बीते दिनों कान फिल्म समारोह में अवॉर्ड जीतने वाली पायल कपाड़िया ने साल 2015 में एफटीआईआई के अध्यक्ष के रूप में गजेंद्र चौहान की नियुक्ति के ख़िलाफ़ चार महीने तक चले विरोध प्रदर्शन की अगुवाई की थी. यह प्रदर्शन एफटीआईआई कैंपस में सबसे लंबे चले प्रदर्शनों में से एक था.
भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान के छात्रों के एक समूह ने मंगलवार रात को राम मंदिर आंदोलन पर आनंद पटवर्धन की डॉक्यूमेंट्री 'राम के नाम' की स्क्रीनिंग आयोजित की थी. छात्रों के अनुसार, दोपहर में कुछ 25 लोग परिसर में घुसे और 'जय श्री राम' के नारे लगाते हुए छात्रों को गालियां देना और मारपीट शुरू कर दी.
पुणे स्थित भारतीय फिल्म और टेलीविजन संस्थान के छात्र 2020 के बैच से कथित तौर पर निकाले गए एक छात्र की बहाली की मांग कर रहे हैं. उनका कहना है कि निष्कासित छात्र मानसिक स्वास्थ्य समस्याओं के चलते इलाज़रत था, इसलिए कक्षाओं में शामिल नहीं हो सका और संस्थान उसे सेमेस्टर रिपीट करने को कह रहा है.