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वीडियो: लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने के लिए पारित किए गए 'नारी शक्ति वंदन अधिनियम' और महिलाओं को बराबरी का दर्जा देने की राजनीतिक मंशा को लेकर वरिष्ठ पत्रकार शरत प्रधान का नज़रिया.
वीडियो: मोदी सरकार ने लोकसभा और सभी राज्य विधानसभाओं में महिलाओं को 33 फीसदी आरक्षण देने के लिए 128वां संवैधानिक संशोधन विधेयक, 2023 पेश किया है. इस बारे में द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
असम में निर्वाचन आयोग द्वारा किए जा रहे विधानसभा और लोकसभा क्षेत्रों के परिसीमन को कांग्रेस, सीपीआई (एम), तृणमूल कांग्रेस समेत 10 राजनीतिक दलों ने चुनौती दी है.
भारतीय निर्वाचन आयोग ने असम में लोकसभा और विधानसभा क्षेत्रों के परिसीमन का मसौदा प्रकाशित किया है, जिसमें राज्य में सीट संख्या तो समान रखी गई है, लेकिन कुछ निर्वाचन क्षेत्रों का नाम बदलने का प्रस्ताव है और कथित तौर पर मुस्लिम मतदाताओं की शक्ति को कम करने के लिए कई क्षेत्रों की सीमाओं को फिर से निर्धारित किया गया है.
चुनाव आयोग ने मसौदा प्रस्ताव में अनुसूचित जाति के लिए आरक्षित विधानसभा सीटों की संख्या आठ से बढ़ाकर नौ और अनुसूचित जनजाति के लिए 16 से बढ़ाकर 19 करने का सुझाव दिया है. साथ ही, लोकसभा के लिए अनुसूचित जनजातियों के लिए दो और अनुसूचित जातियों के लिए एक सीट आरक्षित करने का सुझाव दिया है.
भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) के कार्यकारी अध्यक्ष और मंत्री केटी रामा राव ने कहा कि 2026 के बाद अगर जनसंख्या के आधार पर लोकसभा सीटों का परिसीमन किया जाता है तो यह दक्षिणी राज्यों के साथ अन्याय होगा. इसका लाभ उत्तरी राज्यों को मिलेगा, जो केंद्र सरकार की अपील के बावजूद जनसंख्या को नियंत्रित करने में विफल रहे हैं.
असम में कई विपक्षी दलों द्वारा राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) प्रक्रिया के समापन तक परिसीमन अभ्यास को रोकने के आग्रह से संबंधित ज्ञापन चुनाव आयोग को सौंपे जाने के बाद मुख्य चुनाव आयुक्त राजीव कुमार ने यह बात कही है. ऐसे आरोप लगते रहे हैं कि राज्य की सत्तारूढ़ भाजपा मुस्लिम बहुल सीटों के साथ खिलवाड़ करने की कोशिश कर रही है.
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा है कि एनआरसी असफल रहा और असम समझौता उम्मीदों पर खरा नहीं उतरा. विधानसभा क्षेत्रों के पुनर्निर्धारण के लिए परिसीमन एक ऐसा अभ्यास हो सकता है, जिसके माध्यम से हम असम के भविष्य को दो दशकों तक सुरक्षित रख सकते हैं.
असम के मुख्यमंत्री हिमंता बिस्वा शर्मा ने कहा कि मंत्रिमंडल के फैसले के तहत बिश्वनाथ ज़िले को सोनितपुर में मिला दिया जाएगा, होजई को नगांव, बजाली को बारपेटा में और तमुलपुर को बक्सा ज़िले में मिला दिया जाएगा.