अंग्रेज़ी नहीं आती तो क्या वकील नहीं बन सकते?

इलाहाबाद विश्वविद्यालय के छात्र आयुष तिवारी ने दिल्ली हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर दिल्ली विश्वविद्यालय की बीए एलएलबी प्रवेश परीक्षा को अंग्रेज़ी के अलावा हिंदी में भी करने की मांग की है.

दिल्ली विश्वविद्यालय का प्रधानमंत्री मोदी की डिग्री संबंधी जानकारी देने से इनकार

दिल्ली हाईकोर्ट में दाख़िल एक हलफ़नामे में डीयू ने कहा कि वह साल 1978 के बीए के विद्यार्थियों से जुड़ी जानकारी मुहैया नहीं करवा सकता. डीयू का दावा है कि इसी साल प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां से बीए किया था.

शारीरिक रूप से अक्षम लोगों के लिए ट्रेन के छोर पर डिब्बे होना ठीक नहीं: उच्च न्यायालय

ट्रेनों में यात्रा करने वाले अक्षम लोगों को समान अवसर देने के लिए रेलवे द्वारा नियुक्त समिति की सिफारिशों को लागू नहीं करने को लेकर भी दिल्ली उच्च न्यायालय ने नाराज़गी प्रकट की.

अध्यापकों को धमकाने वालों को छात्र कहना ही अभिशाप: दिल्ली हाईकोर्ट

डूसू के पूर्व अध्यक्ष सतेंद्र अवाना द्वारा सेमेस्टर परीक्षा के दौरान उन्हें नकल करते हुए पकड़ने वाली महिला प्राध्यापक को धमकाने के मामले को सुनने के बाद कोर्ट ने यह टिप्पणी की.

हम भी भारत, एपिसोड 01: छात्र राजनीति और देश

हम भी भारत की पहली कड़ी में आरफ़ा ख़ानम शेरवानी देश में छात्र राजनीति की दशा​-दिशा पर जेएनयू छात्रसंघ की पूर्व उपाध्यक्ष शहला राशिद, एबीवीपी की जाह्नवी ओझा और पत्रकार सृष्टि श्रीवास्तव से चर्चा कर रही हैं.

इलाहाबाद विश्वविद्यालय ने ‘आज़ादी का जश्न’ कार्यक्रम की अनुमति वापस ली

इस कार्यक्रम में समाजशास्त्री सतीश देशपांडे, अभिनेता माया राव, गायक सोनम कालरा और महिला अधिकार कार्यकर्ता आभा भैया को आमंत्रित किया गया था.

रामजस विवाद: अदालत ने कहा, विश्वविद्यालय में नारेबाज़ी करना अभिव्यक्ति की आज़ादी में आता है

दिल्ली की तीस हज़ारी अदालत ने कहा छात्रों का इकट्ठा होकर नारेबाज़ी करना अभिव्यक्ति की आज़ादी में आता है और इससे ये साफ़ नहीं होता कि उनका मक़सद फ़साद फैलाना था.

जेएनयू, डीयू, आईआईटी समेत कई संगठन नहीं ले सकेंगे विदेशी चंदा

एफसीआरए के तहत पांच साल से वार्षिक रिटर्न जमा न करने की वजह से गृह मंत्रालय ने लगाया प्रतिबंध. 1,222 एनजीओ को बैंक खाते सत्यापित कराने के लिए नोटिस.

रामजस कॉलेज की घटना को जेएनयू के देशद्रोह मामले से मत मिलाइए: अदालत

मे​ट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ने कहा, जेएनयू का आरोप पत्र रामजस कॉलेज विवाद के मामले में प्रासंगिक नहीं है. ये दो अलग मामले हैं.

रामजस विवाद: ‘अप्रामाणिक वीडियो के आधार पर देशद्रोह का आरोप नहीं लगाया जा सकता’

अदालत ने कहा, अगर आइसा और एबीवीपी के बीच फिर से झड़प होती है, क्या इसे देशद्रोह कहा जाएगा. वॉट्सऐप पर सामग्री से छेड़छाड़ वाले कई वीडियो चल रहे हैं.

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