जो हम पर ईमान ना लाए चुनवा दो दीवारों में…

'गाय, ट्रिपल तलाक, सेना, कश्मीर और पाकिस्तान को ज़ेरे-बहस लाकर सरकार अपनी नाकामी को छिपाने की कोशिश कर रही है. सरकार के सभी वादे झूठे साबित हुए हैं. आपको अच्छे दिन के बजाय बुरे दिन दे दिए गए हैं.'

आख़िरकार दुनिया ने विश्वगुरु के ‘स्मार्ट कल्चर’ का लोहा मान लिया

'जनता की मांग पूरी करने में इतनी बुद्धि, वक़्त और पैसा ठोंक दोगे तो अगला चुनाव कैसे लड़ोगे? जनता जो मांग रही है, वो सच में दे दिया तो अगले चुनावी घोषणापत्र में क्या सबको मंगल की सैर कराने का वादा करोगे?'

विधायिका में मुसलमानों की घटती नुमाइंदगी लोकतंत्र के लिए बेहतर संकेत नहीं है

आंकड़े बताते हैं कि देश में मुसलमानों का राजनीतिक प्रतिनिधित्व बहुत तेज़ी से गिरता जा रहा है, जिसका मतलब होगा कि वह पूरी तरह से हाशिये पर चले जाएंगे.

क्या कश्मीर में भारत सरकार ने ख़ुद ही लोकतंत्र का गला घोंटा है?

श्रीनगर लोकसभा उपचुनाव में मात्र 6.5 फ़ीसदी वोट पड़े. तीन साल पहले तक चुनावों में हुर्रियत के बहिष्कार की अपील को ठुकरा कर बड़ी संख्या में मतदान करने वाले लोग आज जनाज़ों के पीछे भारत-विरोधी नारों के साथ क्यों हैं?

महज़ 7 फीसदी मतदान वाले श्रीनगर लोकसभा उपचुनाव में फ़ारूक़ जीते

फ़ारूक़ ने कहा, घाटी के खराब हालातों के बावजूद लोग बाहर आए और वोट किया जो ये साबित करता है कि उनका नेशनल कांफ्रेस पर भरोसा है.

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