धनबाद के 49 वर्षीय जज उत्तम आनंद पिछले साल 28 जुलाई की सुबह टहलने निकले थे, जब एक ऑटो रिक्शा उन्हें पीछे से टक्कर मारकर भाग गया था. सीबीआई की एक विशेष अदालत ने ऑटोरिक्शा चालक और उसके सहायक को आजीवन कारावास की सज़ा सुनाते हुए उन पर 30 हज़ार रुपये जुर्माना भी लगाया है.
झारखंड में सीबीआई की एक विशेष अदालत ने अतिरिक्त सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की हत्या के मामले में ऑटोरिक्शा चालक लखन वर्मा और उसके सहायक राहुल वर्मा को दोषी ठहराया. दोनों दोषियों को छह अगस्त को सज़ा सुनाई जाएगी. धनबाद के 49 वर्षीय जज उत्तम आनंद पिछले साल 28 जुलाई की सुबह टहलने निकले थे, जब एक ऑटो रिक्शा उन्हें पीछे से टक्कर मारकर भाग गया था.
सीबीआई की विशेष अदालत ने आरोपियों- लखन वर्मा और राहुल वर्मा के ख़िलाफ़ धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की हत्या करने और साक्ष्य छिपाने से जुड़ीं धाराओं में आरोप तय किए. धनबाद के जज उत्तम आनंद पिछले साल 28 जुलाई की सुबह सैर पर निकले थे, जब एक ऑटो रिक्शा ने उन्हें पीछे से टक्कर मार दी थी, जिससे उनकी मौत हो गई थी.
धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत की सीबीआई जांच की निगरानी कर रहे झारखंड हाईकोर्ट ने कहा कि ऐसा लगता है कि एजेंसी अब इस मामले से थक गई है और अपना पीछा छुड़ाने के लिए नई कहानी गढ़ रही है. जांच ऐसी दिशा में जा रही है जिससे लगता है कि वह ख़ुद आरोपियों को बचा रही है.
बीते जुलाई में हुई धनबाद के जिला एवं सत्र न्यायाधीश उत्तम आनंद की मौत की सीबीआई जांच की निगरानी सुप्रीम कोर्ट ने झारखंड हाईकोर्ट को सौंपी है. केंद्रीय एजेंसी के रवैये से असंतुष्ट हाईकोर्ट ने पहले कहा था कि उसकी चार्जशीट किसी 'उपन्यास' सरीखी है, जिसे केवल औपचारिकतावश दाख़िल किया गया है.