बाहरी दिल्ली के सुल्तानपुरी इलाके में रविवार को 20 वर्षीय युवती की स्कूटी को एक कार ने टक्कर मार दी थी और शव को करीब चार किलोमीटर तक घसीटते ले गए. युवती का शव नग्न हालत में मिलने पर उसके साथ बलात्कार का आरोप भी लगाया जा रहा है, हालांकि पुलिस ने इस बात से इनकार किया है.
दूरदर्शन पर प्रसारित धारावाहिक ‘महाभारत’ में भीष्म पितामह और ‘शक्तिमान’ में मुख्य भूमिका निभाने के लिए जाने जाने वाले अभिनेता मुकेश खन्ना ने कहा है कि ‘सभ्य समाज’ की लड़की यौन संबंधों को लेकर कभी कोई बात शुरू नहीं करेगी और अगर वो ऐसा करती है तो यौनकर्मी है.
मामला दक्षिण पूर्व दिल्ली का है, जहां एक कश्मीरी महिला ने आरोप लगाया है कि उनकी ग़ैर-मौजूदगी में मकान मालकिन ने घर में घुसकर फर्नीचर हटाया, पैसे और सामान चोरी किया. साथ ही पुलिसकर्मी की मौजूदगी में उनके साथ अभद्रता की गई. मामले में दिल्ली महिला आयोग ने पुलिस को नोटिस जारी किया है.
लोकसभा में प्रश्नकाल के दौरान निर्भया कोष के आवंटन के संबंध में सरकार ने बताया कि इस मद में आवंटित धनराशि में से 11 राज्यों ने एक रुपया भी ख़र्च नहीं किया. दिल्ली, हिमाचल प्रदेश, महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, कर्नाटक, झारखंड, राजस्थान, पश्चिम बंगाल, दादरा नगर हवेली और गोवा जैसे राज्यों को महिला हेल्पलाइन के लिए दिए गए पैसे जस के तस पड़े हैं.
टाटा इंस्टिट्यूट ऑफ सोशल साइंसेस की रिपोर्ट के मुताबिक दिल्ली के आश्रय घरों में रहने वाली लड़कियों को सज़ा के तौर पर उनके प्राइवेट पार्ट में मिर्ची डालने, शरीर पर खौलता पानी फेंकने और खाना न देने जैसे कई गंभीर मामले सामने हैं.
केंद्र सरकार द्वारा साल 2018 तक जारी किए गए 854.66 करोड़ रुपये में से विभिन्न राज्य और केंद्र शासित प्रदेशों ने मात्र 165.48 करोड़ रुपये का इस्तेमाल किया.
बीते दिनों दिल्ली महिला आयोग की 181 हेल्पलाइन का ज़िम्मा एक निजी कंपनी को सौंप दिया गया, जिसके बाद यहां काम करने वाली महिला कर्मचारियों ने आयोग पर बिना क़ानूनी प्रक्रिया के मनमाने ढंग से यह फैसला लेने का आरोप लगाया है. वहीं आयोग का कहना है कि हेल्पलाइन में ठीक से काम न होने के चलते यह कदम उठाना पड़ा.
मोदी सरकार के दावे और उनकी ज़मीनी हक़ीक़त पर विशेष सीरीज: दिल्ली में ‘निर्भया’ मामले के बाद सरकार ने महिलाओं की सुरक्षा के लिए निर्भया फंड बनाया था, लेकिन इस फंड के उपयोग में बरती गई लापरवाही से महिला सुरक्षा और सशक्तिकरण के प्रति सरकार की गंभीरता का अंदाज़ा लगाया जा सकता है.