बाबा रामदेव द्वारा संचालित कंपनी पतंजलि ने अख़बारों में विज्ञापन देकर दावा किया है कि उसकी दवाएं टाइप-1 डायबिटीज़, थायराइड और अस्थमा जैसी कई बीमारियों का इलाज कर सकती हैं. ‘एलोपैथी द्वारा फैलाई गईं ग़लत धारणाएं’ शीर्षक से प्रकाशित विज्ञापन को तमाम डॉक्टरों ने पूरी तरह से भ्रामक बताते हुए ख़ारिज किया है.
यूनिसेफ ने 'द स्टेट ऑफ द वर्ल्ड्स चिल्ड्रन 2019' नाम की अपनी रिपोर्ट में बताया कि भारत में पांच वर्ष से कम आयु के हर पांचवें बच्चे में विटामिन ए की कमी है, हर तीसरे बच्चे में से एक को विटामिन बी 12 की कमी है और हर पांच में से दो बच्चे खून की कमी से ग्रस्त हैं.
केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, बिहार में 28,391 लोगों पर एक डॉक्टर. देश में डॉक्टरों की कमी के चलते मधुमेह और उच्च रक्तचाप के मरीजों की तादाद एक साल में दोगुनी. कैंसर के मामलों में 36 फीसदी बढ़ोतरी.