पीआईबी शाखा को फैक्ट-चेक यूनिट बनाने वाली केंद्र की अधिसूचना पर सुप्रीम कोर्ट की रोक

सूचना प्रौद्योगिकी (मध्यस्थ दिशानिर्देश और डिजिटल मीडिया आचार संहिता) संशोधन नियम-2023 में एक फैक्ट-चैकिंग इकाई का प्रावधान है जो केंद्र सरकार से संबंधित ऐसी सूचनाओं को चिह्नित करेगी, जिन्हें वह ग़लत, फ़र्ज़ी या भ्रामक मानती है. केंद्र ने प्रेस सूचना ब्यूरो (पीआईबी) की फैक्ट-चेक शाखा को फैक्ट-चेकिंग इकाई (एफसीयू) के रूप में नामित किया था.

नई फैक्ट-चेक इकाई लाने वाले आईटी नियमों पर कोर्ट ने कहा- चींटी मारने के लिए हथौड़ा नहीं ला सकते

स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया और एसोसिएशन ऑफ इंडियन मैगजींस द्वारा संशोधित आईटी नियमों को चुनौती देने वाली याचिकाएं सुनते हुए बॉम्बे हाईकोर्ट की पीठ ने कहा कि वह अभी तक यह नहीं समझ पा रही है कि आईटी नियमों में इस संशोधन की क्या ज़रूरत थी.

केंद्र ने अदालत से कहा- नए आईटी नियमों के तहत ‘फैक्ट-चेक इकाई’ 5 जुलाई तक नहीं बनाएंगे

स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने हाल ही में अधिसूचित नए आईटी नियमों को बॉम्बे हाईकोर्ट में चुनौती दी है.  उनकी याचिका पर सुनवाई के दौरान इलेक्ट्रॉनिक्स और प्रौद्योगिकी मंत्रालय ने अदालत के समक्ष यह वादा किया कि वे जुलाई तक नई फैक्ट-चेक इकाई नहीं बनाएगा.

पीआईबी फैक्ट-चेक इकाई ने 3 साल में मिले 1.2 लाख सवालों में से महज़ 1,223 पर कार्रवाई की

सूचना और प्रसारण मंत्रालय के तहत नवंबर 2019 में प्रेस इंफॉर्मेशन ब्यूरो में एक फैक्ट-चेक इकाई बनाई थी, जिसे केंद्र से संबंधित फ़र्ज़ी ख़बरों के स्वत: संज्ञान के साथ नागरिकों द्वारा भेजे प्रश्नों के माध्यम से संज्ञान लेने का काम मिला था. इसे सही जानकारी के साथ इन सवालों का जवाब देने और सोशल मीडिया पर किसी भी ग़लत सूचना को चिह्नित करने का भी काम सौंपा गया है.