पतंजलि के विज्ञापन को भ्रामक बताते हुए डॉक्टरों ने कहा- शुगर पीड़ित इंसुलिन बंद न करें

बाबा रामदेव द्वारा संचालित कंपनी पतंजलि ने अख़बारों में विज्ञापन देकर दावा किया है कि उसकी दवाएं टाइप-1 डायबिटीज़, थायराइड और अस्थमा जैसी कई बीमारियों का इलाज कर सकती हैं. ‘एलोपैथी द्वारा फैलाई गईं ग़लत धारणाएं’ शीर्षक से प्रकाशित विज्ञापन को तमाम डॉक्टरों ने पूरी तरह से भ्रामक बताते हुए ख़ारिज किया है.

/
अखबारों में एलोपैथी के बारे प्रकाशित पतंजलि का विज्ञापन और बाबा रामदेव. (फोटो साभार: फेसबुक/ट्विटर)

बाबा रामदेव द्वारा संचालित कंपनी पतंजलि ने अख़बारों में विज्ञापन देकर दावा किया है कि उसकी दवाएं टाइप-1 डायबिटीज़, थायराइड और अस्थमा जैसी कई बीमारियों का इलाज कर सकती हैं. ‘एलोपैथी द्वारा फैलाई गईं ग़लत धारणाएं’ शीर्षक से प्रकाशित विज्ञापन को तमाम डॉक्टरों ने पूरी तरह से भ्रामक बताते हुए ख़ारिज किया है.

अखबारों में एलोपैथी के बारे प्रकाशित पतंजलि का विज्ञापन और बाबा रामदेव. (फोटो साभार: फेसबुक/ट्विटर)

नई दिल्ली: अतीत में ‘भ्रामक’ विज्ञापन दिए जाने को लेकर अधिकारियों द्वारा चेतावनी दिए जाने के बावजूद बाबा रामदेव द्वारा संचालित कंपनी ‘पतंजलि’ ने अखबारों में आधे पेज का विज्ञापन देकर एक और विवाद को जन्म दे दिया है.

इस विज्ञापन में दावा किया गया है कि उसके ब्रांड की पारंपरिक दवाएं टाइप-1 शुगर/डायबिटीज, थायराइड और अस्थमा जैसी कई बीमारियों का इलाज कर सकती हैं.

विज्ञापन का शीर्षक ‘एलोपैथी द्वारा फैलाई गईं गलत धारणाएं’ (Misconceptions spread by Allopathy) है, जिसे कई वरिष्ठ डॉक्टरों द्वारा इसे ‘भ्रामक’ और ‘पूरी तरह से गलत’ बताते हुए खारिज कर दिया गया है.

बीते चार दिसंबर को इस विज्ञापन को अखबारों में प्रकाशित कराया गया था. इससे पहले भी यह विज्ञापन अखबारों में प्रकाशित हो चुका है.

द न्यूज़ मिनट की एक रिपोर्ट के अनुसार, पतंजलि की ओर से अखबारों में प्रकाशित विज्ञापन में दावा किया गया है कि ब्लड प्रेशर (बीपी), शुगर और थायरॉयड जैसी बीमारियों के इलाज के लिए वर्षों से एलोपैथिक दवाएं लेने वाले लोगों के लिए जीवन ‘नरक’ बन गया है.

विज्ञापन में कहा गया है कि ‘वैज्ञानिक अनुसंधान’ के माध्यम से वे करोड़ों लोगों को ‘सभी रोगों से मुक्त’ बनाकर इन बीमारियों को जड़ से खत्म करने में सफल रहे हैं.

विज्ञापन की जिस बात ने डॉक्टरों को सबसे ज्यादा हैरान किया है, कंपनी यह दावा कर रही है कि पतंजलि ‘दुनिया में पहली बार’ टाइप-1 डायबिटीज को पूरी तरह से ठीक करने में सफल रही है.

डॉक्टरों के अनुसार, आज तक डायबिटीज के लिए कोई चिकित्सकीय रूप से सत्यापित इलाज नहीं है, लेकिन विज्ञापन का दावा है कि ‘एकीकृत उपचार’ के साथ-साथ संतुलित आहार का उपयोग करके इसे ठीक किया जा सकता है.

पद्मश्री पुरस्कार से सम्मानित और डॉ. मोहन्स डायबिटीज स्पेशलिटीज सेंटर के अध्यक्ष डॉ. वी. मोहन ने ट्विटर पर टाइप-1 डायबिटीज वाले लोगों से विज्ञापन से गुमराह नहीं होने का आग्रह किया है.

विज्ञापन की फोटो शेयर करते हुए डॉ. मोहन ने कहा, ‘अगर आप इंसुलिन बंद कर देते हैं तो आपकी जान को खतरा हो सकता है. अभी तक टाइप-1 डायबिटीज का कोई इलाज नहीं है. इंसुलिन जीवन रक्षक है. कृपया इसे जारी रखें.’

टाइप-1 डायबिटीज एक गंभीर स्थिति है, जहां एक व्यक्ति का अग्न्याशय (Pancreas) इंसुलिन हार्मोन का उत्पादन करने में विफल रहता है, जो चीनी (ग्लूकोज) को ऊर्जा पैदा करने के लिए शरीर की कोशिकाओं में प्रवेश करने में मदद करता है.

एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा था, ‘आयुर्वेद और अन्य भारतीय चिकित्सा पद्धतियों और योग के लिए मेरे मन में बहुत सम्मान है. वे कई बीमारियों के लिए बहुत अच्छा काम करते हैं. हमें अध्ययन करने और अधिक साक्ष्य खोजने की आवश्यकता है. आज की दुनिया विज्ञान और साक्ष्य आधारित है, जिसे केवल एलोपैथी ही नहीं होना चाहिए.’

पतंजलि के विज्ञापन का विरोध करने वाले कई अन्य डॉक्टरों में मैक्स हेल्थकेयर में एंडोक्रिनोलॉजी एंड डायबिटीज के अध्यक्ष डॉ. अंबरीश मित्तल भी थे.

उन्होंने ट्वीट कर कहा, ‘इस विज्ञापन में अधिकांश बयान स्पष्ट रूप से झूठे हैं, लेकिन कुछ दावे पूरी तरह से खतरनाक हैं. टाइप-1 डायबिटीज के इलाज? इंसुलिन का इस्तेमान न करें?? सभी टाइप-1 डायबिटिक लोगों से निवेदन है कि वे इंसुलिन को न छोड़ें. यह घातक हो सकता है.’

यह पहली बार नहीं है, जब पतंजलि इस तरह का विज्ञापन प्रकाशित कर रही है, जिसमें विभिन्न बीमारियों के इलाज का दावा किया जा रहा है. इस साल जुलाई की शुरुआत में कंपनी ने देश के कई प्रमुख अंग्रेजी दैनिकों में विज्ञापन प्रकाशित कर दावा किया था कि यह भारत की कुछ प्रमुख गैर-संचारी (Non-Communicable) बीमारियों का इलाज कर सकती है.

नॉन-कम्युनिकेबल रोग, जिसमें हृदय रोग, स्ट्रोक, कैंसर, मधुमेह और पुरानी फेफड़ों की बीमारी आदि शामिल हैं, दुनिया भर में होने वाली सभी मौतों के 74 प्रतिशत के लिए सामूहिक रूप से जिम्मेदार हैं.

द वायर ने अपनी एक रिपोर्ट में बताया है कि पतंजलि का विज्ञापन दो कानूनों का उल्लंघन करता है, ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट 1940 और ड्रग्स एंड मैजिक रेमेडीज एक्ट 1954.

ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक्स एक्ट के भाग 9, नियम 106 (1) के मुताबिक, ‘कोई भी दवा अनुसूची जे में उल्लिखित किसी एक या एक से ज्यादा रोगों या बीमारियों की रोकथाम या उसका निदान करने का दावा नहीं कर सकती है, न ही इसके संभावित उपयोगकर्ताओं को ऐसा कोई विचार दे सकती है कि यह उस या उन रोगों या बीमारियों की रोकथाम या उनका निदान कर सकती है.’

पतंजलि वेलनेस के विज्ञापन में जिन बीमारियों का जिक्र है, वे सभी बीमारियों अनुसूची जे में शामिल हैं.

इस साल नवंबर में उत्तराखंड आयुर्वेद और यूनानी लाइसेंसिंग प्राधिकरण ने पतंजलि उत्पादों के निर्माता दिव्य फार्मेसी को अपनी कुछ दवाओं के उत्पादन को रोकने का निर्देश दिया था. इन दवाओं को डायबिटीज, ब्लड प्रेशर, ग्लूकोमा और कोलेस्ट्रॉल के इलाज के लिए गलत तरीके से प्रचारित किया जा रहा था.

दिव्य फार्मेसी को पांच दवाओं का उत्पादन रोकने के निर्देश देते हुए उसे उनकी मंजूरी लेने के लिए अपनी संशोधित फार्मूलेशन शीट प्रस्तुत करने को कहा गया था. हालांकि रोक लगाने के दो ही दिन बाद (12 नवंबर) को प्राधिकरण ने अपना आदेश वापस ले लिया और इसे एक ‘त्रुटि’ बताया था.

इससे पहले सितंबर में केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण ने भी पतंजलि को विभिन्न बीमारियों के इलाज का वादा करने वाले विज्ञापनों को हटाने के लिए कहा था.

जुलाई 2022 में पतंजलि योगपीठ की इकाई दिव्य फार्मेसी कपंनी पर इसके आयुर्वेदिक उत्पादों के भ्रामक विज्ञापन जारी करने के चलते आयुर्वेद एवं यूनानी सेवा (उत्तराखंड) के लाइसेंसिंग अधिकारी ने हरिद्वार के ड्रग इंस्पेक्टर को दिव्य फार्मेसी के खिलाफ कार्रवाई करने के निर्देश दिए थे.

पतंजलि अपनी दवाओं को लेकर पहले भी रहा है विवादों में

मालूम हो कि साल 2021 में रामदेव और उनकी कंपनी पतंजलि ने अपनी दवा ‘कोरोनिल’ के कोविड-19 के इलाज में कारगर होने संबंधी दावे किए थे. साथ ही एलोपैथी और एलोपैथी डॉक्टरों के खिलाफ अपमानजनक टिप्पणियां की थीं, जिसके खिलाफ डॉक्टरों के विभिन्न संघों ने अदालत का रुख किया था.

जुलाई 2022 में रामदेव की कंपनी ने अदालत को बताया था कि वह कोरोनिल के इम्युनिटी बूस्टर, न कि बीमारी का इलाज होने को लेकर सार्वजनिक स्पष्टीकरण जारी करने के लिए तैयार है. हालांकि, अगस्त 2022 की सुनवाई में उसने जो स्पष्टीकरण प्रस्तुत किया, उसमें लिखा था,

‘यह स्पष्ट किया जाता है कि कोरोनिल एक इम्युनिटी बूस्टर होने के अलावा विशेष रूप से श्वांस नली से संबंधित और सभी प्रकार के बुखार के लिए, कोविड-19 के प्रबंधन में एक साक्ष्य-आधारित सहायक है.’

इसमें यह भी कहा गया था, ‘कोरोनिल का परीक्षण कोविड-19 के लक्षण वाले रोगियों पर किया गया, जिसका नतीजा सफल रहा. इसे उस पृष्ठभूमि में देखें कि कोरोनिल को इलाज कहा गया था. हालांकि, बाद में यह स्पष्ट किया गया कि कोरोनिल कोविड-19 के लिए केवल एक पूरक उपाय है.’

अदालत ने इसे खारिज करते हुए कहा था कि यह ‘स्पष्टीकरण के बजाय अपनी पीठ थपथपाने जैसा है.’

इसके आगे की सुनवाइयों में अदालत ने कंपनी को फटकारते हुए कहा था कि वह अपने उत्पाद को कोविड का इलाज बताकर गुमराह कर रही है.

इसके बाद अगस्त 2022 के आखिरी सप्ताह में एक अन्य मामले में सुप्रीम कोर्ट ने एलोपैथी और एलोपैथिक डॉक्टरों की आलोचना करने के लिए रामदेव से अप्रसन्नता जताते हुए कहा था कि उन्हें डॉक्टरों के लिए अपशब्द बोलने से परहेज करना चाहिए.

शीर्ष अदालत ने यह भी कहा था कि केंद्र सरकार को रामदेव को झूठे दावे और एलोपैथी डॉक्टरों की आलोचना करने से रोकना चाहिए.

बता दें कि मई 2021 में सोशल मीडिया पर साझा किए गए एक वीडियो का हवाला देते हुए इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए) ने कहा था कि रामदेव कह रहे हैं कि ‘एलोपैथी एक स्टुपिड और दिवालिया साइंस है’.

रामदेव ने यह भी कहा था कि एलोपैथी की दवाएं लेने के बाद लाखों लोगों की मौत हो गई. इसके साथ ही आईएमए ने रामदेव पर यह कहने का भी आरोप लगाया था कि भारत के औषधि महानियंत्रक द्वारा कोविड-19 के इलाज के लिए मंजूर की गई रेमडेसिविर, फैबीफ्लू तथा ऐसी अन्य दवाएं कोविड-19 मरीजों का इलाज करने में असफल रही हैं.

एलोपैथी को स्टुपिड और दिवालिया साइंस बताने पर रामदेव के खिलाफ महामारी रोग कानून के तहत कार्रवाई करने की डॉक्टरों की शीर्ष संस्था आईएमए व डॉक्टरों के अन्य संस्थाओं की मांग के बाद केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री डॉक्टर हर्षवर्धन ने रामदेव को एक पत्र लिखकर उनसे अनुरोध किया था कि वे अपने शब्द वापस ले लें.

इसके बाद रामदेव ने एलोपैथिक दवाओं पर अपने बयान को वापस लिया था.

pkv games bandarqq dominoqq pkv games parlay judi bola bandarqq pkv games slot77 poker qq dominoqq slot depo 5k slot depo 10k bonus new member judi bola euro ayahqq bandarqq poker qq pkv games poker qq dominoqq bandarqq bandarqq dominoqq pkv games poker qq slot77 sakong pkv games bandarqq gaple dominoqq slot77 slot depo 5k pkv games bandarqq dominoqq depo 25 bonus 25 bandarqq dominoqq pkv games slot depo 10k depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq slot77 pkv games bandarqq dominoqq slot bonus 100 slot depo 5k pkv games poker qq bandarqq dominoqq depo 50 bonus 50 pkv games bandarqq dominoqq bandarqq dominoqq pkv games slot pulsa pkv games pkv games bandarqq bandarqq dominoqq dominoqq bandarqq pkv games dominoqq