देश के पूर्व नौकरशाहों ने चुनाव आयोग को खुला पत्रकर लिखकर चुनावों के आयोजन से जुड़े कई महत्वपूर्ण मुद्दों को उठाया है, जिसमें कमज़ोर और वंचित समूहों के लोगों को बाहर रखना और पंजीकरण प्रक्रिया में विसंगतियों जैसे मुद्दे शामिल हैं.
राजनीतिक दलों को सूचना का अधिकार के तहत लाने से संबंधित एक आवेदन को ख़ारिज करने के लिए कार्मिक और प्रशिक्षण विभाग ने मामले के भारत के उच्चतम न्यायालय में विचाराधीन होने को आधार बताया था.
चुनाव आयोग ने कहा है कि अगले साल असम, पश्चिम बंगाल, केरल, तमिलनाडु और पुदुचेरी में होने वाले चुनावों से इसकी शुरुआत की जा सकती है. एक अनुमान के मुताबिक, विदेशों में क़रीब एक करोड़ भारतीय रहते हैं, जिसमें से 60 लाख लोग वोट देने की उम्र में होंगे, इसलिए चुनाव परिणामों में इनकी महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है.
बीते दिनों तेलंगाना में विधानसभा को निर्धारित कार्यकाल पूरा होने से पहले ही भंग कर दिया गया. चुनाव आयोग द्वारा यह स्थिति स्पष्ट किए जाने के साथ ही तेलंगाना में आचार संहिता लागू मानी जाएगी.
मध्य प्रदेश के मंत्री नरोत्तम मिश्रा को पेड न्यूज़ के आरोप में तीन साल के लिए अयोग्य ठहराने के चुनाव आयोग के फैसले को निरस्त करने के दिल्ली उच्च न्यायालय के निर्णय को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है.
एनआरआई की तरह देश के अंदर यहां से वहां जाकर काम करने वाले प्रवासी मज़दूरों को भी प्रॉक्सी मताधिकार देने के सवाल पर क़ानून मंत्री रवि शंकर प्रसाद ने कहा कि एनआरआई और प्रवासी मज़दूरों की तुलना नहीं की जा सकती. प्रवासी मज़दूर भारत में ही रहते हैं.
चुनाव आयोग ने मतदान के दौरान वीवीपेट मशीनों में गड़बड़ी की शिकायतों की जांच के लिए दो समितियों का गठन किया था, जिनकी रिपोर्ट में कहा गया है कि अत्यधिक धूप में रखने से मशीनों के कॉंट्रास्ट और लैंथ सेंसर खराब हो गए थे.
प्रदेश कांग्रेस के नेताओं की शिकायत पर 3 जून को चुनाव आयोग ने राज्य की चार विधानसभा सीटों पर फ़र्ज़ी मतदाताओं की जांच के लिए आठ दलों का गठन किया था जिन्होंने 7 जून को अपनी रिपोर्ट आयोग को सौंप दी.
आयोग ने भोपाल ज़िले की नरेला, रायसेन की भोजपुर, होशंगाबाद और सिवनी-मालवा विधानसभा सीट की मतदाता सूची में गड़बड़ी की जांच के लिए दो-दो सदस्यीय दल बनाया हैं. कांग्रेस का आरोप है कि चुनाव जीतने के लिए भाजपा प्रशासनिक दुरुपयोग कर रही है.
चुनाव आयोग ने कहा कि राष्ट्रीय पार्टियां सूचना का अधिकार अधिनियम के तहत आने वाले सार्वजनिक प्राधिकरण हैं.
आरटीआई के तहत भाजपा, कांग्रेस, भाकपा, माकपा, बसपा और राकांपा के राजनीतिक चंदे की मांगी गई जानकारी के जवाब में आयोग ने ऐसा कहा. जबकि, इन दलों को 2013 में केंद्रीय सूचना आयोग आरटीआई के दायरे में लेकर आया था.
चुनाव आयोग ने कहा कि चुनावी आचार संहिता केवल नई योजनाओं की घोषणा और उन्हें शुरू करने पर रोक लगाती है ताकि सत्ताधारी पार्टी से मतदाता प्रभावित न हों.
दिल्ली हाईकोर्ट ने भाजपा नेता और मध्य प्रदेश सरकार के मंत्री नरोत्तम मिश्रा को चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य ठहराए जाने के चुनाव आयोग के फ़ैसले को रद्द कर दिया है.
भारत के चुनाव आयुक्त को एक थैंक्यू नोट जल्द ही मार्क ज़ुकरबर्ग को भेज देना चाहिए क्योंकि फेसबुक तो उसका पार्टनर है. जहां दुनिया की संस्थाएं चुनावों में फेसबुक की साज़िशी भूमिका को लेकर सतर्क हैं वहीं भारत का चुनाव आयोग फेसबुक से करार कर चुका है.
जन गण मन की बात की 217वीं कड़ी में विनोद दुआ देश में सांप्रदायिक हिंसा की बढ़ती घटनाओं और चुनाव आयोग की भूमिका पर उठते सवालों पर चर्चा कर रहे हैं.