कोलकाता डॉक्टर रेप-हत्या: हाईकोर्ट ने सीबीआई से प्रगति रिपोर्ट मांगी, देशभर में प्रदर्शन

बीते 9 अगस्त को कोलकाता के आरजी कर मेडिकल कॉलेज और अस्पताल में एक युवा डॉक्टर के साथ हुए बलात्कार और हत्या के बाद बंगाल में आक्रोश है. 15 अगस्त की आधी रात को कुछ लोगों ने अस्पताल में धावा बोला और तोड़फोड़ की है.

कोलकाता डॉक्टर रेप-हत्या: सीबीआई को मिली जांच, अपराध स्थल के पास छेड़छाड़ के आरोप

कोलकाता के आरजी कर अस्पताल और मेडिकल कॉलेज में एक कमरे और महिला शौचालय को गिराने का आदेश दिया गया है जो उस सेमिनार हॉल से कुछ ही फीट की दूरी पर हैं, जहां बीते हफ्ते एक जूनियर डॉक्टर का शव मिला था. इसे लेकर अस्पताल पर डॉक्टर के रेप और हत्या केस के सबूतों से छेड़छाड़ करने का आरोप लग रहा है.

कोलकाता: क्या है डॉक्टर की हत्या और यौन उत्पीड़न का मामला, जिस पर देशभर के डॉक्टर आक्रोशित हैं

कोलकाता के सरकारी अस्पताल आरजी कर मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी डॉक्टर से रेप और हत्या के मामले को लेकर देशव्यापी विरोध प्रदर्शनों के बीच मेडिकल कॉलेज के प्रिंसिपल संदीप घोष ने सोमवार को इस्तीफा दे दिया. प्रदर्शन कर रहे डॉक्टर पहले दिन से ही उनके इस्तीफे की मांग कर रहे थे.

देश भर के डॉक्टरों के प्रदर्शन करने के लिए मजबूर होने की वजह क्या है

देश भर के डॉक्टरों की मांग है कि नीट-पीजी पास किए 50,000 एमबीबीएस डॉक्टरों की तत्काल काउंसलिंग कराई जाए, ताकि नए डॉक्टरों की भर्ती से उन पर मरीज़ों का बोझ घटे और कोरोना वायरस महामारी की आगामी आशांका को लेकर वे ख़ुद को उचित रूप से तैयार कर सकें.

नीट-पीजी काउंसलिंग में देरी का विरोध: पुलिस कार्रवाई के बाद एम्स, एफएआईएमए के डॉक्टर भी धरने पर

फेडरेशन ऑफ रेज़िडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन और फेडरेशन ऑफ ऑल इंडिया मेडिकल एसोसिएशन द्वारा नवंबर के अंत में ओपीडी सेवाओं को रोकने के साथ यह विरोध बीते 17 दिसंबर से लगातार जारी है. इससे दिल्ली में केंद्र द्वारा संचालित तीन अस्पतालों- सफ़दरजंग, आरएमएल और लेडी हार्डिंग अस्पतालों के साथ ही दिल्ली सरकार के कुछ अस्पतालों में मरीज़ों का इलाज प्रभावित हुआ है.

नए क्वारंटीन नियमों के विरोध में उतरे डॉक्टर और स्वास्थ्यकर्मी, काला रिबन बांधकर किया काम

बीते दिनों केंद्र सरकार ने कोविड-19 संबंधी ड्यूटी कर रहे स्वास्थ्यकर्मियों के क्वारंटीन नियमों में बदलाव करते हुए कहा है कि उन्हें तब तक क्वारंटीन में भेजने की ज़रूरत नहीं है, जब तक उन्हें या तो बहुत अधिक ख़तरा न हो या वायरस संक्रमण के लक्षण नज़र आ रहे हों. दिल्ली के विभिन्न अस्पतालों के डॉक्टरों द्वारा इसका विरोध किया गया है.