अमेरिका के हार्वर्ड विश्वविद्यालय के छात्रों के साथ बातचीत के दौरान पिछले 10 वर्षों में आर्थिक विकास के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने कहा कि पूछे जाने वाला सवाल यह है कि उस विकास की प्रकृति क्या है और उससे किसे लाभ हो रहा है. भारत बढ़ रहा है, लेकिन वह बड़े पैमाने पर बहुत कम लोगों की ओर धन केंद्रित कर रहा है.
राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय के मुताबिक़, वर्तमान वित्तीय वर्ष की पहली तिमाही में भारत की जीडीपी वृद्धि दर 7.8 फीसदी रही. हालांकि, विशेषज्ञों का दावा है कि भारत के आधिकारिक जीडीपी आंकड़े भ्रामक हैं.
सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी ने एक कार्यक्रम में कहा कि कि वर्ष 1991 में तत्कालीन वित्त मंत्री मनमोहन सिंह द्वारा शुरू किए गए आर्थिक सुधारों ने भारत को एक नई दिशा दिखाने का काम किया. उदार अर्थव्यवस्था के कारण देश को नई दिशा मिली. उसके लिए देश मनमोहन सिंह का ऋणी है.
आईआईएम अहमदाबाद में हुए एक कार्यक्रम के दौरान छात्रों से बातचीत करते हुए इंफोसिस के सह-संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति ने कहा कि मनमोहन सिंह एक असाधारण व्यक्ति हैं लेकिन यूपीए सरकार के दौर में भारत में आर्थिक गतिविधियां 'ठहर' गईं थीं और निर्णय नहीं लिए जा रहे थे.
गोदरेज इंडस्ट्रीज के चेयरमैन एवं प्रबंध निदेशक नादिर गोदरेज ने कहा, ‘मुझे लगता है कि देश को बांटना बंद कर इसे एकजुट करने की कोशिश करनी चाहिए. मुझे भरोसा है कि सरकार भी आर्थिक वृद्धि के लिए इसे ज़रूरी मानती है, हमें इस पर ध्यान देना चाहिए.’
एक कार्यक्रम के दौरान श्रीलंका में जारी संकट का उल्लेख करते हुए रिज़र्व बैंक के पूर्व गवर्नर रघुराम राजन ने कहा कि यह द्वीपीय देश इस बात का नतीजा देख रहा है, जब देश के नेता रोज़गार उत्पन्न करने में असमर्थता से ध्यान हटाने की कोशिश में अल्पसंख्यकों पर निशाना साधते हैं.
आरबीआई के गवर्नर शक्तिकांत दास ने मौद्रिक नीति समिति की बैठक के बाद बताया कि बढ़ती महंगाई को नियंत्रित करने के लिए रेपो रेट को 0.5 प्रतिशत बढ़ाकर 4.9 प्रतिशत कर दिया गया है. केंद्रीय बैंक के इस क़दम से ऋण महंगा होगा और क़र्ज़ की मासिक किस्त यानी ईएमआई बढ़ेगी.
रूस-यूक्रेन युद्ध के कारण ईंधन और खाद्य वस्तुओं के दाम में तेज़ी तथा कोविड-19 महामारी से जुड़ी आपूर्ति संबंधी बाधाओं के कारण मुद्रास्फीति लगातार तीसरे महीने आरबीआई के 6 प्रतिशत के लक्ष्य से ऊपर बनी हुई है. लगभग दो वर्षों में रिज़र्व बैंक की प्रमुख उधार दरों में यह पहला बदलाव है. आरबीआई ने पिछली बार 22 मई, 2020 को अपनी नीतिगत रेपो दर को संशोधित किया था.
कोविड-19 संक्रमण के ताज़ा मामलों और मुद्रास्फीति में बढ़ोतरी की चिंताओं के बीच आरबीआई ने रेपो रेट को अपरिवर्तित रखते हुए कहा कि अर्थव्यवस्था को समर्थन देने के लिए ज़रूरत पड़ने पर आगे कटौती की जा सकती है. आरबीआई ने यह भी कहा है कि चालू वित्त वर्ष की पहली छमाही में खुदरा मुद्रास्फीति 5.2 प्रतिशत पर रहेगी.
आईएमएफ के प्रवक्ता गैरी राइस ने वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा इस महीने पेश किए गए बजट के बारे में पूछे जाने पर कहा कि भारत की आर्थिक परिस्थितियां आईएमएफ के पहले के पूर्वानुमानों की तुलना में कमजोर हैं.
आईएमएफ के ताजा अनुमान के अनुसार 2019-20 में वैश्विक वृद्धि दर 2.9 प्रतिशत रहेगी. जबकि 2020 में इसमें थोड़ा सुधार आयेगा और यह 3.3 प्रतिशत पर पहुंच जाएगी. उसके बाद 2021 में 3.4 प्रतिशत रहेगी.
अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष ने कहा कि आर्थिक वृद्धि के अनुमान में जो कमी की गई है, वह कुछ उभरते बाजारों में खासकर भारत में आर्थिक गतिविधियों को लेकर अचंभित करने वाली नकारात्मक बातें हैं. कुछ मामलों में यह आकलन सामाजिक असंतोष के प्रभाव को भी दिखाता करता है.
साल 2019 में संयुक्त राष्ट्र ने ये अनुमान जताया था कि चालू वित्त वर्ष में भारत की आर्थिक वृद्धि दर 7.9 फीसदी रह सकती है.
आईएमएफ एशिया और प्रशांत विभाग में भारत के लिए मिशन प्रमुख रानिल सलगादो ने कहा कि भारत के साथ मुख्य मुद्दा अर्थव्यवस्था में सुस्ती का है. इसकी वजह वित्तीय क्षेत्र का संकट है. इसमें सुधार उतना तेज नहीं होगा जितना हमने पहले सोचा था.
आर्थिक वृद्धि में गिरावट के विपरीत अक्टूबर माह में खुदरा मुद्रास्फीति यानी महंगाई दर 4.6 प्रतिशत पर पहुंच गई. यह पिछले 16 माह में सबसे ऊंची दर रही है. मुद्रास्फीति की यह दर रिज़र्व बैंक के अनुमान से काफी ऊंची रही है.