आरटीआई के तहत सवाल पर शोधार्थी को भारतीय नागरिकता साबित करने को कहा गया: रिपोर्ट

अर्थशास्त्री अमर्त्य सेन के प्रतीची (भारत) ट्रस्ट से जुड़े शोधार्थी साबिर अहमद ने आरटीआई आवेदन में बंगाल के सभी मेडिकल कॉलेजों से उनके छात्रों, शिक्षकों और प्रशासनिक कर्मियों के सामाजिक वर्ग से जुड़ा डेटा मांगा था. जवाब में राज्य लोक सूचना अधिकारी ने उन्हें नागरिकता साबित करने को कहा.

दिल्ली विश्वविद्यालय के कॉलेज में भगवद गीता पर सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया गया

डीयू के रामानुजन कॉलेज ने फैकल्टी सदस्यों और शोधार्थियों के लिए भगवद गीता पर आधारित सर्टिफिकेट कोर्स शुरू किया है. कॉलेज द्वारा जारी कॉन्सेप्ट नोट में कहा गया है कि इससे जुड़कर, प्रतिभागी न केवल आध्यात्मिक समझ को समृद्ध करेंगे बल्कि देश की सांस्कृतिक और दार्शनिक विरासत से भी परिचित होंगे.

अधिकांश मेडिकल कॉलेजों में घोस्ट फ़ैकल्टी हैं, सभी 50% उपस्थिति को पूरा करने में विफल रहे: एनएमसी

राष्ट्रीय चिकित्सा आयोग (एनएमसी) के तहत अंडर ग्रेजुएट मेडिकल एजुकेशन बोर्ड (यूजीएमईबी) द्वारा 2022-23 में 246 कॉलेजों के मूल्यांकन में यह जानकारी सामने आई है. इसके अनुसार, देश के किसी भी मेडिकल कॉलेज में पर्याप्त फैकल्टी सदस्य या सीनियर रेजिडेंट डॉक्टर नहीं थे और ये सभी 50 प्रतिशत उपस्थिति की आवश्यकता को पूरा करने में विफल रहे हैं.

हैदराबाद: उस्मानिया यूनिवर्सिटी में उर्दू विभाग की बदहाली की क्या वजह है?

विभिन्न विषयों के लिए उर्दू को शिक्षा के माध्यम के तौर पर अपनाने के लिए ख्यात हैदराबाद की उस्मानिया यूनिवर्सिटी ने बीते दिनों पीएचडी प्रवेश परीक्षा आयोजित की थी, जिसमें उर्दू को छोड़ दिया गया. जहां इसके लिए एक ओर विभाग में स्थायी शिक्षक न होने की बात कही जा रही है, वहीं ख़बरों में राज्य सरकार की उदासीनता को ज़िम्मेदार बताया जा रहा है.

आईआईएम कलकत्ता में शिक्षकों के सरकार की आलोचना करने, प्रदर्शनों में हिस्सा लेने पर रोक

नए दिशानिर्देशों के मुताबिक, कोई भी प्रोफेसर संस्थान या सरकार की सार्वजनिक आलोचना नहीं कर सकता. साथ ही शिकायत निवारण के लिए संयुक्त याचिकाओं पर हस्ताक्षर और किसी भी समस्या के लिए अदालत या प्रेस जाने पर भी अंकुश लगाया गया है. फैकल्टी सदस्यों ने इनका पुरजोर विरोध किया है.

आईआईएमसी: छात्रों की कॉलेज खोलने की मांग, ऑनलाइन क्लास का बहिष्कार किया

नई दिल्ली स्थित भारतीय जनसंचार संस्थान के छात्रों का कहना है कि पहला सेमेस्टर ऑनलाइन कर लिया है पर दूसरे सेमेस्टर से कैंपस में बुलाया जाना चाहिए क्योंकि ऑनलाइन पढ़ने की कुछ सीमाएं हैं. प्रशासन द्वारा मांगों पर ध्यान न देने की बात कहते हुए छात्रों ने सोमवार से कैंपस में धरना शुरू कर दिया है.