उत्तर-पूर्वी दिल्ली के गोकुलपुरी इलाके में शनिवार तड़के आग लगी. एक अधिकारी ने बताया कि कि सात जले हुए शव बरामद किए गए हैं, करीब 60 झुग्गियां क्षतिग्रस्त हुई हैं और 30 आग में जलकर राख हो गई हैं.
आरटीआई के तहत मिली जानकारी के मुताबिक, दिल्ली स्थित केंद्र सरकार के चार बड़े अस्पतालों- सफ़दरजंग, अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान, कलावती सरन और सुचेता कृपलानी अस्पताल में जनवरी 2015 से जुलाई 2021 के बीच 3.46 लाख से अधिक बच्चे पैदा हुए, जिनमें से 5,724 बच्चों की मौत हो गई. इनमें से चार हज़ार से ज्यादा बच्चों की जान सिर्फ़ सफ़दरजंग अस्पताल में ही गई है.
घटना 25 फरवरी को दक्षिण दिल्ली के फतेहपुरी बेरी इलाके में हुई थी. आरोप है कि 35 वर्षीय पादरी पर जबरन धर्मांतरण कराने का आरोप लगाते हुए भीड़ ने पीटा और ‘जय श्रीराम’ का नारा लगाने के लिए मजबूर किया. पिछले 18 साल से दक्षिण दिल्ली के असोला इलाके में रह रहे 35 वर्षीय पादरी ने बताया कि 15 साल पहले भी उन्हें एक समूह ने संजय कॉलोनी इलाके में निशाना बनाया था.
मृतक की पहचान 40 वर्षीय नेपाल निवासी मंगल के रूप में हुई. वह सुरक्षा गार्ड के रूप में काम करते थे. इस मामले में पुलिस ने दो लोगों को गिरफ़्तार किया है, जो नेपाल के ही रहने वाले हैं. पुलिस ने बताया कि मृतक ने अपने परिवार के सदस्यों के साथ मुख्य आरोपी और उसके पिता को कुछ समय पहले सबके सामने पीटा था, जिसका आरोपियों ने बदला लिया.
संपत्ति सलाहकार नाइट फ्रैंक ने ‘द वेल्थ रिपोर्ट 2022’ के अनुसार, 2021 में भारत में अत्यधिक धनी लोगों की संख्या में सर्वाधिक वृद्धि बेंगलुरु में देखी गई. वहां इनकी संख्या 17.1 प्रतिशत बढ़ी है, इसके बाद दिल्ली में 12.4 प्रतिशत तथा मुंबई में नौ प्रतिशत बढ़ोतरी हुई है.
दक्षिण दिल्ली नगर निगम की शिक्षा समिति ने अपने शिक्षा विभाग के अधिकारियों को यह सुनिश्चित करने का निर्देश देने को कहा है कि एसडीएमसी के प्राथमिक स्कूलों में छात्र-छात्राएं ‘धार्मिक पोशाक’ पहनकर न आएं और उन्हें निर्धारित ड्रेस कोड में ही स्कूल में प्रवेश करने की अनुमति दी जाए.
दिल्ली पुलिस ने बताया कि 2021 में महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध के मामलों में तेज़ी से वृद्धि हुई. 2021 में बलात्कार के 1,969 मामले दर्ज किए गए, यह संख्या 2020 में 1,618 थी. इसके अलावा 2021 में 2,429 छेड़छाड़ के मामले दर्ज किए गए, जो साल 2020 की तुलना में 17.51 प्रतिशत की वृद्धि है.
आरोप है कि दिल्ली के तिलक नगर की रहने वाली 87 साल की बिस्तर से उठने में असमर्थ महिला से एक व्यक्ति ने मारपीट करने के साथ उनका बलात्कार किया था. परिवार ने आरोप लगाया था कि पुलिस ने मामले में कार्रवाई करने में देरी की और उनकी शिकायत दर्ज नहीं की.
उत्तर प्रदेश के कासगंज ज़िले में एक नाबालिग लड़की के गुमशुदगी के सिलसिले में हिरासत में लिए गए अल्ताफ़ बीते साल नवंबर में संदिग्ध परिस्थितियों में मृत्यु हो गई थी. पुलिस ने इसे ख़ुदकुशी बताया था जबकि मृतक के परिजनों ने पुलिस द्वारा बेरहमी से पीटे जाने से अल्ताफ़ की मौत होने का आरोप लगाया था.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को संसद में भाषण देते हुए महाराष्ट्र और दिल्ली सरकारों पर निशाना साधते हुए कहा था कि लॉकडाउन के दौरान उन्होंने प्रवासियों को पलायन के लिए उकसाया था, जिससे कोरोना संक्रमण फैला.
वीडियो: बीते साल 20 अक्टूबर को मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने दिल्ली के किसानों से वादा किया था कि उनकी खेती की ज़मीन अगर बर्बाद हो जाती है तो वह उन्हें 50,000 रुपये प्रति हेक्टेयर की दर से मुआवज़ा देंगे. महीनों बाद भी इस रिपोर्ट के प्रकाशन तक किसानों को मुआवज़ा नहीं मिला है.
घटना 26 जनवरी को कस्तूरबा नगर इलाके में हुई, जहां कथित गैंगरेप के बाद पीड़िता के बाल काटकर, चेहरे पर कालिख पोतकर और जूतों की माला पहनाकर सड़क पर घुमाया गया. मामले के 11 आरोपियों में से नौ को गिरफ़्तार किया गया है, जिसमें एक परिवार की सात महिलाएं शामिल हैं.
एनजीओ सेंटर फॉर होलिस्टिक डेवलपमेंट ने यह दावा किया है कि एक जनवरी से 19 जनवरी तक दिल्ली में ठंड के कारण 106 लोगों की जान चली गई, जिनमें ज्यादातर बेघर थे. अधिकारियों ने इस बात से इनकार किया कि ठंड की वजह से ये मौतें हुई हैं. हालांकि, दिल्ली पुलिस के अधिकारियों ने स्वीकार किया कि स्वास्थ्य समस्याओं से जूझ रहे बेघरों की मौत का आंकड़ा सर्दियों के मौसम में बढ़ जाता है.
अदालत ने बीते साल छह दिसंबर को दिनेश यादव को 73 वर्षीय मनोरी देवी के घर को दिल्ली दंगों के दौरान 25 फरवरी, 2020 को आग लगाने वाली दंगाई भीड़ का सक्रिय सदस्य होने का दोषी पाया था. अदालत ने दोषी तय करते हुए कहा था कि केवल यह तथ्य कि यादव को शिकायतकर्ता के घर में घुसते या तोड़फोड़ या लूटपाट या आग लगाते नहीं देखा गया था, इसका मतलब यह नहीं है कि वह केवल चुपचाप दर्शक की
देश के 36 राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में केवल नौ प्रदेश ऐसे रहे जहां पुरुषों की तुलना में महिलाओं को अधिक टीके लगे हैं. पूरे देश की बात करें तो टीकाकरण का लिंगानुपात प्रति एक हज़ार पुरुषों पर 954 महिलाएं है.