इस संबंध में आम आदमी पार्टी की ओर से स्पष्टीकरण देते हुए कहा गया है कि किसानों की मांग न्यूनतम समर्थन मूल्य को लेकर है और पार्टी उसका समर्थन करती है. किसान केंद्र के विवादित कृषि क़ानून के ख़िलाफ़ दिल्ली की सीमाओं पर 26 नवंबर से प्रदर्शन कर रहे हैं.
वीडियो: केंद्र सरकार के विवादित नए कृषि क़ानूनों को लेकर हज़ारों किसान दिल्ली की सीमाओं पर विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं. इस पर द वायर की सीनियर एडिटर आरफ़ा ख़ानम शेरवानी का नज़रिया.
जिन खिलाड़ियों ने ये घोषणा की है, उनमें पद्मश्री और अर्जुन अवॉर्ड विजेता पहलवान करतार सिंह, अर्जुन अवॉर्ड से सम्मानित खिलाड़ी सज्जन सिंह चीमा और अर्जुन अवॉर्ड से ही सम्मानित हॉकी खिलाड़ी राजबीर कौर शामिल हैं.
आजादपुर में कृषि उत्पाद विपणन समिति के अध्यक्ष ने बताया कि दिल्ली के सिंघू और टिकरी बॉर्डर पर मार्ग बाधित होने के कारण पंजाब, हरियाणा, हिमाचल प्रदेश और जम्मू कश्मीर से सब्ज़ियों और फलों की आपूर्ति पर असर पड़ा है. आम दिनों में दूसरे राज्यों से क़रीब 2500 ट्रक आते हैं. अब यह संख्या घटकर 1,000 रह गई है.
मृतकों में से दो किसान और एक वाहन मैकेनिक थे. किसान संगठनों ने मृतकों के परिजनों को नौकरी और मुआवज़ा देने की मांग की है. पंजाब और हरियाणा समेत अन्य राज्यों से आए किसान केंद्र के विवादित कृषि क़ानूनों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं.
किसान केंद्र के विवादित कृषि क़ानूनों को लेकर प्रदर्शन कर रहे हैं. सोमवार को किसानों की संख्या बढ़ने पर दिल्ली-ग़ाज़ियाबाद बॉर्डर पर पुलिस ने सुरक्षा मज़बूत कर दी है. किसानों ने राष्ट्रीय राजधानी को जाने वाले पांच मार्गों को जाम करने की चेतावनी दी है. उनका कहना है कि वे सशर्त बातचीत का कोई प्रस्ताव स्वीकार नहीं करेंगे. इधर, राजग की घटक आरएलपी ने कृषि क़ानूनों को वापस लेने की मांग की है.
केंद्र सरकार के विवादित कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ बीते 26 नवंबर से दिल्ली चलो मार्च के तहत किसानों का प्रदर्शन जारी है. इन क़ानूनों के विरोध में पंजाब और हरियाणा में दो दिनों के संघर्ष के बाद किसानों को दिल्ली की सीमा में प्रवेश की मंज़ूरी मिल गई थी.
केंद्र के तीन कृषि क़ानून को लेकर किसानों ने दो दिवसीय दिल्ली चलो मार्च का आह्वान किया था. किसानों को रोकने के दौरान पुलिस की उनसे झड़प हुई थी. अंबाला में किसान विरोध के दौरान पुलिस के वाटर कैनन को बंद करने वाले एक युवक के ख़िलाफ़ भी हत्या के प्रयास का मामला दर्ज किया गया है.
दिल्ली पुलिस ने बुराड़ी के निरंकारी ग्राउंड में किसानों को शांतिपूर्ण प्रदर्शन करने की अनुमति दे दी है. तीन कृषि कानूनों के विरोध में बीते बृहस्पतिवार को विभिन्न किसान संगठनों ने दिल्ली चलो मार्च का आह्वान किया था, तब इन्हें दिल्ली और हरियाणा की सीमाओं पर रोक दिया गया था. किसानों के समर्थन में लखनऊ समेत पश्चिमी उत्तर प्रदेश के विभिन्न ज़िलों में भी किसानों ने प्रदर्शन किया है.
किसान संगठनों ने इसके लिए सरकार को ज़िम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि ये बलिदान बर्बाद नहीं जाएगा. संगठनों ने पीड़ित परिवार को 20 लाख रुपये का मुआवज़ा देने की मांग की है. ये संगठन कृषि क़ानूनों के विरोध में दिल्ली चलो मार्च के तहत दो दिवसीय प्रदर्शन कर रहे हैं.
विवादित कृषि क़ानूनों के विरोध में 26 और 27 नवंबर को दिल्ली आ रहे किसानों को हरियाणा और उत्तर प्रदेश में रोकने की कोशिश की जा रही है. हरियाणा ने पंजाब से लगी अपनी सीमा सील कर दी है. वहीं, दिल्ली में जवानों की तैनाती कर सीमावर्ती इलाकों में निगरानी बढ़ा दी गई. कुछ लोगों को हिरासत में भी लिया गया है. कांग्रेस और दिल्ली के मुख्यमंत्री ने इन क़दमों की निंदा की है.
नए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ पंजाब में किसान संगठन सितंबर महीने से रेलवे स्टेशनों और पटरियों पर प्रदर्शन कर रहे थे, जिसके चलते ट्रेन सेवाएं स्थगित थीं. संगठनों ने चेतावनी दी है कि अगर उनके मुद्दों का हल नहीं निकाला गया तो वो दोबारा ट्रैक पर लौट आएंगे.
पंजाब में किसानों ने नए कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ बीते एक अक्टूबर से अनिश्चितकालीन ‘रेल रोको’ आंदोलन शुरू किया था. रेलवे ने कहा कि विरोध प्रदर्शन के कारण 3,850 मालगाड़ियों का संचालन प्रभावित हुआ है. अब तक 2,352 यात्री ट्रेनों को रद्द किया गया या उनके मार्ग में परिवर्तन किया गया है.
कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर ने कहा कि किसानों के साथ एक और दौर की चर्चा होगी और पंजाब सरकार तथा किसान संगठनों के आश्वासन के बाद ही ट्रेन सेवा बहाल की जाएगी. इससे पहले 14 अक्टूबर को मंत्रीस्तरीय बैठक में भी इस मुद्दे का कोई समाधान नहीं निकल पाया था.
राजस्थान विधानसभा में पेश इन विधेयकों में राज्य के किसानों के हितों की रक्षा के लिए कई प्रावधान किए हैं. इनमें किसानों के उत्पीड़न पर कम से कम तीन साल की क़ैद और पांच लाख रुपये तक का जुर्माना शामिल है.