संस्कृति मंत्रालय ने ललित कला अकादमी के अध्यक्ष वी. नागदास की शक्तियों को कम करते हुए आदेश दिया है कि उन्हें ‘नियुक्ति, भर्ती, तबादले, अनुशासनात्मक कार्रवाई’ से संबंधित मामलों सहित कोई भी ‘प्रशासनिक कार्रवाई’ और वित्तीय निर्णय मंत्रालय से परामर्श किए बिना नहीं ले सकते है.
शिक्षा विभाग ने कहा है कि यह देखने में आया है कि बिहार लोक सेवा आयोग भर्ती परीक्षा में सफल होने वाले कुछ शिक्षकों ने एक संगठन बना लिया है या उसका हिस्सा बन गए हैं और विभाग की नीतियों की आलोचना कर रहे हैं. विभाग सख़्त कार्रवाई शुरू करेगा, जिसमें दोषी पाए जाने पर उनकी अस्थायी नियुक्तियों को तत्काल प्रभाव से रद्द करना भी शामिल है.
इस संबंध में केरल यूनिवर्सिटी के रजिस्ट्रार राजेंद्र पिलंकट्टा ने दो सितंबर को सर्कुलर जारी किया. यह क़दम राजनीतिक विज्ञान के सहायक प्रोफेसर गिल्बर्ट सेबेस्टियन के निलंबन के बाद आया है. गिल्बर्ट ने दक्षिणपंथी संगठन आरएसएस और नरेंद्र मोदी सरकार के तहत संगठनों को फासीवाद की ओर अग्रसर बताया था.
मुंबई की फिल्म निर्माता पायल कपाड़िया ने 2015 में भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान (एफटीआईआई) के अध्यक्ष के रूप में गजेंद्र चौहान की नियुक्ति के ख़िलाफ़ चार महीने तक चले विरोध प्रदर्शन की अगुवाई की थी. यह प्रदर्शन एफटीआईआई में सबसे लंबे चले प्रदर्शनों में से एक था. पुणे पुलिस ने पायल कपाड़िया और 34 अन्य छात्रों के ख़िलाफ़ एफ़आईआर दर्ज भी की थी. उनकी छात्रवृत्ति ग्रांट में भी कटौती कर दी गई थी.
26 फरवरी 2019 को हुए बालाकोट एयर स्ट्राइक के बाद 27 फरवरी को जम्मू कश्मीर के बड़गाम में वायुसेना का एमआई-17 हेलीकॉप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया था, जिसमें छह जवान शहीद हुए थे और एक स्थानीय की मौत हो गई थी. जांच में पाया गया था कि वायुसेना ने अपने ही हेलीकॉप्टर को मार गिराया था.
गृह मंत्रालय ने बताया कि ये अधिकारी लॉकडाउन के दौरान सार्वजनिक स्वास्थ्य व सुरक्षा को सुनिश्चित करने में विफल रहे हैं. ड्यूटी में घोर लापरवाही बरतने की वजह से अधिकारियों के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की गई.
देशभर में 5,205 आईएएस अधिकारी कार्यरत हैं. कार्मिक मंत्रालय के मुताबिक 444 आईएएस अधिकारियों का अपना नवीनतम अचल संपत्ति रिटर्न जमा करना बाकी है. वार्षिक रिटर्न साल में 31 जनवरी तक जमा करना होता है.
इस साल अप्रैल में सुप्रीम कोर्ट ने 2002 के गुजरात दंगों के दौरान सामूहिक बलात्कार का शिकार हुई बिलकिस बानो को मुआवज़ा और अन्य सुविधाएं देने का आदेश दिया था. बिलकिस ने अवमानना याचिका दायर कर कहा है कि अब तक राज्य सरकार ने ऐसा नहीं किया है.
बिलकिस बानो के साथ मार्च 2002 में सामूहिक बलात्कार किया गया था, उस समय वह गर्भवती थीं. उन्होंने गुजरात दंगे में अपने परिवार के सात सदस्यों को खोया था.