वित्त मंत्री अरुण जेटली ने यह भी कहा कि बैंकों के फंसे कर्ज़ की समस्या के समाधान पर आरबीआई तेज़ी से काम कर रहा है.
मध्य प्रदेश में चल रहे उग्र किसान आंदोलन के बीच शनिवार से अनिश्चितकालीन उपवास पर बैठे मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने रविवार को इसे ख़त्म कर दिया.
मध्य प्रदेश के गृहमंत्री ने स्वीकार किया कि मंदसौर में प्रदर्शन के दौरान पांच किसानों की मौत पुलिस फायरिंग से हुई. मंदसौर के कलेक्टर और एसपी का तबादला.
किसान सरकारी कर्मचारियों की तरह काम बंद नहीं करता है. सूखे, बाढ़ समेत तमाम संकट से जूझ रहा है लेकिन अपना पुरुषार्थ नहीं छोड़ता. हमें सरकार के उस भुलावे से बाहर निकलना होगा कि बड़े उद्योगपति आयेंगे और देश में बहार आ जाएगी.
‘किसानों के छोटे क़र्ज़ से दिक्कत है, उन उद्योगपतियों से नहीं जो हज़ारों करोड़ का लोन डकार जाते हैं’
कृषि, रोज़गार और महंगाई समेत दूसरे आर्थिक मसलों पर द वायर के संस्थापक संपादक एमके वेणु से अमित सिंह की बातचीत.
मध्य प्रदेश के मंदसौर में पुलिस फायरिंग के दौरान छह किसानों की मौत के ख़िलाफ़ नई दिल्ली के मध्य प्रदेश भवन पर सात जून को विभिन्न संगठनों ने प्रदर्शन किया.
नोटबंदी पर छिड़ा सियासी युद्ध, शिवसेना, कांग्रेस और वामदलों ने बोला भाजपा सरकार पर हमला, राजस्थान के किसानों ने की मंदसौर जाकर आंदोलन में शामिल होने की घोषणा.
छह किसानों की मौत के बाद मध्य प्रदेश के कई इलाक़ों में भड़की हिंसा, कांग्रेस ने मांगा मुख्यमंत्री शिवराज सिंह का इस्तीफ़ा.
महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में सातवें दिन किसानों का आंदोलन जारी. मप्र में पुलिस फायरिंग में छह किसानों की मौत के बाद कई इलाक़ों में कर्फ़्यू.
मध्य प्रदेश और महाराष्ट्र में एक जून से किसान फ़सलों के उचित मूल्य और क़र्ज़ माफ़ी को लेकर आंदोलन कर रहे हैं. मंगलवार को उग्र हुए किसानों पर फायरिंग हुई.
मध्य प्रदेश के कई इलाक़ों में हिंसा, मंडी लूटी, दुकानों में तोड़फोड़, महाराष्ट्र में सरकार का ऋण माफ़ी का ऐलान लेकिन जारी रहेगा आंदोलन.
शायद ही ऐसा कोई दिन बीतता है, जब देश के किसी न किसी कोने से किसानों की आत्महत्या की खबरें न आती हों. हार किसानों की नहीं हुई है. ये हार अर्थशास्त्रियों और नीति-निर्माताओं की है, जिन्होंने किसानों को मझधार में छोड़ दिया है.
क़र्ज़ माफ़ी और फ़सलों का उचित दाम न मिलने से नाराज़ किसानों ने महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश में अनाज, फल, दूध और सब्ज़ियों की आपूर्ति रोक दी है.
तमिलनाडु के कुछ किसान जंतर मंतर पर पिछले 40 दिनों से प्रदर्शन कर रहे थे. उनका कहना है कि यदि हमारी मांगें मानी नहीं गईं तो 25 मई से फिर आंदोलन करेंगे.
'आंदोलन के सारे गांधीवादी-सत्याग्रही तरीक़े चूक जाने के बाद अगर तमिलनाडु के किसान हथियार उठा लें तो उसके लिए कौन ज़िम्मेदार होगा?'