दिल्ली एयरपोर्ट का संचालन करने वाला जीएमआर समूह साल 2018 से प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट के शीर्ष योगदानकर्ताओं में से एक रहा है. यह ट्रस्ट अपने फंड का सबसे बड़ा हिस्सा भाजपा को देती रही है.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) के एक विश्लेषण के अनुसार, पांच चुनावी ट्रस्टों को वित्तीय वर्ष 2022-23 में कुल 366.49 करोड़ रुपये प्राप्त हुए, जिसमें भाजपा को सबसे अधिक 259.08 करोड़ रुपये का दान प्राप्त हुआ. बीआरएस को 90 करोड़ रुपये और वाईएसआर कांग्रेस, आप तथा कांग्रेस को सामूहिक रूप से कुल 17.40 करोड़ रुपये दान में मिले.
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एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स के अनुसार, वर्ष 2021-22 के लिए राष्ट्रीय राजनीतिक दलों ने कुल 780.774 करोड़ रुपये प्राप्त होने की घोषणा की है. भाजपा द्वारा घोषित चंदा इस अवधि में कांग्रेस, एनसीपी, भाकपा, माकपा, एनपीईपी, तृणमूल कांग्रेस द्वारा घोषित कुल चंदे से तीन गुना से अधिक है.
इलेक्टोरल ट्रस्टों के माध्यम से राजनीतिक दलों को मिले चंदे का विश्लेषण कर एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स ने बताया है कि वर्ष 2021-22 में इन ट्रस्टों के माध्यम से राजनीतिक दलों को क़रीब 487 करोड़ रुपये का चंदा मिला, जिसमें से भाजपा को 351.50 करोड़ रुपये मिले. वहीं, कांग्रेस को इससे सिर्फ़ 18.44 करोड़ रुपये चंदा मिला है.
निर्वाचन आयोग के आंकड़ों के मुताबिक, वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान चंदे के रूप में पश्चिम बंगाल में सत्तारूढ़ तृणमूल कांग्रेस को 43 लाख रुपये प्राप्त हुए, जबकि माकपा को 10.05 करोड़ रुपये की धनराशि प्राप्त हुई. माकपा की केरल में सरकार है.
इलेक्टोरल ट्रस्टों द्वारा चुनाव आयोग को सौंपी गई योगदान रिपोर्ट बताती हैं कि सबसे अमीर चुनावी ट्रस्ट प्रूडेंट ने 26 किश्तों में भाजपा को कुल 336.5 करोड़ रुपये का चंदा दिया, जबकि कांग्रेस को 16.5 करोड़ रुपये दिए, जो क्षेत्रीय दलों को दी गई राशि से भी कम है.
एडीआर के अनुसार, इलेक्टोरल ट्रस्टों से सभी राजनीतिक दलों को दान में दिए गए 258 करोड़ रुपये में से भाजपा को 212.05 करोड़ रुपये मिले हैं. सबसे बड़े इलेक्टोरल ट्रस्ट में से एक प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट ने भाजपा को 209 करोड़ रुपये दान में दिए हैं.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (एडीआर) की रिपोर्ट के मुताबिक, 2019-2020 में भाजपा द्वारा घोषित चंदे की राशि कांग्रेस, राकांपा, भाकपा, माकपा और टीएमसी द्वारा इसी अवधि में प्राप्त चंदे की कुल राशि से तीन गुना से भी अधिक है. भाजपा को 785.77 करोड़ रुपये प्राप्त हुए, जबकि शेष दलों को कुल 228.035 करोड़ रुपये का चंदा मिला.
एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स की एक रिपोर्ट के अनुसार चुनावी ट्रस्ट के माध्यम से राजनीतिक दलों को मिले कुल चंदे की 76.17 फीसदी राशि भाजपा को मिली है. इसके बाद दूसरे स्थान पर कांग्रेस को 58 करोड़ रुपये का चंदा मिला है.
रिपोर्ट में कहा गया कि वित्त वर्ष 2015-16 के दौरान सत्या चुनावी ट्रस्ट की ओर से 47 करोड़ रुपये तो समाज चुनाव ट्रस्ट को 2.52 करोड़ रुपये राजनीतिक दलों को मिले.