26 जनवरी 2021 को नई दिल्ली में कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ आंदोलन कर रहे एक प्रदर्शनकारी की मौत संबंधी रिपोर्ट के सिलसिले में यूपी पुलिस द्वारा द वायर, इसके संपादक सिद्धार्थ वरदराजन और रिपोर्टर इस्मत आरा पर दर्ज एफआईआर ख़ारिज करते हुए अदालत ने कहा कि ख़बर में किसी तरह का कोई उकसावा नहीं था.
न्यूज़ ब्रॉडकास्टिंग एंड डिजिटल स्टैंडर्डस अथॉरिटी (एनबीडीएसए) का कहना है कि समाचार चैनल ज़ी न्यूज़ ने किसान आंदोलन की रिपोर्टिंग के दौरान एथिक्स कोड का उल्लंघन किया है. संगठन का कहना है कि चैनल द्वारा प्रसारित तीन वीडियो में कृषि क़ानूनों के विरोध में प्रदर्शन कर रहे किसानों को खालिस्तानियों से जोड़ा गया और ग़लत रिपोर्ट की कि 26 जनवरी 2021 को लाल क़िले से भारतीय झंडे को हटा दिया था.
कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ पिछले क़रीब तीन महीने से दिल्ली की विभिन्न सीमाओं पर किसानों के आंदोलन का नेतृत्व सामूहिक निकाय ‘संयुक्त किसान मोर्चा’ की ओर से कहा गया है कि वह पुलिस के इस क़दम का विरोध करता है, क्योंकि किसान अपने संवैधानिक अधिकार का इस्तेमाल कर रहे हैं. मोर्चा ने किसानों से शांतिपूर्वक अपना प्रदर्शन जारी रखने की अपील की.
26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड के दौरान जान गंवाने वाले एक प्रदर्शनकारी के परिवार के दावों को लेकर द वायर की इस्मत आरा ने एक रिपोर्ट लिखी थी, जिसे ट्विटर पर साझा करने के बाद द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन के ख़िलाफ़ रामपुर में एफ़आईआर दर्ज की गई थी.
कृषि क़ानूनों के ख़िलाफ़ प्रदर्शन कर रहे किसानों ने बीते 26 जनवरी को दिल्ली में ट्रैक्टर परेड निकाला था, जो हिंसक हो गया. इस दौरान दिल्ली के आईटीओ इलाके में 25 वर्षीय नवरीत सिंह की मौत हो गई थी. उनके दादा की याचिका पर दिल्ली पुलिस ने यह नोटिस जारी किया है. उनका दावा है कि उनके पोते के सिर में गोली लगने के घाव थे.
26 जनवरी को दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान असत्यापित ख़बरें प्रसारित करने के आरोप में कांग्रेस नेता शशि थरूर, वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडेय और चार अन्य पत्रकारों के ख़िलाफ़ राजद्रोह की धाराओं में मामला दर्ज हुआ.
26 जनवरी को दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान असत्यापित ख़बरें प्रसारित करने के आरोप में कांग्रेस नेता शशि थरूर, वरिष्ठ पत्रकार राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडेय और चार अन्य पत्रकारों के ख़िलाफ़ राजद्रोह की धाराओं में मामला दर्ज हुआ है.
26 जनवरी की ट्रैक्टर परेड के दौरान जान गंवाने वाले एक प्रदर्शनकारी के परिवार के दावों को लेकर द वायर की इस्मत आरा ने एक रिपोर्ट लिखी थी, जिसे ट्विटर पर साझा करने के बाद द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन के ख़िलाफ़ रामपुर में एफआईआर दर्ज की गई थी.
द वायर के संस्थापक संपादक सिद्धार्थ वरदराजन ने गणतंत्र दिवस पर किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान हुई हिंसा में दिल्ली के आईटीओ पर एक प्रदर्शनकारी की मौत को लेकर उनके परिवार के दावों से संबंधित ख़बर ट्विटर पर साझा की थी.
26 जनवरी को दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान असत्यापित ख़बरें प्रसारित करने के आरोप में कांग्रेस नेता शशि थरूर, पत्रकार राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडेय और चार अन्य पत्रकारों के ख़िलाफ़ दिल्ली, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, हरियाणा और कर्नाटक में मामला दर्ज कराया गया है.
एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया, प्रेस क्लब ऑफ इंडिया और इंडियन वूमंस प्रेस कोर जैसे मीडिया संगठनों ने असत्यापित ख़बरें प्रसारित करने के आरोप में पत्रकारों के ख़िलाफ़ राजद्रोह की धाराओं में केस दर्ज किए जाने की कार्रवाई को मीडिया को डराने-धमकाने की कोशिश बताया है.
26 जनवरी को दिल्ली में किसानों के ट्रैक्टर परेड के दौरान असत्यापित ख़बरें प्रसारित करने के आरोप में कांग्रेस नेता शशि थरूर, पत्रकार राजदीप सरदेसाई, मृणाल पांडेय और चार अन्य पत्रकारों के ख़िलाफ़ राजद्रोह की धाराओं में मामला दर्ज हुआ है. इन्हीं लोगों के ख़िलाफ़ मध्य प्रदेश की भोपाल पुलिस ने भी केस दर्ज किया है.