वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने वित्त वर्ष 2021-22 का बजट पेश करते हुए इस साल सार्वजनिक क्षेत्र के दो बैंकों के निजीकरण की मंशा जताई थी. सूत्रों का कहना है कि नीति आयोग ने सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया और इंडियन ओवरसीज़ बैंक के निजीकरण की सिफ़ारिश की है.
वित्त मंत्रालय के तहत आने वाले निवेश एवं सार्वजनिक संपत्ति प्रबंधन विभाग (दीपम) के सचिव तुहीन कांत पांडेय ने बताया कि आईडीबीआई बैंक में बेची जाने वाली हिस्सेदारी की मात्रा प्रचार-प्रसार ख़त्म होने के बाद पता चल जाएगी. फिलहाल आईडीबीआई बैंक का प्रबंधकीय नियंत्रण एलआईसी के पास है. सरकार के पास इस बैंक की 45.48 फ़ीसदी हिस्सेदारी है, जबकि एलआईसी के पास 49.24 फ़ीसदी हिस्सा है.
सरकार ने निजीकरण के लिए जिन चार बैंकों का चयन किया गया है वे बैंक ऑफ महाराष्ट्र, बैंक ऑफ इंडिया, इंडियन ओवरसीज और सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया हैं. सरकार का यह कदम उसकी उस बड़ी योजना का हिस्सा है जिसके तहत वह सरकारी संपत्तियों को बेचकर राजस्व बढ़ाने की तैयारी कर रही है.
पिछले सप्ताह पेश केंद्रीय बजट में वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने विनिवेश योजना के तहत दो बैंकों के निजीकरण की घोषणा की है. हालांकि, उन्होंने इस बारे में बताने से इनकार कर दिया कि किस या किन बैंकों को बिक्री के लिए चुना जा रहा है. फ़िलहाल बैंक यूनियनों ने इस क़दम का विरोध किया है.