आयकर विभाग के नोटिस को केंद्र सरकार की दबाव बनाने की रणनीति क़रार देते हुए हरियाणा के बाकी आढ़तिये पानीपत संगठन प्रमुख के समर्थन में आ गए हैं. उनका आरोप है कि नोटिस इसलिए भेजा गया है, क्योंकि उन्होंने किसान आंदोलन का समर्थन किया है.
भारतीय किसान यूनियन (एकता-उगराहां) के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकलां का कहना है कि सरकार आंदोलनकारी किसानों को डराने का प्रयास कर रही है. यह संगठन कृषि कानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन करने वाले सबसे बड़े कृषि संगठनों में से एक है.
एक ओर कॉरपोरेट्स सभी आर्थिक क्षेत्रों और राज्यों की सीमाओं में अपना काम फैलाने के लिए स्वतंत्र हैंं, वहीं देश भर के किसानों के कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ साथ आ जाने पर भाजपा उनके आंदोलन में फूट डालने का प्रयास कर रही है.
वीडियो: देश के अधिकांश समाचार चैनल आज़ाद भारत के एक बड़े किसान सत्याग्रह से लोगों का ध्यान हटाने या उसके प्रति लोगों को कन्फ्यूज़ करने में जुटे दिख रहे हैं. सरकार संसद के शीतकालीन सत्र में इस पर गंभीर विमर्श करने की बजाय सत्र को ही रद्द कर रही है. इस मुद्दे पर उर्मिलेश की दों वरिष्ठ पत्रकारों बिराज स्वैन और गौरव लाहिरी से बातचीत.
बीते चार सप्ताह से चल रहे किसान आंदोलन के बीच 19 दिसंबर को आयकर विभाग ने पटियाला में आढ़तियों के यहां छापेमारी की थी. आढ़तियों का आरोप है कि यह छापेमारी राजनीति से प्रेरित है क्योंकि कई आढ़ती किसान आंदोलन को खुले तौर पर समर्थन दे रहे हैं.
केंद्र के तीन कृषि क़ानूनों के विरोध में हज़ारों की संख्या में किसान बीते 27 नवंबर से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे हैं. केंद्र की मोदी सरकार के साथ उनकी कई दौर की बातचीत का कोई नतीजा नहीं निकाला है.
अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति का पत्र प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के उस बयान के बाद आया है, जहां उन्होंने विपक्ष पर किसानों को तीन कृषि क़ानूनों को लेकर गुमराह करने का आरोप लगाया था. संगठन ने कहा है कि प्रधानमंत्री का उन पर हमलावर होना दिखाता है कि उन्हें किसानों से कोई सहानुभूति नहीं है.
केंद्र के विवादित कृषि क़ानूनों के विरोध में किसान दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर दो हफ़्तों से अधिक समय से डटे हुए हैं. प्रदर्शनस्थलों पर वे कई तरह की समस्याओं से जूझ रहे हैं, इनमें से एक साफ-सफाई है. टिकरी बॉर्डर पर इस समस्या और इससे निपटने के उपायों पर वहां मौजूद डॉक्टरों से बातचीत.
एनडीए के सहयोगी दल राष्ट्रीय लोकतांत्रिक पार्टी के संयोजक और नागौर से सांसद हनुमान बेनीवाल ने कहा कि 26 दिसंबर को वह दो लाख किसानों के साथ दिल्ली की ओर कूच करेंगे और एनडीए में बने रहने के बारे में भी फैसला उसी दिन होगा.
वीडियो: केंद्र के नए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ विरोध प्रदर्शनों की शुरुआत से अब तक करीब 16 किसानों की मौत हुई है. बीते 14 दिसंबर को मोगा निवासी मक्खन सिंह का सिंघू बॉर्डर पर दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया. मक्खन सिंह के दोस्तों से बातचीत.
मामला उत्तर प्रदेश के संभल ज़िले का है. ज़िलाधिकारी ने बताया कि सभी 20 किसानों को जारी नोटिस पुलिस की रिपोर्ट के आधार पर निरस्त कर दिया गया. कृषि क़ानूनों के विरोध में किसानों को भड़काने के आरोप में इन किसानों को पहले प्रति व्यक्ति 50 लाख रुपये के नोटिस जारी किए गए थे बाद में उसमें संशोधन कर 50 हज़ार रुपये किया गया था.
वीडियो: केंद्र के विवादित कृषि क़ानूनों का विरोध लगातार बढ़ रहा है. सरकार और प्रदर्शनकारी किसानों के बीच कोई सहमति नहीं हुई है. किसान आंदोलन में न केवल किसान बल्कि पंजाब और हरियाणा के युवा और छात्र भी भाग ले रहे हैं. उनसे बातचीत.
नए कृषि क़ानून के अलावा आम नागरिकों को क़ानूनी सहायता के अधिकार से वंचित करने की मिसाल आपातकाल, जब सभी मौलिक अधिकारों को स्थगित कर दिया था, को छोड़कर कहीं और नहीं मिलती.
गुजरात के उप-मुख्यमंत्री नितिन पटेल ने कहा है कि अगर 50,000 राष्ट्र विरोधी लोग एक साथ आकर अनुच्छेद 370 को निरस्त करने वाले क़ानून को रद्द करने की मांग करते हैं तो क्या हमें संसद से पारित इस अधिनियम को निरस्त करना होगा? अगर 50,000 लोग मांग करते हैं तो क्या हम कश्मीर को पाकिस्तान को दे देंगे?
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम किसानों की स्थिति को लेकर चिंतित हैं. हम भी भारतीय हैं, लेकिन जिस तरह से चीज़ें शक्ल ले रही हैं, उसे लेकर हम चिंतित हैं, वे भीड़ नहीं हैं. दिल्ली की सीमाओं पर प्रदर्शन कर रहे किसानों को तुरंत हटाने के लिए कई याचिकाएं दायर की गई हैं.