केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (सीसीपीए) ने कहा है कि डॉक्टर की निगरानी के बिना आयुर्वेदिक और यूनानी दवाओं का सेवन करने से स्वास्थ्य संबंधी गंभीर समस्याएं हो सकती हैं. प्राधिकरण ने कहा कि वह उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम के प्रावधानों के तहत आवश्यक कार्रवाई शुरू कर सकता है, अगर जांच के बाद यह पाया जाता है कि क़ानूनी ढांचे के उल्लंघन में किसी भी ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म द्वारा ऐसी दवाओं की बिक्री के लिए पेशकश की जाती है.
भारतीय चिकित्सा परिषद ने डॉक्टरों को पर्ची पर दवाओं के नाम स्पष्ट और बड़े अक्षरों में लिखने की निर्देश दिया.