नाटक क़रार देते हुए कहा कि मोदी सरकार देश में ‘छापेमारी राज’ कायम करने की जगह ‘राजधर्म’ का पालन करे.
दिल्ली हाईकोर्ट ने इस बात का संज्ञान लिया कि दिल्ली दंगा मामले में गिरफ्तार की गईं नताशा नरवाल के परिवार में अंतिम संस्कार करने के लिए कोई नहीं है. पिछले साल 22 फरवरी 2020 को दिल्ली के ज़ाफ़राबाद मेट्रो स्टेशन के बाहर नागरिकता संशोधन कानून के ख़िलाफ़ हुए एक प्रदर्शन में हिस्सा लेने पर 23 मई 2020 को नरवाल को उनकी एक साथी देवांगना कलीता के साथ गिरफ़्तार किया गया था.
एक मृतक महिला के पति ने दिल्ली हाईकोर्ट में याचिका दायर कर कहा है कि उनकी दिवगंत पत्नी की तस्वीर को हाथरस बलात्कार पीड़ित बताकर विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर अपलोड किया जा रहा है. हाईकोर्ट ने इस संबंध में केंद्र सरकार, सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म फेसबुक, गूगल और ट्विटर से जवाब मांगा है.
देश में कोविड-19 महामारी के शुरुआती दिनों में वहां पिछले साल तबलीगी जमात का एक धार्मिक कार्यक्रम हुआ था और इसे पिछले साल 31 मार्च से बंद रखा गया है. दिल्ली वक़्फ़ बोर्ड ने नियमों में ढील दिए जाने की मांग करते हुए अदालत का दरवाज़ा खटखटाया था.
दिल्ली की एक अदालत ने कहा कि ऐसा कुछ नहीं मिला है, जिससे पता चले के घटना के दिन उमर ख़ालिद वारदात स्थल पर मौजूद थे. हालांकि जेएनयू के पूर्व छात्र ख़ालिद को अभी जेल में ही रहना पड़ेगा. उनके ख़िलाफ़ यूएपीए के तहत आपराधिक साज़िश का मुक़दमा भी दर्ज किया गया है.