इससे पहले केरल की स्वास्थ्य मंत्री केके शैलजा का कहना था कि कोरोना महामारी के बीच इस सालाना उत्सव को रद्द नहीं किया जा सकता. मंगलवार को ज़िला प्रशासन की बैठक में उत्सव के दो बड़े आयोजकों ने इसे केवल अनुष्ठान तक सीमित रखने पर सहमति दी है, जहां दर्शकों को प्रवेश नहीं मिलेगा.
यह सालाना धार्मिक आयोजन मध्य त्रिशूर के वडाक्कुनाथम मंदिर में होता है और इसमें शिरकत करने वालों की संख्या के संदर्भ में यह केरल का सबसे बड़ा हिंदू त्योहार है. केरल में विपक्षी कांग्रेस, भाजपा और मंदिर समिति ने इसे रद्द करने का कड़ा विरोध किया है. बीते साल राष्ट्रीय लॉकडाउन के चलते इसे रद्द किया गया था.