केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह के इस बयान पर कांग्रेस ने केंद्र सरकार पर निशाना साधा और सवाल किया कि क्या केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार का यह नया पैंतरा है. पार्टी के प्रवक्ता रणदीप सिंह सुरजेवाला ने कहा कि अपशब्द कहे, अपमानित किया, लाठियां बरसाईं, कीलें बिछवाईं, सड़कें खुदवाईं, किसान नहीं झुके तो साजिशें कीं! फिर थक हारकर ‘काले क़ानून’ वापस लिए. चुनाव हारने का डर है, तो अब एक और पैंतरा?
वीडियो: कृषि क़ानून वापस लिए जाने के बाद भी किसानों में आक्रोश है. क्या जाट और मुसलमान एकजुट होकर वोटों से योगी सरकार को नुकसान पहुंचा पाएंगे? मुज़फ़्फ़रनगर दंगों के बाद क्या स्थिति है? इंडियन फार्मर्स यूनियन के अध्यक्ष नरेश टिकैत ने आरफ़ा ख़ानम शेरवानी को दिए इंटरव्यू में इन सभी सवालों के जवाब दिए.
हरियाणा के चरखी दादरी में मेघालय के राज्यपाल सत्यपाल मलिक ने कहा कि जब वे कृषि क़ानूनों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मिले तब 'वे बहुत घमंड में थे.' मलिक यह भी कहा कि आगे अगर सरकार किसानों के ख़िलाफ़ कोई क़दम लेगी तो वे इसका विरोध करेंगे और अपना पद छोड़ने से भी पीछे नहीं हटेंगे.
ये 22 किसान संगठन पंजाब के उन 32 किसान संगठनों में से हैं, जिन्होंने तीन कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ एक साल से अधिक समय तक चले विरोध प्रदर्शन में हिस्सा लिया था. वहीं, संयुक्त किसान मोर्चा ने स्पष्ट किया कि वह विधानसभा चुनाव नहीं लड़ रहा है.
संयुक्त किसान मोर्चा के सदस्य और हरियाणा भारतीय किसान यूनियन के अध्यक्ष गुरनाम सिंह चढ़ूनी ने ‘संयुक्त संघर्ष पार्टी’ की घोषणा की है. उनके इस क़दम से एसकेएम में उनके भविष्य पर सवाल उठ रहे हैं क्योंकि मोर्चे के नेता डॉ. दर्शन पाल कह चुके हैं कि राजनीति में जाने वाले किसानों को एसकेएम छोड़ना होगा.
उत्तर प्रदेश के सलेमपुर से भाजपा सांसद रवींद्र कुशवाहा ने कहा कि केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार किसानों के विरोध को देखते हुए तीनों नए कृषि क़ानून को वापस ले सकती है तो फिर मथुरा में श्रीकृष्ण जन्मभूमि पर भव्य मंदिर के निर्माण के लिए उपासना स्थल (विशेष उपबंध) अधिनियम, 1991 को भी वापस लिया जा सकता है.
उत्तर प्रदेश की घोसी सीट से सांसद रह चुके भाजपा नेता हरिनारायण राजभर ने भाकियू नेता राकेश टिकैत व आंदोलनकारी किसान नेताओं को 'उग्रवादी' क़रार देते हुए कहा कि टिकैत किसान आंदोलन के दौरान हुई 700 किसानों की मौत के दोषी हैं और उनकी संपत्ति ज़ब्त करके मृतकों के परिवारों को मुआवज़ा दिया जाना चाहिए.
पीलीभीत से भाजपा सांसद वरुण गांधी ने कहा कि प्रत्येक क्षेत्र में पहले के मुकाबले कम सरकारी नौकरियां हैं, लिहाज़ा युवाओं में कुंठा के भाव पैदा हो रहे हैं. पिछले दो वर्षों में सिर्फ उत्तर प्रदेश में पेपर लीक होने की वजह से 17 परीक्षाएं स्थगित की जा चुकी हैं और अभी तक इसमें शामिल किसी बड़े सिंडिकेट की पहचान नहीं की जा सकी है.
संसद के शीतकालीन सत्र से पहले भाजपा की सहयोगी नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) ने नागरिकता संशोधन अधिनियम को निरस्त करने की मांग की है. मेघालय के तूरा लोकसभा क्षेत्र से सांसद अगाथा संगमा ने सरकार से अपील की है कि जिस तरह उसने लोगों की संवेदना को ध्यान में रखकर कृषि क़ानून निरस्त किए हैं, उसी तरह पूर्वोत्तर के लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखकर सीएए भी निरस्त किया जाना चाहिए.
वीडियो: एक साल से जारी ऐतिहासिक किसान आंदोलन में किसानों ने बहुत कुछ खोया है. इस दौरान क़रीब 700 से ज़्यादा किसानों की मौत हुई, किसी ने आत्महत्या की, तो किसी की बीमारी के चलते जान गई. आंदोलन के दौरान जान गंवाने वाले किसानों के परिवारों से बातचीत.
ट्रैक्टर मार्च को स्थगित करने का निर्णय संसद का शीतकालीन सत्र शुरू होने से पहले आया है. इस सत्र के दौरान तीन कृषि क़ानून निरस्त करने के लिए विधेयक पेश किया जाना है. इसके साथ ही किसान संगठनों ने केंद्र से उनकी लंबित मांगों के समाधान के लिए फिर से बातचीत शुरू करने का भी आह्वान भी किया है.
वीडियो: द वायर ने कृषि क़ानूनों को वापस लेने के बाद मुख्यधारा के मीडिया के यू-टर्न पर दिल्ली की टिकरी सीमा पर आंदोलन कर रहे किसानों से बात की. किसानों का कहना है कि जिस मीडिया ने उन्हें आतंकवादी, खालिस्तानी, देशद्रोही कहा, उन्हें उनका सामना करना पड़ेगा.
वीडियो: उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में बीते हुई संयुक्त किसान मोर्चा की महापंचायत में भारतीय किसान यूनियन के नेता राकेश टिकैत ने आंदोलन जारी रखने की घोषणा की. उन्होंने कहा कि अभी भी कई मुद्दे हैं, जिनके समाधान के बाद ही आंदोलन समाप्त होगा.
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने तीन कृषि क़ानूनों को निरस्त करने संबंधी विधेयक को बुधवार को मंज़ूरी दे दी, जिसे 29 नवंबर को शुरू हो रहे संसद सत्र के दौरान लोकसभा में पारित करने के लिए पेश किया जाएगा. किसान नेताओं ने इसे ‘औपचारिकता’ क़रार देते हुए अन्य मांगों, विशेषकर कृषि उपजों के लिए एमएसपी की क़ानूनी गारंटी को पूरा करने की मांग की है.
न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल स्टैंडर्डस अथॉरिटी (एनबीडीएसए) का कहना है कि समाचार चैनल ज़ी न्यूज़ ने किसान आंदोलन की रिपोर्टिंग के दौरान एथिक्स कोड का उल्लंघन किया है. संगठन का कहना है कि चैनल द्वारा प्रसारित तीन वीडियो में कृषि क़ानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों को खालिस्तानियों से जोड़ा गया और ग़लत रिपोर्ट की कि 26 जनवरी 2021 को लाल क़िले से भारतीय झंडे को हटा दिया था.