शिवसेना ने अपने मुखपत्र सामना में कहा कि महज़ शब्दों के खेल या विज्ञापनों से बढ़ती बेरोज़गारी के मुद्दे का समाधान नहीं होने वाला है, सिर्फ विज्ञापन देने से ही नौकरियां नहीं मिल जाएंगी.
आम चुनाव से ठीक पहले बेरोज़गारी से जुड़े आंकड़ों पर आधारित यह रिपोर्ट लीक हो गई थी, तब सरकार ने इस रिपोर्ट को अधूरा बताया था, लेकिन शुक्रवार को सरकार द्वारा जारी आंकड़ों में इसकी पुष्टि हो गई.