राष्ट्रीय मानवाधिकार आयोग ने कहा कि देवदासी प्रथा की शिकार ज़्यादातर महिलाओं का यौन शोषण किया जा रहा है, जब वे गर्भवती हो जाती हैं तो उन्हें उनके भाग्य पर छोड़ दिया जाता है.
2019 में जाति विरोधी नेता टीएम उमर फ़ारुख़ की पुण्यतिथि के मौक़े रंजीत ने राजा राज चोलन की यह कहकर आलोचना की थी कि उनके शासनकाल में जाति व्यवस्था प्रचलन में थी, जिसके दौरान दलितों की ज़मीनें ज़ब्त की गईं और देवदासी प्रथा शुरू हुई. इस पर तंजावुर पुलिस ने स्वतः संज्ञान लेते हुए उनके ख़िलाफ़ एफआईआर दर्ज की थी.