चुनावी नारों की भारत की राजनीति में बड़ी भूमिका रही है. जुमलेबाजी के इस दौर में एक निगाह डालते हैं उन नारों पर जो नेता से लेकर जनता के बीच काफी चर्चित रहे.
दिल्ली विश्वविद्यालय के प्रो. अपूर्वानंद से द वायर हिंदी के कार्यकारी संपादक बृजेश सिंह से बातचीत.
रूस के तानाशाह स्टालिन की बेटी स्वेतलाना और कालाकांकर (प्रतापगढ़) के राजकुमार बृजेश सिंह की प्रेम कहानी ने साठ के दशक में भारत, सोवियत संघ और अमेरिका के संबंधों में तनाव पैदा कर दिया था.
अरुणाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री कालिखो पुल की पहली पत्नी दांगविम्साई पुल ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस से उनके पति द्वारा लिखित 60 पन्नों के सुसाइड नोट में दर्ज भ्रष्टाचार के आरोपों पर संज्ञान लेने की गुज़ारिश की है.
द वायर के पास 60 पन्नों का वह सुसाइड लेटर है जिसे अरुणाचल प्रदेश के पूर्व सीएम कालिखो पुल ने आत्महत्या करने के चंद घंटे पहले लिखा था, जिसमें उन्होंने संवैधानिक पदों पर बैठे कई लोगों पर बेहद गंभीर आरोप लगाए हैं.
श्मशान पुरातत्व के जानकारों और मानवशास्त्रियों के लिए एक महत्वपूर्ण जगह रहे हैं. इसके अध्ययन के द्वारा वे अतीत के मनुष्यों की संस्कृति, धर्म और जीवन के अन्य पक्षों के बारे में अपनी समझ बनाते हैं.
जिस हवा में भारतीय सांस लेते हैं, वह दिन-ब-दिन जहरीली होती जा रही है. एक नए शोध में कहा गया है कि वायु प्रदूषण के कारण हर दिन औसतन दो लोग मारे जाते हैं.
‘जन की बात’ की चौथी कड़ी में वरिष्ठ पत्रकार विनोद दुआ कर रहे हैं मीडिया का भारत, बीजेपी आईटी सेल और आईएसआई के जासूसी रैकेट पर चर्चा.
इंदिरा गांधी अंतर्राष्ट्रीय हवाई अड्डा के टर्मिनल-3 के लिए नांगल देवत गांव के 59 दलित परिवारों की ज़मीन ली गई थी. ज़मीन के बदले ज़मीन का वादा था जो एक दशक बाद भी पूरा नहीं हुआ.
उत्तर प्रदेश के विधानसभा चुनाव में सपा और कांग्रेस के गठबंधन ने नोटबंदी को एक बड़ा राजनीतिक मुद्दा बना दिया है, लेकिन भाजपा इससे परहेज़ करने की कोशिश कर रही है.
शराबबंदी नीतीश कुमार के एक-डेढ़ दशकों की राजनीति की बड़ी उपलब्धि नहीं, बल्कि उनकी राजनीतिक महत्वाकांक्षा के अवसान का सूचक है.
सशस्त्र बलों की कठिनाईयों को गंभीरता से समझने की जरूरत है सिर्फ सोशल मीडिया पर बहस करने से इसका हल नहीं निकलने वाला है
सलमा सिद्दीक़ी को अधिकतर लोग कृश्न चंदर की हमसफ़र के रूप में ही जानते हैं, पर उनकी एक अलग पहचान भी थी..एक लेखक की. सलमा 13 फरवरी को इस दुनिया से रुख़सत हो गईं. सलमा आपा, सब उन्हें इसी नाम से जानते थे…अक्सर ही लोग उनकी ख़ूबसूरती के ही क़ायल रहते. उनकी बड़ी, गहरी आंखें मानो उर्दू की ‘ग़िलाफ़ी आंखें’ जैसी मिसाल उन्हीं के लिए गढ़ी गई हो…उनके चेहरे की तारीफ़, जिसमें उनकी मां बेग़म राशिद अहमद सिद्दीक़ी का अक़्स
कंंपनियों की खिंचाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि ये लोग पैसा बनाना जानते हैं लेकिन भारतीय कानूनों का सम्मान करना नहीं जानते.
उत्तराखंड विधानसभा चुनाव पर 'द वायर' के डिप्टी एडिटर गौरव विवेक भटनागर के साथ चर्चा कर रही हैं मीनाक्षी तिवारी.