Elgar Parishad case

एल्गार परिषद केस: गौतम नवलखा की नज़रबंदी 17 फरवरी तक बढ़ाई गई

एल्गार परिषद मामले में आरोपी 70 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा को बीते 18 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने स्वास्थ्य की स्थिति को ध्यान में रखते हुए नज़रबंद करने का आदेश दिया था.

एल्गार परिषद: कार्यकर्ताओं ने आरोपियों की रिहाई और झूठे सबूत गढ़ने के आरोपों की जांच की मांग की

बीते दिनों एक अमेरिकी डिजिटल फॉरेंसिक फर्म की रिपोर्ट में पाया गया था कि एल्गार परिषद मामले के एक आरोपी आदिवासी अधिकार कार्यकर्ता फादर स्टेन स्वामी के लैपटॉप में उन्हें फंसाने वाले दस्तावेज़ प्लांट किए गए थे. 84 वर्षीय स्वामी की जुलाई 2021 में अस्पताल में उस समय मौत हो गई थी, जब वह चिकित्सा के आधार पर ज़मानत का इंतज़ार कर रहे थे.

एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामला: ऑपरेशन के लिए हेनी बाबू को चार दिन की ज़मानत

एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में आरोपी दिल्ली विश्वविद्यालय के पूर्व प्रोफेसर हेनी बाबू के वकील युग चौधरी ने बताया कि पीठ ने निर्देश दिया है कि उनके मुवक्किल को मोतियाबिंद का ऑपरेशन और चिकित्सकीय जांच के लिए 20 दिसंबर को अस्पताल ले जाया जाए और 24 दिसंबर को वापस जेल ले आया जाए.

स्टेन स्वामी के लैपटॉप में उन्हें फंसाने वाले दस्तावेज प्लांट किए गए थे: फॉरेंसिक रिपोर्ट

मैसाच्युसेट्स स्थित डिजिटल फॉरेंसिक फर्म आर्सेनल कंसल्टिंग की एक नई रिपोर्ट में कहा गया है कि स्टेन स्वामी लगभग पांच वर्ष तक एक मैलवेयर कैंपेन के निशाने पर थे, जब तक कि जून 2019 में पुलिस द्वारा उनके उपकरण ज़ब्त नहीं किए गए.

विवेक अग्निहोत्री ने जज पर पक्षपात के आरोप लगाने को लेकर दिल्ली हाईकोर्ट से माफ़ी मांगी

2018 में फिल्मकार विवेक अग्निहोत्री ने ट्विटर पर लिखा था कि दिल्ली हाईकोर्ट के जस्टिस एस. मुरलीधर ने एल्गार परिषद मामले में आरोपी गौतम नवलखा की नज़रबंदी का आदेश इसलिए रद्द किया था क्योंकि वे जज की पत्नी के दोस्त थे. अग्निहोत्री की माफ़ी के बाद कोर्ट ने कहा कि वे उसके समक्ष पेश होकर खेद जताएं.

सुप्रीम कोर्ट ने आनंद तेलतुंबड़े की ज़मानत के ख़िलाफ़ एनआईए की अपील ख़ारिज की

एल्गार परिषद मामले की जांच कर रही एनआईए ने बॉम्बे हाईकोर्ट से सामाजिक कार्यकर्ता आनंद तेलतुंबड़े को बॉम्बे हाईकोर्ट से मिली ज़मानत के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में अपील दायर की थी. सीजेआई डीवाई चंद्रचूड़ और जस्टिस हिमा कोहली की पीठ ने एनआईए से कहा कि वे हाईकोर्ट के निर्णय में हस्तक्षेप नहीं करेंगे.

प्रथमदृष्टया यह नहीं कह सकते कि आनंद तेलतुंबड़े किसी आतंकी गतिविधि में शामिल थे: अदालत

एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले में आरोपी नागरिक अधिकार कार्यकर्ता आनंद तेलतुंबड़े को ज़मानत देने वाले अपने विस्तृत आदेश में बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा है कि याचिकाकर्ता के ख़िलाफ़ ज़ब्त सामग्री किसी भी रूप में यह साबित नहीं करती है कि उन्होंने यूएपीए अधिनियम की धारा-15 के तहत कोई आतंकी कृत्य किया है या उसमें शामिल रहे हैं.

अदालत ने एनआईए की याचिका ख़ारिज की, नवलखा को 24 घंटे के अंदर घर में नज़रबंद करने को कहा

एनआईए ने सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा के माओवादियों के साथ संबंधों का हवाला देते हुए उन्हें जेल के बजाय घर में नज़रबंद करने के सुप्रीम कोर्ट के 10 नवंबर के आदेश को वापस लेने का अनुरोध किया था. 70 वर्षीय नवलखा एल्गार परिषद-माओवादी संपर्क मामले में अप्रैल 2020 से जेल में बंद हैं और अनेक रोगों से जूझ रहे हैं.

एल्गार परिषद: अदालत ने आनंद तेलतुंबड़े को ज़मानत दी, अभी जेल में रहेंगे

एल्गार परिषद मामले की जांच कर रही एनआईए ने बॉम्बे हाईकोर्ट से अधिकार कार्यकर्ता आनंद तेलतुंबड़े को ज़मानत दिए जाने के फैसले पर एक सप्ताह की रोक लगाए जाने का आग्रह किया, ताकि वह इस फैसले के ख़िलाफ़ सुप्रीम कोर्ट में अपील कर सके. पीठ ने इस अनुरोध को स्वीकार कर लिया और अपने आदेश पर एक सप्ताह की रोक लगा दी.

एल्गार परिषद: नज़रबंदी के लिए चुने गए परिसर की ‘सुरक्षा चिंताओं’ के कारण नवलखा की रिहाई में देरी

एल्गार परिषद मामले में आरोपी 70 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा को बीते 10 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने स्वास्थ्य की स्थिति को ध्यान में रखते हुए नज़रबंद रखने की अनुमति देते हुए कहा था कि उसके आदेश का क्रियान्वयन 48 घंटे के अंदर किया जाना चाहिए.

एल्गार परिषद मामला: अदालत के आदेश के चार दिन बाद भी मुंबई की तलोजा जेल में हैं नवलखा

एल्गार परिषद मामले में आरोपी 70 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा को बीते 10 नवंबर को सुप्रीम कोर्ट ने स्वास्थ्य की स्थिति को ध्यान में रखते हुए नज़रबंद रखने की अनुमति देते हुए कहा था कि उसके आदेश का क्रियान्वयन 48 घंटे के अंदर किया जाना चाहिए. हालांकि सोमवार शाम तक वह जेल में ही थे, क्योंकि उनकी रिहाई की औपचारिकताएं पूरी नहीं हो सकी हैं.

एल्गार परिषद केस: सुप्रीम कोर्ट ने गौतम नवलखा को नज़रबंद करने की अनुमति दी

एल्गार परिषद मामले में आरोपी 70 वर्षीय सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा के मुंबई की तलोजा जेल में पर्याप्त चिकित्सा और अन्य बुनियादी सुविधाओं की कमी के मद्देनज़र घर में नज़रबंदी के अनुरोध को स्वीकारते हुए शीर्ष अदालत ने कहा कि उनकी मेडिकल रिपोर्ट को ख़ारिज करने की कोई वजह नहीं है.

एल्गार परिषद केस: सुप्रीम कोर्ट ने गौतम नवलखा को जेल से अस्पताल ले जाने का आदेश दिया

एल्गार परिषद मामले में आरोपी सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा के वकील ने अदालत को बताया कि वे कैंसर से जूझ रहे हैं और उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराने की ज़रूरत है. इसके अलावा वे दांत और त्वचा संबंधी एलर्जी से पीड़ित हैं. शीर्ष अदालत ने कहा कि चिकित्सकीय इलाज एक क़ैदी का मौलिक अधिकार है.

गौतम नवलखा की नज़रबंदी अर्ज़ी पर सुप्रीम कोर्ट ने एनआईए, महाराष्ट्र सरकार से जवाब मांगा

एल्गार परिषद मामले में आरोपी सामाजिक कार्यकर्ता गौतम नवलखा ने बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा मुंबई की तलोजा जेल में पर्याप्त चिकित्सा और मूलभूत सुविधाओं की कमी का हवाला देते हुए नज़रबंदी के अनुरोध वाली उनकी याचिका ख़ारिज किए जाने को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है.

एल्गार परिषद मामला: आरोपी कार्यकर्ता वर्णन गोंजाल्विस डेंगू से पीड़ित, अस्पताल में भर्ती

एल्गार परिषद-माओवादी संबंध मामले के आरोपी मानवाधिकार कार्यकर्ता 65 वर्षीय वर्णन गोंजाल्विस के वकील ने बताया कि वह लगभग 10 दिनों से बीमार हैं. हालांकि तलोजा केंद्रीय जेल के कर्मचारी उन्हें केवल दवा देते रहे और उचित इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती करने से इनकार कर दिया था.