चीनी निवेश बढ़ाने पर आर्थिक सर्वेक्षण के सुझाव: संभावनाएं और चुनौतियां

आर्थिक सर्वेक्षण 2023-24 में चीन से आयात बढ़ाने और प्रत्यक्ष विदेशी निवेश की अनुमति देने पर जोर दिया गया है. हालांकि, केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने कहा है कि आर्थिक सर्वेक्षण सरकार के लिए बाध्यकारी नहीं है.

केंद्रीय बजट 2024-25: चालू वर्ष में संशोधित राजकोषीय घाटा 5.8 प्रतिशत, आयकर में कोई बदलाव नहीं

केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने बृहस्पतिवार को नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल का आख़िरी बजट पेश किया. सरकार ने मनरेगा के लिए 86,000 करोड़ रुपये, जबकि जनगणना के लिए महत्वपूर्ण कमी के साथ 1,277.80 करोड़ रुपये आवंटित किए हैं. बजट में ग्रामीण विकास पर 2,65,808 करोड़ रुपये ख़र्च करने की उम्मीद है.

आरबीआई ने 2018 में आम चुनाव से पहले 3 लाख करोड़ केंद्र को देने का प्रस्ताव ठुकरा दिया था: आचार्य

आरबीआई के पूर्व डिप्टी गवर्नर विरल आचार्य ने यह जानकारी अपनी किताब ‘क्वेस्ट फॉर रिस्टोरिंग फाइनेंशियल स्टेबिलिटी इन इंडिया’ के अपडेटेड संस्करण की नई प्रस्तावना में दी है. यह किताब पहली बार 2020 में प्रकाशित हुई थी. इस प्रस्ताव से ज़ाहिर तौर पर आरबीआई और सरकार के बीच मतभेद पैदा हो गए थे.

भारत की आर्थिक वृद्धि दर में सुस्ती, प्रति व्यक्ति आय कोविड पूर्व समय की तुलना में नीचे आई

एनएसओ के अनुसार, जनवरी-मार्च तिमाही में भारत की आर्थिक विकास दर साल-दर-साल धीमी होकर 4.1% हो गई. यह एक साल में इसकी सबसे धीमी गति है. वहीं, वित्त वर्ष 2021-22 में राजकोषीय घाटा जीडीपी का 6.71 प्रतिशत रहा है जो संशोधित बजट अनुमान से कम है.

बजट 2022-23: आठ बिंदुओं में समझें कि प्रमुख क्षेत्रों को कितना आवंटन हुआ

द वायर ने आठ बिंदुओं में समझाने की कोशिश की है कि पिछले कुछ वर्षों में केंद्र सरकार ने प्रमुख क्षेत्रों और कुछ महत्वपूर्ण कल्याणकारी योजनाओं पर कितना ख़र्च किया है और आने वाले वर्षों में वह इसके लिए कितना  ख़र्च करने की बात कह रही है.

भारतीय अर्थव्यवस्था में कुछ उजले पहलू हैं, लेकिन साथ में बहुत से काले धब्बे भी हैं: रघुराम राजन

भारतीय रिज़र्व बैंक के पूर्व गर्वनर ने कहा कि अर्थव्यवस्था के बारे में सबसे बड़ी चिंता मध्यम वर्ग, लघु एवं मझोले क्षेत्र और हमारे बच्चों को लेकर है. ये सारी चीज़ें मांग में कमी के चलते लगने वाले शुरुआती झटकों के बाद केंद्र में आएंगी. सरकार को अपने ख़र्च को सावधानी से तय करने की ज़रूरत है, ताकि राजकोषीय घाटे को बहुत ऊंचाई पर पहुंचने से रोका जा सके.

करेंसी छापकर राजकोषीय घाटे का वित्तपोषण न करे रिज़र्व बैंक: अर्थशास्त्री पिनाकी चक्रवर्ती

हाल के समय में विभिन्न हलकों से यह मांग की जा रही है कि भारतीय रिज़र्व बैंक को करेंसी की छपाई कर राजकोषीय घाटे का वित्तपोषण करना चाहिए. रिज़र्व बैंक द्वारा राजकोषीय घाटे के मौद्रिकरण का आशय यह है कि केंद्रीय बैंक सरकार के किसी आपात ख़र्च को पूरा करने के लिए करेंसी छापे और राजकोषीय घाटे को पूरा करे. पिनाकी चक्रवर्ती ने उम्मीद जताई कि कोरोना वायरस की यदि कोई बड़ी तीसरी लहर नहीं होती है, तो भारत का

क्या 2021 का बजट भारत को विकास की पटरी पर वापस ला सकता है

सरकार उम्मीद कर रही है कि भौतिक ओर सामाजिक- दोनों की तरह के बुनियादी ढांचे पर उसके द्वारा किया जाने वाला बड़ा खर्च नई आय पैदा करेगा, जिससे ख़र्च भी बढ़ेगा. पूंजीगत ख़र्चे में इस बढ़ोतरी का लाभ 4-5 साल में दिखेगा, बशर्ते इसका अमल सही हो.

आर्थिक सर्वेक्षण 2018-19: जीडीपी 7 फीसदी रहने का अनुमान, 5.8 फीसदी रहा राजकोषीय घाटा

पिछले वित्त वर्ष में जीडीपी की वृद्धि दर 6.8 फीसदी पर थी. आर्थिक सर्वेक्षण में 2025 तक देश की अर्थव्यवस्था का आकार दोगुने से अधिक कर 5,000 अरब डॉलर पर पहुंचाने की विस्तृत रूपरेखा पेश की गई है.

साल भर में अनुमान से करीब दो लाख करोड़ रुपये बढ़ा राजकोषीय घाटा

कंट्रोलर जनरल ऑफ अकाउंट्स के आंकड़ों के अनुसार, अप्रैल 2018 से फरवरी 2019 के दौरान राजकोषीय घाटा 8.51 लाख करोड़ रुपये रहा है जो पूरे साल के लिए संशोधित बजट अनुमान 6.34 लाख करोड़ रुपये से 134.2 प्रतिशत अधिक है.